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बड़े-बड़े नेताओं को सदन में भेजने के बाद भी नहीं सुधरी यहां के लोगों की जिंदगी

सरकार की उदासीन रवैये का खामियाजा राघोपुर के लोगों को भुगतना पड़ रहा है. जान जोखिम में डालकर लोग नाव से यात्रा कर रहे हैं.

नाव पर सवार दूल्हे की गाड़ी
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Published : Jul 13, 2019, 4:38 PM IST

पटना: पीपा पुल टूटने के बाद लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. राघोपुर के लोग नाव के सहारे जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि इस इलाके से कई बड़े नेता और मुख्यमंत्री तक रहे हैं, लेकिन किसी ने आज तक इस ओर ध्यान नहीं दिया.

सड़क पर चलने वाली गाड़ियां नाव पर सवार
कभी पटरी पर रेल, तो कभी रेल पर पटरी की कहावत तो आपने सुनी होगी. उसी कहावत को ये दृश्य चरितार्थ करता है. सड़क पर चलने वाली गाड़ियां आज नाव पर यात्री बनकर सवार हैं. बाइक से लेकर दूल्हे की गाड़ी भी नाव पर सवार है.

patna
जान जोखिम में डालकर यात्रा करते लोग

जान हथेली पर रखकर यात्रा करते हैं लोग
आज भी राघोपुर के लोग अपनी जान हथेली पर रखकर आवागमन करते हैं. गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद लहरें जब तेज उफान मारती हैं तो नाव पर सवार लोगों की धड़कने तेज हो जाती है. डर के साये में जी रहे हजारों लोग प्रतिदिन राघोपुर से पटना जाते हैं. इन्हें हमेशा इस बात का भय रहता है कि ओवरलोड होने के कारण नाव कहीं गंगा की गोद में न समा जाए.

patna
जान जोखिम में डालकर यात्रा करते लोग

सरकार की अनदेखी
उत्तरी बिहार और दक्षिणी बिहार को जोड़ने वाला महात्मा गांधी सेतु पुल बनने के बाद आज तक कोई भी स्थाई पुल का निर्माण राजधानी पटना में नहीं कराया गया. राघोपुर विधान सभा आज तक उपेक्षित है. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और पूर्व मुख्यंमत्री राबड़ी देवी राघोपुर सीट से जीती थीं. अब इस सीट पर उनके पुत्र और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विराजमान हैं. लेकिन आज तक इस गंगा के ऊपर किसी स्थाई पुल का निर्माण नहीं हो सका.

पेश है रिपोर्ट

डर के साये में जी रहे लोग
लोगों का कहना हैं कि ये परेशानी आज की नहीं, बल्कि सदियों पुरानी है. अगर रात में किसी की तबीयत भी खराब हो जाए तो इन्हें नाव से ही जाना पड़ता है. गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी होती है. इधर डीएम साहब रात में नाव न चलाने का फरमान भी जारी करते हैं. सरकार की उदासीन रवैये से लोगों में मायूसी है.

पटना: पीपा पुल टूटने के बाद लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. राघोपुर के लोग नाव के सहारे जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि इस इलाके से कई बड़े नेता और मुख्यमंत्री तक रहे हैं, लेकिन किसी ने आज तक इस ओर ध्यान नहीं दिया.

सड़क पर चलने वाली गाड़ियां नाव पर सवार
कभी पटरी पर रेल, तो कभी रेल पर पटरी की कहावत तो आपने सुनी होगी. उसी कहावत को ये दृश्य चरितार्थ करता है. सड़क पर चलने वाली गाड़ियां आज नाव पर यात्री बनकर सवार हैं. बाइक से लेकर दूल्हे की गाड़ी भी नाव पर सवार है.

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जान जोखिम में डालकर यात्रा करते लोग

जान हथेली पर रखकर यात्रा करते हैं लोग
आज भी राघोपुर के लोग अपनी जान हथेली पर रखकर आवागमन करते हैं. गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद लहरें जब तेज उफान मारती हैं तो नाव पर सवार लोगों की धड़कने तेज हो जाती है. डर के साये में जी रहे हजारों लोग प्रतिदिन राघोपुर से पटना जाते हैं. इन्हें हमेशा इस बात का भय रहता है कि ओवरलोड होने के कारण नाव कहीं गंगा की गोद में न समा जाए.

patna
जान जोखिम में डालकर यात्रा करते लोग

सरकार की अनदेखी
उत्तरी बिहार और दक्षिणी बिहार को जोड़ने वाला महात्मा गांधी सेतु पुल बनने के बाद आज तक कोई भी स्थाई पुल का निर्माण राजधानी पटना में नहीं कराया गया. राघोपुर विधान सभा आज तक उपेक्षित है. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और पूर्व मुख्यंमत्री राबड़ी देवी राघोपुर सीट से जीती थीं. अब इस सीट पर उनके पुत्र और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव विराजमान हैं. लेकिन आज तक इस गंगा के ऊपर किसी स्थाई पुल का निर्माण नहीं हो सका.

