पटना: फुलवारीशरीफ टेरर मॉड्यूल (Phulwari Sharif Terror Module) मामले में पटना पुलिस ने मरगुब अहमद दानिश उर्फ ताहिर को 48 घंटे की रिमांड पर लिया है. रिमांड अवधि के दौरान पुलिस ताहिर से कड़ाई से पूछताछ करेगी. इसके लिए पटना पुलिस और एटीएस ने सवालों की लंबी लिस्ट तैयार कर रखी है. वहीं, एनआईए भी गिरफ्तार ताहिर से पूछताछ करेगी. ताहिर गजवा-ए-हिन्द और अन्य कट्टरपंथी संगठनों से जुड़ा है.
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ताहिर अब उगलेगा राज: गजवा-ए-हिंद का सोशल मीडिया प्रमुख मरगुब अहमद दानिश उर्फ ताहिर (Tahir was associated with Ghazwa e Hind) फुलवारीशरीफ का रहनेवाला है. 2006-2020 तक वो दुबई में काम करता था. पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो (Patna SSP Manavjit Singh Dhillon) के मुताबिक उसका फोन नंबर इंटरसेप्ट किया गया, जिसमें राष्ट्रविरोधी कंटेंट पाया गया. फुलवारीशरीफ के एएसपी मनीष कुमार ने बताया कि मर्गुव अहमद दानिश उर्फ ताहिर को रिमांड पर लेने की मांग की गई थी, कोर्ट ने हमें 48 घंटे की रिमांड दी. उसके नेटवर्क के बारे में पूछताछ की जाएगी, खासकर उन अंतरराष्ट्रीय लोगों के बारे में जो इसमें शामिल हो सकते हैं.
पटना टेरर मॉड्यूल में ED की एंट्री : इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को बिहार के फुलवारी शरीफ टेरर माड्यूल मामले में मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) रोकथाम का मामला दर्ज (ED investigate in Phulwari Sharif Terror Module) किया, जहां पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के सदस्यों को अत्यधिक आपत्तिजनक सामग्री के साथ पाया गया था, जो भारत को 2047 तक एक इस्लामिक राज्य बनाने का संकेत देता है. ईडी ने बिहार पुलिस से दस्तावेज ले लिए हैं. केंद्रीय एजेंसी पीएफआई की फंडिंग की जांच करेगी.
बिहार पुलिस ने पाया था कि पीएफआई (PFI) सदस्यों के प्रतिबंधित संगठन सिमी से संबंध थे. बिहार पुलिस ने इस सिलसिले में अब तक एफआईआर में शामिल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है और इस मामले में करीब 26 संदिग्धों की पहचान की है. पुलिस जांच ने संकेत दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके रडार पर थे. इसके बाद, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बिहार समेत देश के सभी राज्यों को अलर्ट जारी किया है. बिहार पुलिस मुख्यालय ने इस संबंध में राज्य के सभी जिलों को पत्र लिख कर सतर्क किया है.
फुलवारी शरीफ केस में मनी लाउंड्रिंग की जांच शुरू: पटना पुलिस ने अतहर परवेज और मोहम्मद जलालुद्दीन को फुलवारी शरीफ इलाके से गिरफ्तार किया था. उनके कहने पर मार्गूब दानिश, अरमान मलील और शब्बीर के रूप में पहचाने गए तीन और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. वे कथित तौर पर एक आतंकी मॉड्यूल चला रहे थे और मुस्लिम युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहे थे. परवेज सिमी का सदस्य बताया जाता है और युवाओं को ट्रेनिंग देता था. परवेज के भाई मंजर आलम को पटना के गांधी मैदान बम विस्फोट के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था जो 2013 में मोदी की हुंकार रैली के दौरान हुआ था. आलम बोधगया विस्फोट में भी शामिल था. वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में है. मोहम्मद जलालुद्दीन भी सिमी का सदस्य बताया जाता है.
मिशन इस्लामिक स्टेट: पुलिस ने दावा किया है कि उन्होंने रैली के दौरान आतंकी हमले को अंजाम देने की कोशिश की थी. पुलिस ने जलालुद्दीन और परवेज के पास से ऐसे दस्तावेज बरामद किए हैं जिनमें लिखा है कि वे 2047 तक भारत को इस्लामिक राज्य बना देंगे. युवकों को फिजिकल ट्रेनिंग दिलाने के बहाने पटना में उनका ब्रेनवॉश कर रहे थे. वे कथित तौर पर मुस्लिम युवकों को हिंदुओं के खिलाफ भड़का रहे थे. इस बीच, पीएफआई ने कहा है कि उसने कभी कोई आपत्तिजनक दस्तावेज प्रकाशित नहीं किया है.
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