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AIIMS में अब तक 24 लोगों ने किया प्लाज्मा डोनेट, जानिए कितनी कारगर है प्लाज्मा थेरेपी

प्रदेश के लोग प्लाज्मा डोनेट करने में अब अपनी दिलचस्पी दिखाने में लगे हैं. एम्स में अब तक 24 लोगों ने प्लाज्मा डोनेट किया है. अभी कई और लोग भी इसके लिए आगे आए हैं. कोरोना संक्रमण काल में ये अच्छी बात है.

प्लाजमा थेरेपी
प्लाजमा थेरेपी
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Published : Jul 18, 2020, 9:51 AM IST

पटनाः प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल की पहल पर शुक्रवार को एम्स में प्लाज्मा डोनेशन ऑपरेशन शुरू किया गया. जहां पहले दिन 6 लोगों ने अपना प्लाज्मा डोनेट किया. हालांकि प्लाज्मा देने के लिए कुल 9 लोग आगे आये थे, लेकिन 6 लोगों का ही प्लाज्मा लिया गया. इसमें नालन्दा से 2, खगड़िया , बक्सर, बेगूसराय से 1-1 डोनर ने अपना प्लाज्मा डोनेट किया.

प्रमंडलीय आयुक्त श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि पहले दिन विभिन्न जिलों से प्लाज्मा डोनेट करने के लिए कुल 9 करोना योद्धा आगे आए. इसमें से 3 लोग जांच के पैरामीटर में सही नहीं पाए गए. जिस कारण 6 लोगों का ही प्लाज्मा लिया गया. जिन 6 लोगों ने अपना प्लाजमा डोनेट किया है उनमें से सदर हॉस्पिटल खगड़िया के डॉक्टर शशिकांत, बेगूसराय के नितेश, बक्सर के लव कुमार और नालन्दा के प्रदीप एवं संतोष हैं. एम्स में अब तक 24 लोगों ने प्लाजमा डोनेट किया है.

डोनेटर के चेहरे पर दिखी खुशी
ब्लड प्लाजमा डोनेट करने के बाद करोना योद्धाओं के चेहरे पर खुशी की लहर दिखी. कोरोना योद्धाओं ने बताया कि बड़ी खुशी की बात है कि हमलोगों की एक छोटी सी पहल से किसी की जिंदगी बच सकती है. इस नेक कार्य के लिए अन्य लोगों को भी सामने आना चाहिए,जो करोना से जंग जीत कर वापस लौटे हैं.

दिया गया थैंक यू और ब्लड डोनर कार्ड
प्लाजमा डोनेट करने के बाद सभी लोगों को एम्स प्रशासन की ओर से थैंक यू कार्ड और ब्लड डोनर कार्ड दिया गया. साल भर के अंदर उनके परिवार के लिए कभी भी ब्लड की आवश्यकता होने पर एक यूनिट ब्लड दिया जा सकेगा. बहुत जल्द ही संबंधित जिला प्रशासन के जरिए सभी डोनर को कोरोना योद्धा का सम्मान भी दिया जाएगा.

प्लाजमा डोनेट करने के लिए आ रहे हैं लोग आगे
आयुक्त श्री संजय कुमार ने बताया कि पटना प्रमंडल में शुक्रवार से प्लाजमा डोनेशन ऑपरेशन की शुरुआत की गई है. अगले पांच दिनों के लिए 20 डोनर प्लाजमा डोनेट करने के लिए सहर्ष तैयार हुए हैं. कई लोग प्लाज्मा डोनेट करने के लिए खुद ही आगे आ रहे हैं.

हर जिलों में प्लाजमा डोनर कोषांग का गठन
आयुक्त ने पटना प्रमंडल के सभी जिलाधिकारियों को अपने जिलों में स्पेशल प्लाजमा डोनर कोषांग का गठन करने का निर्देश दिया है. सभी जिलों का रोस्टर निर्धारित किया जाएगा. जिसके आधार पर जिला पदाधिकारी प्लाज्मा डोनर को ऐम्स पटना भेजेंगे. एम्स में उनके प्लाज्मा डोनेशन के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी.