पेश है रिपोर्ट

डर के साये में जी रहे लोग
लोगों का कहना हैं कि ये परेशानी आज की नहीं, बल्कि सदियों पुरानी है. अगर रात में किसी की तबीयत भी खराब हो जाए तो इन्हें नाव से ही जाना पड़ता है. गर्भवती महिलाओं को काफी परेशानी होती है. इधर डीएम साहब रात में नाव न चलाने का फरमान भी जारी करते हैं. सरकार की उदासीन रवैये से लोगों में मायूसी है.

Intro:उत्तरी बिहार और दक्षिणी बिहार को जोड़ने बाला महात्मा गाँधी सेतु पुल बनने के बाद आज तक कोई भी स्थाई पुल का निर्माण राजधानी पटना में नही हुआ।जबकि राघोपुर विधान सभा हाई प्रोफाइल शीट होने के बाबजूद आज तक उपेक्षित है क्योंकि इसी शीट से बिहार के रह चुके कद्दावर मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव विहार के भूतपूर्व प्रथम महिला मुख्यमंत्री राबड़ी देवी इसी राघोपुर से जीतकर बनी थी,उसके बाद अभी भी इस शीट पर उनके पुत्र बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के रूप में विराजमान है लेकिन आज तक इस गंगा के ऊपर स्थाई पुल का निर्माण न हो सका।नतीजन आज भी राघोपुर के लोग पटना आने के लिये मौत का रास्ता नाव पर सवार होकर गंगा की लहड़ो को चीरते हुए आते चाहे उनकी जान ही क्यों न जाय।नाव पर बड़ी बड़ी गाड़ियों की सवारी देखनी है तो इस जगह पहुँचे सीधा लाइव देखेंगे कि नाव पर अपनी अपनी बाइक पर सवार होकर रेस में जाने का इंतजार कैसे करते है खुद ही अपने आँख से देखिये आप हैरत में पर जायेंगे।


Body:स्टोरी:-मौत का रास्ता।
रिपोर्ट:-,पटना सिटी से अरुण कुमार।
दिनांक:-12-07-019.
एंकर:-गंगा में नाव की सवारी करना मौत के मुँह में जाना ये बात लगभग सबलोग जानते है कि उसके बाबजूद लोग नाव की सवारी करते है कारण उनकी मजबूरी है अपनी अपनी मंजिल तक पहुँचना।गंगा का जलस्तर बढ़ने के बाद गंगा की लहरें जब तेज उफान मारती है तो उस समय नाव पर सवार लोगो की धड़कने तेज हो जाती है।कारण एक नाव उस पर सवार बड़ी बड़ी गाड़ियां, बाईक उसके बाद इंसान इतना लोड एक डगमगाती नाव पर मानो नाव पर चढ़ने बाले लोगो का क्या हर्षर होता होगा यह तो वो ही लोग जानते होंगे।
v/o1-कभी पटरी पर रेल-तो कभी रेल पर पटरी का कहावत आपने सुना होगा,ठीक उसी कहाबत का चरितार्थ है यह गंगा।कभी बड़ी बड़ी गाड़ियां सड़क पर सरसराती हुई चलती है और आज वही गाड़िया नाव पर सवार होकर यात्री बन वैठा है और अपनी पारी का इंतजार करता कि कब मेँ यात्री से सवारी बनू।आप सीधे लाइव तस्वीर को देखिये कैसे लोग अपना जान जोखिम में डालकर गाडी नाव पर चढ़ाते और उतारते है कब किस समय थोड़ी सी चूक सीधे गंगा की गोद मे समा जायेंगे लोग क्योंकि हर नाव पर क्षमता से ज्यादा लोग वैठे है।देखिये ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट मौत का रास्ता।
बाईट(उमेश रॉय-समाजसेवी)


Conclusion:मौत का रास्ता बनी यह गंगा जिसे जाने के बाद आपके रौंगटे खड़े हो जायेंगे।
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