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गंगा की चपेट में आया आशियाना, मवेशियों संग पलायन को मजबूर हुए लोग, 1500 बाढ़ पीड़ित फंसे

पटना में गंगा के जलस्तर (Ganga Water Level) में लगातार बढ़ोतरी होने के कारण अब लोग एक जगह से दूसरी जगह पलायन (Migration) करने को मजबूर हैं. दियारा क्षेत्र में रहने वाले लोगों के घरों में गंगा ने अपनी जगह बना ली है. सभी का घर अब पूरी तरह ढह चुका है. देखें रिपोर्ट..

पटना
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Published : Aug 12, 2021, 8:45 PM IST

Updated : Aug 12, 2021, 9:28 PM IST

पटना: बिहार के पटना में गंगा के जलस्तर (Ganga Water Level) में लगातार बढ़ोतरी के चलते अब लोग एक जगह से दूसरी जगह पलायन (Migration) कर रहे हैं. अपने बच्चों, जानवरों और सामान के साथ लोग शहरी इलाकों में सड़क के किनारे अपनी-अपनी जगह बनाने लगे हैं. पटना के कलेक्ट्रेट घाट पर दियारा क्षेत्र से आकर ये लोग अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं.

ये भी पढ़ें- गंगा ने पटना के झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों पर बरपाया कहर, जहां सोते थे वहां कमरभर पानी

दरअसल, दियारा इलाके में बाढ़ के कारण हाहाकार मचा हुआ है. लोग भूखे प्यासे किराए की नाव के सहारे मवेशियों के साथ छोटे-छोटे बच्चों को लेकर पटना पहुंच रहे हैं. अभी तक पटना जिला प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है. नतीजतन, लोग कलेक्ट्रेट घाट के आसपास ही खुले आसमान के नीचे रोते-बिलखते बच्चों के साथ रहने के लिए मजबूर हैं.

देखें रिपोर्ट

बाढ़ पीड़ित ने बताया कि अभी भी लगभग 1500 से ज्यादा लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं. प्रशासन की ओर से फंसे हुए लोगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. लोग एक-एक नाव का किराया 5000 रुपए देकर पटना कलेक्ट्रेट घाट पहुंच रहे हैं. पीड़ित ने आगे बताया कि दियारा इलाके में बाढ़ के कारण भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है.

ये भी पढ़ें- हर साल बहा ले जाती है बाढ़... बचाने के लिए ये है सरकार का मास्टर प्लान

''हम लोग अब काफी परेशान हो चुके हैं. हम लोगों के घरों में भी पानी भर चुका है. लोग अपने-अपने बच्चों और सामान के साथ पलायन करने लगे हैं. सरकार के द्वारा कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है और नाव वाले किराए के नाम पर 5000 से 7000 रुपए मांग रहे हैं. किसी तरह जान बचाकर अपने परिवार और मवेशियों के साथ हम लोग पटना के कलेक्ट्रेट घाट पहुंचे हैं. जब तक गंगा का जलस्तर कम नहीं होगा, तब तक किसी तरह यहीं पर जीवन यापन करेंगे.''- हरेश्वर सिंह, बाढ़ पीड़ित

बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने भी गंगा नदी का सड़क मार्ग से जायजा लिया और फिर हवाई सर्वेक्षण किया था. इसके बाद उन्होंने आला अधिकारियों और 12 जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक की. सीएम ने निर्देश दिया कि बाढ़ राहत शिविर में पैदा होने वाले बच्चों के परिजनों को आर्थिक मदद दी जाए. उन्होंने जल संसाधन विभाग (Water Resources Department) और 12 जिलों के डीएम को अलर्ट रहने का निर्देश दिया.

ये भी पढ़ें- बाढ़ राहत शिविर में पैदा हुई बेटी तो मिलेंगे 15 हजार, बेटे को 10 हजार

"गंगा जल का स्तर तो बढ़ रहा है. हम जब भी कभी हेलिकॉप्टर से जा रहे थे तो दोनों की स्थिति को देख रहे थे. मंगलवार को इस संबंध में एक बैठक की. गंगा का जलस्तर और बढ़ने की संभावना है. इसी चलते मैं कई जगह की स्थिति देखने निकला था. 2016 में गंगा में इस तरह पानी आया था. उस समय गंगा के किनारे के 12 जिले प्रभावित हुए थे. इन जिलों को बाढ़ राहत संबंधी तैयारी रखने को कहा गया है."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