अब तक 24 लोगों ने डोनेट किया प्लाजमा
शुक्रवार तक 24 लोगों ने अपना ब्लड प्लाजमा डोनेट किया है. इसके पूर्व 18 लोगों ने डोनेट किया था. राज्य में पहला प्लाजमा डोनेट खाजपुरा, पटना के दीपक कुमार ने किया है. पटना के रहने वाले दीपक कुमार ने दो बार प्लाजमा डोनेट किया है. प्लाजमा डोनेट करने से कई कोराना संक्रमित मरीजों की जान बचाई जा सकी है.

प्लाजमा डोनेट करने से नहीं होती है कोई कमजोरी
एम्स के चिकित्सकों ने बताया वे सभी व्यक्ति जिन्होंने करोना पर विजय प्राप्त की है और 4 हफ्ते हो चुके हैं वह अपना प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं. इससे किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती है. इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है. अब तक जिन 18 व्यक्तियों ने डोनेट किया है उनके कारण 18 व्यक्तियों की जिंदगी को बचाया जा सका है. जिनकी स्थिति काफी क्रिटिकल थी.

ये भी पढ़ेंः बिहार में कोरोना से 173 लोगों की मौत, संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर हुआ 23 हजार के पार

एम्स में रोजाना 4 लोगों के प्लाजमा संग्रहण की है व्यवस्था
पटना एम्स में रोजाना अधिकतम 4 लोगों के प्लाज्मा संग्रहण की वर्तमान क्षमता है. प्रमंडलीय आयुक्त ने बताया कि डोनर की संख्या बढ़ने पर प्लाज्मा कलेक्शन की सुविधा भी बढ़ाई जाएगी. ताकि अधिक से अधिक लोग प्लाजमा डोनेट कर सकें. इसके लिए जिलों में काउंसलिंग की भी व्यवस्था की जा रही है. संबंधित लोगों की काउंसलिंग कर प्लाजमा डोनेशन के लिए प्रेरित किया जाएगा.

एक व्यक्ति के शरीर से निकाले गए खून से 4 लोगों का इलाज
कोरोना से ठीक हो चुके एक व्यक्ति के शरीर से निकाले गए खून से कोरोना पीड़ित चार अन्य लोगों का इलाज किया जा सकता है. प्लाज्मा थेरेपी सिस्टम इस धारणा पर काम करता है कि जो मरीज किसी संक्रमण से उबर कर ठीक हो जाते हैं. उनके शरीर में वायरस के संक्रमण को बेअसर करने वाले प्रतिरोधी एंटीबॉडीज विकसित हो जाते हैं. इसके बाद उस वायरस से पीड़ित नए मरीजों के खून में ठीक हो चुके मरीज का खून डालकर एंटीबॉडीज के जरिए नए मरिजों के वायरस को खत्म किया जा सकता है.

कैसे काम करती है कोरोना संक्रमितों पर प्लाजमा थेरेपी
प्लाज्मा थेरेपी के पीछे आइडिया यह है कि इस तरह की रोग प्रतिरोधक क्षमता ब्लड प्लाज्मा थेरेपी के जरिए एक स्वस्थ व्यक्ति से बीमार व्यक्ति के शरीर में ट्रांसफर की जा सकती है. कान्वलेसन्ट प्लाज्मा का मतलब कोविड-19 संक्रमण से ठीक हो चुके व्यक्ति से लिए गए ब्लड के एक अवयव से है. प्लाज्मा थेरेपी में बीमारी से ठीक हो चुके लोगों के एंटीबॉडीज से युक्त ब्लड का इस्तेमाल बीमार लोगों को ठीक करने में किया जाता है.

