पटनाः कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने को लेकर बिहार में लगाए गए 10 दिनों का लॉकडाउन 15 तारीख को खत्म हो रहा है. लेकिन जैसे-जैसे लाॅकडाउन अपने अंतिम दिन की ओर बढ़ रहा है, वैसे-वैसे पुलिस प्रशासन की फुर्ती और सख्ती, सुस्ती में बदलने लगी है. राजधानी पटना की सड़कों पर लॉकडाउन का मिलाजुला असर ही देखने को मिल रहा है.
लॉकडाउन के बीच लोगों का सड़कों पर निकलना नहीं थम रहा है, संक्रमण का मामला जरूर कम हुआ है, पहले की अपेक्षा मामलों में कमी देखने को जरूर मिल रही है. लेकिन लोगों की लापरवाह और पुलिस प्रशासन में सुस्ती भी दिखने लगी है. जो ये बताती है कि घटे हुए मामले झांकी भर हैं.
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ऐसे कैसे कम होंगे कोरोना के मामले?
शुरुआती दिनों में पुलिस प्रशासन भी लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाने के लिए धूप में खड़े होकर लोगों से बिना बाहर निकलने का कारण पूछे बगैर उन्हें जाने नहीं देती थी. लेकिन इन दिनों पुलिस के सिपाही बस पुलिस चौकीयों पर ड्यूटी बजाते दिखाई देते हैं. ईटीवी भारत की टीम ने लाॅकडाउन का हाल जानने के लिए पटना के सबसे व्यस्त वाले डाक बंगला चौराहे का रुख किया. यहां जो नजारा कैमरे में कैद हुआ वो लाॅकडाउन के बाद की परिस्थितियों की झलक दिखाता है.
यहां साफ दिखता है कि पुलिस के लोग अपनी चौकियों में खड़े होकर आपस में बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर लोग आसानी से नियमों का उल्लंघन करते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा रहे हैं. खानापूर्ति के नाम पर सुबह-शाम पुलिस जरूर मुस्तैद नजर आती है, लोगों को रुकवाया भी जाता है कारण भी पूछा जाता है. लेकिन दिन ढलने के साथ ही पुलिस की सख्ती भी जवाब दे जाती है.
राजधानी में हर तरफ कमोबेश यही तस्वीरें
राजधानी से आई ये तस्वीरें बताती हैं कि लॉकडाउन के बीच लोग अगर घरों से निकल कर सड़कों पर घूमेंगे तो कोरोना पर लगाम लगाना मुश्किल हो सकता है. वहीं आमजन के साथ ही सरकार के लिए भी परेशानी बढ़ सकती है. पटना जंक्शन से लेकर गांधी मैदान तक कमोबेश यहीं तस्वीरें हैं. ऐसे में कोरोना के मामलों में आई कमी से जो उम्मीदें बंध रही थी उनपर भी धूल की चादर बिछती दिख रही है.