गंगा नदी का जलस्तर लगातार नई ऊंचाई को छू रहा है. पटना के विभिन्न घाटों पर पिछले कई दिनों से जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. जल संसाधन मंत्री संजय झा ने भी कहा है कि मध्य प्रदेश में हो रही बारिश के कारण गंगा में उफान है. 2 से 3 दिन तक खतरा है. ऐसे विभाग पूरी तरह अलर्ट है. गंगा के किनारे स्थित 12 जिलों को पूरी तरह बाढ़ से तैयारी करने का निर्देश दिया गया है. मुख्यमंत्री पूरे मामले की खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

पटना: बिहार के पटना में गंगा के जलस्तर (Ganga Water Level) में लगातार बढ़ोतरी के चलते अब लोग एक जगह से दूसरी जगह पलायन (Migration) कर रहे हैं. अपने बच्चों, जानवरों और सामान के साथ लोग शहरी इलाकों में सड़क के किनारे अपनी-अपनी जगह बनाने लगे हैं. पटना के कलेक्ट्रेट घाट पर दियारा क्षेत्र से आकर ये लोग अपना जीवन यापन करने को मजबूर हैं.

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दरअसल, दियारा इलाके में बाढ़ के कारण हाहाकार मचा हुआ है. लोग भूखे प्यासे किराए की नाव के सहारे मवेशियों के साथ छोटे-छोटे बच्चों को लेकर पटना पहुंच रहे हैं. अभी तक पटना जिला प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई है. नतीजतन, लोग कलेक्ट्रेट घाट के आसपास ही खुले आसमान के नीचे रोते-बिलखते बच्चों के साथ रहने के लिए मजबूर हैं.

देखें रिपोर्ट

बाढ़ पीड़ित ने बताया कि अभी भी लगभग 1500 से ज्यादा लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं. प्रशासन की ओर से फंसे हुए लोगों के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. लोग एक-एक नाव का किराया 5000 रुपए देकर पटना कलेक्ट्रेट घाट पहुंच रहे हैं. पीड़ित ने आगे बताया कि दियारा इलाके में बाढ़ के कारण भयावह स्थिति उत्पन्न हो गई है.

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''हम लोग अब काफी परेशान हो चुके हैं. हम लोगों के घरों में भी पानी भर चुका है. लोग अपने-अपने बच्चों और सामान के साथ पलायन करने लगे हैं. सरकार के द्वारा कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है और नाव वाले किराए के नाम पर 5000 से 7000 रुपए मांग रहे हैं. किसी तरह जान बचाकर अपने परिवार और मवेशियों के साथ हम लोग पटना के कलेक्ट्रेट घाट पहुंचे हैं. जब तक गंगा का जलस्तर कम नहीं होगा, तब तक किसी तरह यहीं पर जीवन यापन करेंगे.''- हरेश्वर सिंह, बाढ़ पीड़ित

बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने भी गंगा नदी का सड़क मार्ग से जायजा लिया और फिर हवाई सर्वेक्षण किया था. इसके बाद उन्होंने आला अधिकारियों और 12 जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक की. सीएम ने निर्देश दिया कि बाढ़ राहत शिविर में पैदा होने वाले बच्चों के परिजनों को आर्थिक मदद दी जाए. उन्होंने जल संसाधन विभाग (Water Resources Department) और 12 जिलों के डीएम को अलर्ट रहने का निर्देश दिया.

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"गंगा जल का स्तर तो बढ़ रहा है. हम जब भी कभी हेलिकॉप्टर से जा रहे थे तो दोनों की स्थिति को देख रहे थे. मंगलवार को इस संबंध में एक बैठक की. गंगा का जलस्तर और बढ़ने की संभावना है. इसी चलते मैं कई जगह की स्थिति देखने निकला था. 2016 में गंगा में इस तरह पानी आया था. उस समय गंगा के किनारे के 12 जिले प्रभावित हुए थे. इन जिलों को बाढ़ राहत संबंधी तैयारी रखने को कहा गया है."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

गंगा नदी का जलस्तर लगातार नई ऊंचाई को छू रहा है. पटना के विभिन्न घाटों पर पिछले कई दिनों से जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. जल संसाधन मंत्री संजय झा ने भी कहा है कि मध्य प्रदेश में हो रही बारिश के कारण गंगा में उफान है. 2 से 3 दिन तक खतरा है. ऐसे विभाग पूरी तरह अलर्ट है. गंगा के किनारे स्थित 12 जिलों को पूरी तरह बाढ़ से तैयारी करने का निर्देश दिया गया है. मुख्यमंत्री पूरे मामले की खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

Last Updated : Aug 12, 2021, 9:28 PM IST
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