प्लाजमा डोनर के आने-जाने के लिए वाहन की व्यवस्था
प्लाजा डोनर को दूसरे जिला से पटना आने-जाने में किसी तरह की कोई परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष वाहन की व्यवस्था कराई जाएगी. उन्हें घर से लाने और प्लाजा डोनेशन के बाद पुनः घर से पहुंचाने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाएगी.

पटनाः प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल की पहल पर शुक्रवार को एम्स में प्लाज्मा डोनेशन ऑपरेशन शुरू किया गया. जहां पहले दिन 6 लोगों ने अपना प्लाज्मा डोनेट किया. हालांकि प्लाज्मा देने के लिए कुल 9 लोग आगे आये थे, लेकिन 6 लोगों का ही प्लाज्मा लिया गया. इसमें नालन्दा से 2, खगड़िया , बक्सर, बेगूसराय से 1-1 डोनर ने अपना प्लाज्मा डोनेट किया.

प्रमंडलीय आयुक्त श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि पहले दिन विभिन्न जिलों से प्लाज्मा डोनेट करने के लिए कुल 9 करोना योद्धा आगे आए. इसमें से 3 लोग जांच के पैरामीटर में सही नहीं पाए गए. जिस कारण 6 लोगों का ही प्लाज्मा लिया गया. जिन 6 लोगों ने अपना प्लाजमा डोनेट किया है उनमें से सदर हॉस्पिटल खगड़िया के डॉक्टर शशिकांत, बेगूसराय के नितेश, बक्सर के लव कुमार और नालन्दा के प्रदीप एवं संतोष हैं. एम्स में अब तक 24 लोगों ने प्लाजमा डोनेट किया है.

डोनेटर के चेहरे पर दिखी खुशी
ब्लड प्लाजमा डोनेट करने के बाद करोना योद्धाओं के चेहरे पर खुशी की लहर दिखी. कोरोना योद्धाओं ने बताया कि बड़ी खुशी की बात है कि हमलोगों की एक छोटी सी पहल से किसी की जिंदगी बच सकती है. इस नेक कार्य के लिए अन्य लोगों को भी सामने आना चाहिए,जो करोना से जंग जीत कर वापस लौटे हैं.

दिया गया थैंक यू और ब्लड डोनर कार्ड
प्लाजमा डोनेट करने के बाद सभी लोगों को एम्स प्रशासन की ओर से थैंक यू कार्ड और ब्लड डोनर कार्ड दिया गया. साल भर के अंदर उनके परिवार के लिए कभी भी ब्लड की आवश्यकता होने पर एक यूनिट ब्लड दिया जा सकेगा. बहुत जल्द ही संबंधित जिला प्रशासन के जरिए सभी डोनर को कोरोना योद्धा का सम्मान भी दिया जाएगा.

प्लाजमा डोनेट करने के लिए आ रहे हैं लोग आगे
आयुक्त श्री संजय कुमार ने बताया कि पटना प्रमंडल में शुक्रवार से प्लाजमा डोनेशन ऑपरेशन की शुरुआत की गई है. अगले पांच दिनों के लिए 20 डोनर प्लाजमा डोनेट करने के लिए सहर्ष तैयार हुए हैं. कई लोग प्लाज्मा डोनेट करने के लिए खुद ही आगे आ रहे हैं.

हर जिलों में प्लाजमा डोनर कोषांग का गठन
आयुक्त ने पटना प्रमंडल के सभी जिलाधिकारियों को अपने जिलों में स्पेशल प्लाजमा डोनर कोषांग का गठन करने का निर्देश दिया है. सभी जिलों का रोस्टर निर्धारित किया जाएगा. जिसके आधार पर जिला पदाधिकारी प्लाज्मा डोनर को ऐम्स पटना भेजेंगे. एम्स में उनके प्लाज्मा डोनेशन के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी.

