पटना: रेलवे परिसर और ट्रेनों की सुरक्षातंत्र को मजबूत करने के लिए पटना के राजेंद्र नगर जंक्शन (Rajendra Nagar Terminal Railway Station) और पटना जंक्शन (Patna Junction) पर 3 स्कैनर मशीन लगाए गए हैं. इससे स्टेशन की सुरक्षा और मजबूत होगी. स्टेशन आने वाले प्रत्येक वाहन को अब इस परीक्षा से गुजरना होगा.
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यूवीएसएस से सुरक्षा
राजधानी पटना के रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा को और अपग्रेड किया जा रहा है. और इसी कड़ी में कुल 3 मशीनें लगाई गई हैं. यह मशीन जंक्शन पर आने वाले चार पहिया वाहन और तीन पहिया वाहनों के चेचिस की तस्वीरें लेगी और अगर किसी वाहन के चेचिस में बम या किसी प्रकार की कोई ज्वलनशील वस्तु होने पर तुरंत इसकी सूचना सुरक्षाकर्मियों को मिलेगी.
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ऐसा कोई भी वाहन जक्शन पर प्रवेश करने की कोशिश करेगा तो ये मशीन उस वाहन की पहचान कर सूचना तुरंत सबंधित सुरक्षा अधिकारियों तक पहुंचा देगी.
'पटना जंक्शन और राजेंद्र नगर जंक्शन पर आने वाली गाड़ियों की चेचिस से किसी प्रकार की कोई छेड़छाड़ की गई या कोई अपनी गाड़ी के चेचिस में बम छुपाकर जंक्शन पर ले जा रहा है. वैसी गाड़ियों के चेचिस को स्कैन करने के साथ-साथ यह मशीन उस गाड़ी के नंबर को कैच कर लेगी. साथ ही गाड़ी को चला रहे ड्राइवर की तस्वीर भी कैद होगी.'- राहुल, सॉफ्टवेयर इंजीनियर
ऐसे काम करता है यूवीएसएस
दरअसल पटना जंक्शन सहित राजेंद्र नगर जंक्शन पर लगी यह अंडर व्हीकल स्कैनर सिस्टम मशीन जंक्शन पर आने वाली गाड़ियों के चेचिस को स्कैन करने का काम करेगी.
'यह मशीन उस गाड़ी में किये गए छेड़छाड़ का पता लगाने के साथ गाड़ी में प्लांट किये गए बम को भी ढूंढ़ निकालने में सक्षम है. पटना जंक्शन पर दो मशीनें लगाई गई हैं. वहीं राजेंद्र नगर जंक्शन पर एक अंडर व्हीकल स्कैनर सिस्टम को लगाया गया है.'- राहुल, सॉफ्टवेयर इंजीनियर
'इस मशीन की दो लाख गाड़ियों को रीड करने की क्षमता है. और सुरक्षा के दृष्टिकोण से जंक्शन पर लगेज स्कैनर सिस्टम भी काफी पहले से लगे हुए हैं. इस अंडर व्हीकल स्कैनिंग सिस्टम के लगाए जाने के बाद राजेंद्र नगर जंक्शन की सुरक्षा और चुस्त हो गई है. अगर कोई आतंकी भी अपनी गाड़ी में बम लेकर जंक्शन पर प्रवेश करता है तो उसे तुरंत डिटेक्ट कर कार्रवाई की जाएगी.'- ऋतुराज कश्यप, आरपीएफ थाना प्रभारी, राजेंद्र नगर
ऐसे काम करेगा यूवीएसएस
यूवीएसएस सिस्टम (Under Vehicle Surveillance System) के बैरियर से होकर जैसे ही वाहन गुजरेंगे, ड्राइवर और बगल की सीट में बैठे दोनों व्यक्तियों की फोटो आ जाएगी. वाहन के आगे और पीछे लिखे नंबर भी सिस्टम तुरंत पढ़ लेगा. इसके साथ ही वाहन भी पूरी तरह स्कैन हो जाएगा. वाहन के अंदर जो भी वस्तु होगी वह स्क्रीन पर अपने वास्तविक आकार में दिखायी देगी. एक सेकेंड के भीतर यूवीएसएस अपना काम पूरा कर लेगा. इस दौरान वाहनों को रोका नहीं जाएगा. वाहन के अंदर संदिग्ध वस्तु होने के शक पर आरपीएफ जवान उसकी जांच करेंगे.