पटना: बिहार के भ्रष्ट लोक सेवकों (Corrupt Officers In Bihar) के खिलाफ लगातार चल रही कार्रवाई में कहीं न कहीं कोरोना महामारी बाधा बनकर सामने आई है. विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार आर्थिक अपराध इकाई (Bihar Economic Offences Unit), स्पेशल विजिलेंस यूनिट, निगरानी विभाग के साथ-साथ पुलिस मुख्यालय के कई अधिकारी और कर्मी कोरोना संक्रमित हो गए हैं. इसके कारण भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई रुक गई है. बता दें कि भ्रष्ट लोक सेवकों के खिलाफ अभियान चलाकर सख्त कार्रवाई की जा रही थी. कोरोना संक्रमण के कारण फिलहाल इसे रोक दिया गया है.
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रिश्वतखोरी से लेकर आय से अधिक संपत्ति के मामले में बिहार की तीनों जांच एजेंसियों का ऑपरेशन अचानक रुक गया है. पिछले एक हफ्ते में कोई भी बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है. आर्थिक अपराध इकाई, स्पेशल विजिलेंस यूनिट और निगरानी विभाग द्वारा विगत दिनों में लगभग 20 से ज्यादा एक के बाद एक लोक सेवकों के ठिकानों पर छापेमारी की गयी. जहां से करोड़ों की संपत्ति भी जब्त गई. वहीं, जनवरी में अचानक कोरोना संक्रमण के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि के कारण जांच एजेंसियां भी पूरी तरह सावधानी बरत रही है.
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बालू के अवैध धंधे में संलिप्त पाए जाने के बाद दो एसपी समेत चार डीएसपी और कई विभागों के आला अधिकारियों के यहां भी कार्रवाई की गयी थी. जहां आय से अधिक संपत्ति मामले के तहत तलाशी ली गई थी. बता दें कि अब तक कुल 41 अधिकारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है.
बिहार में पिछले 3 महीनों में भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई के दौरान लगभग 600 करोड़ रुपये की राशि जब्त हुई है. उन पर कार्रवाई चल रही है. कई और लोक सेवकों पर कार्रवाई होनी बाकी है. विशेष सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार कई सफेदपोश, ठेकेदार और माफिया भी पुलिस के निशाने पर हैं. कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होते ही फिर से अभियान चलाया जाएगा. लगभग 24 से अधिक लोगों को चिन्हित किया गया है, जिन पर कार्रवाई की जानी है.
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