अब तक 24 लोगों ने डोनेट किया प्लाजमा
शुक्रवार तक 24 लोगों ने अपना ब्लड प्लाजमा डोनेट किया है. इसके पूर्व 18 लोगों ने डोनेट किया था. राज्य में पहला प्लाजमा डोनेट खाजपुरा, पटना के दीपक कुमार ने किया है. पटना के रहने वाले दीपक कुमार ने दो बार प्लाजमा डोनेट किया है. प्लाजमा डोनेट करने से कई कोराना संक्रमित मरीजों की जान बचाई जा सकी है.

प्लाजमा डोनेट करने से नहीं होती है कोई कमजोरी
एम्स के चिकित्सकों ने बताया वे सभी व्यक्ति जिन्होंने करोना पर विजय प्राप्त की है और 4 हफ्ते हो चुके हैं वह अपना प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं. इससे किसी प्रकार की कमजोरी नहीं आती है. इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है. अब तक जिन 18 व्यक्तियों ने डोनेट किया है उनके कारण 18 व्यक्तियों की जिंदगी को बचाया जा सका है. जिनकी स्थिति काफी क्रिटिकल थी.

ये भी पढ़ेंः बिहार में कोरोना से 173 लोगों की मौत, संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर हुआ 23 हजार के पार

एम्स में रोजाना 4 लोगों के प्लाजमा संग्रहण की है व्यवस्था
पटना एम्स में रोजाना अधिकतम 4 लोगों के प्लाज्मा संग्रहण की वर्तमान क्षमता है. प्रमंडलीय आयुक्त ने बताया कि डोनर की संख्या बढ़ने पर प्लाज्मा कलेक्शन की सुविधा भी बढ़ाई जाएगी. ताकि अधिक से अधिक लोग प्लाजमा डोनेट कर सकें. इसके लिए जिलों में काउंसलिंग की भी व्यवस्था की जा रही है. संबंधित लोगों की काउंसलिंग कर प्लाजमा डोनेशन के लिए प्रेरित किया जाएगा.

एक व्यक्ति के शरीर से निकाले गए खून से 4 लोगों का इलाज
कोरोना से ठीक हो चुके एक व्यक्ति के शरीर से निकाले गए खून से कोरोना पीड़ित चार अन्य लोगों का इलाज किया जा सकता है. प्लाज्मा थेरेपी सिस्टम इस धारणा पर काम करता है कि जो मरीज किसी संक्रमण से उबर कर ठीक हो जाते हैं. उनके शरीर में वायरस के संक्रमण को बेअसर करने वाले प्रतिरोधी एंटीबॉडीज विकसित हो जाते हैं. इसके बाद उस वायरस से पीड़ित नए मरीजों के खून में ठीक हो चुके मरीज का खून डालकर एंटीबॉडीज के जरिए नए मरिजों के वायरस को खत्म किया जा सकता है.

कैसे काम करती है कोरोना संक्रमितों पर प्लाजमा थेरेपी
प्लाज्मा थेरेपी के पीछे आइडिया यह है कि इस तरह की रोग प्रतिरोधक क्षमता ब्लड प्लाज्मा थेरेपी के जरिए एक स्वस्थ व्यक्ति से बीमार व्यक्ति के शरीर में ट्रांसफर की जा सकती है. कान्वलेसन्ट प्लाज्मा का मतलब कोविड-19 संक्रमण से ठीक हो चुके व्यक्ति से लिए गए ब्लड के एक अवयव से है. प्लाज्मा थेरेपी में बीमारी से ठीक हो चुके लोगों के एंटीबॉडीज से युक्त ब्लड का इस्तेमाल बीमार लोगों को ठीक करने में किया जाता है.

प्लाजमा डोनर के आने-जाने के लिए वाहन की व्यवस्था
प्लाजा डोनर को दूसरे जिला से पटना आने-जाने में किसी तरह की कोई परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े, इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा विशेष वाहन की व्यवस्था कराई जाएगी. उन्हें घर से लाने और प्लाजा डोनेशन के बाद पुनः घर से पहुंचाने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की जाएगी.

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