पटना: पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) ने शहर के मवेशी पालकों से हर माह टैक्स वसूलने की तैयारी कर ली है. पटना नगर निगम (Patna Nagar Nigam) की 50वीं स्टैंडिंग कमेटी (Standing Committee) की बैठक में 8 एजेंडों पर मुहर लगी है.
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नाले में बहा देते हैं गोबर
निगम प्रशासन का दावा है कि शहर में मवेशी पालक खटाल का गोबर नाले में बहा देते हैं. इसके चलते आए दिन नाला जाम हो जाता है. अब ऐसा करने पर मवेशी पालकों से निगम प्रशासन फाइन वसूलेगा. नगर निगम ने खटाल के गोबर को सही जगह पहुंचाने का फैसला किया है. इसके लिए मवेशी पालकों से हर माह प्रति मवेशी 30 रुपये शुल्क लिया जाएगा.
शुल्क में किया बदलाव
स्टैंडिंग कमिटी में लिए गए फैसले को लेकर पटना नगर निगम के नगर आयुक्त हिमांशु शर्मा ने बताया कि मेयर की अध्यक्षता में 50वीं स्टैंडिंग कमेटी की बैठक की गई. बैठक में सबसे महत्वपूर्ण निर्णय सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट (Solid Waste Management) को लेकर हुआ है. सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के पुराने नियम को बदला गया है. कमर्शियल रेजिडेंशियल से लिए जाने वाले शुल्क में बदलाव किया गया है.
सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर निगम की नई दर
- रेस्टोरेंट (150 वर्ग फुट तक) 400 रुपये मासिक
- रेस्टोरेंट (150 वर्ग फुट से अधिक) 500 रुपये मासिक
- होटल (मेन रोड पर अवस्थित) 5000 रुपये मासिक
- होटल (अन्य रोड पर अवस्थित) 4000 रुपये मासिक
- स्कूल (प्राइमरी) 400 रुपये मासिक
- स्कूल (सेकेंडरी हाई अथवा दोनों) 500 रुपये मासिक
- स्कूल (प्राइमरी, सेकेंडरी और हाई) 600 रुपये मासिक
- कॉलेज 750 रुपये मासिक
- यूनिवर्सिटी 1000 रुपये मासिक
- हॉस्पिटल (20 बेड तक) 1000 रुपये मासिक
- हॉस्पिटल (21 बेड से 50 बेड तक) 2000 रुपये मासिक
- हॉस्पिटल (51 बेड से 100 बेड तक) 3000 रुपये मासिक
- हॉस्पिटल (100 बेड से 200 बेड तक) 4000 रुपये मासिक
- हॉस्पिटल (200 बेड से अधिक) 5000 रुपये मासिक
- एग्जीबिशन और ट्रेड फेयर्स (स्थायी) 2500 रुपये मासिक
- एग्जीबिशन और ट्रेड फेयर (अस्थायी) 200 रुपये प्रतिदिन
- वर्कशॉप (दो पहिया और तीन पहिया वाहन) 800 रुपये मासिक
- वर्कशॉप (चार पहिया वाहन और उससे अधिक वाहन ) 1000 रुपये मासिक
- गौशाला प्रति पशु 30 रुपये प्रतिमाह
- क्लब 1500 रुपये प्रतिमाह
- सब्जी मंडी 20 रुपये प्रति विक्रेता प्रतिमाह
गंदगी फैलाने पर लगेगा जुर्माना
गंदगी फैलाने वाले पशुपालकों पर जुर्माना भी निगम प्रशासन की तरफ से तय किया गया है. निगम प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि पशुपालकों द्वारा सड़क, पार्क, खुले क्षेत्र, नाला, गटर आदि में मवेशियों के गोबर आदि फेंकने से न केवल निगम क्षेत्र में गंदगी फैलती है बल्कि नाला आदि भी जाम हो जाता है. इससे जल निकासी की समस्या उत्पन्न होती है. इसलिए पशु पालक इस तरह की लापरवाही न करें. यदि लापरवाही करते हुए पाए गए तो निगम प्रशासन उनसे 500 रुपये जुर्माना वसूल करेगा.
वाहनों के रखरखाव और मरम्मति के लिए वर्कशॉप की व्यवस्था
ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में पटना नगर निगम के 12 सौ वाहनों का उपयोग हो रहा है. वाहनों की तकनीकी समस्या को दूर करने के लिए पटना नगर निगम के स्तर पर वर्कशॉप का संचालन किया जाएगा. यहां वाहनों की मरम्मत होगी. उस वर्कशॉप के लिए आउटसोर्सिंग के माध्यम से मानव बल की भर्ती की जाएगी. मैकेनिक के दो पद होंगे. इन्हें प्रति माह 30 हजार रुपये वेतन मिलेगा. सहायक के दो पद हैं. इन्हें 20 हजार रुपये प्रति माह वेतन मिलेगा.
लीज आवंटन के लिए लैंड डिस्पोजेबल कमेटी का होगा गठन
स्टैंडिंग कमेटी की बैठक में लीज आवंटन के लिए लैंड डिस्पोजेबल कमेटी की गठन की स्वीकृति मिली है. पटना नगर निगम क्षेत्र में विकास प्राधिकार और पटना नगर निगम परिसंपत्तियों के आवंटन व निष्पादन के लिए महापौर की अध्यक्षता में एक लैंड डिस्पोजल कमेटी के गठन की स्वीकृति दी गई है. अगली बैठक में समिति के सदस्यों के नाम पर सशक्त स्थाई समिति द्वारा निर्णय लिया जाएगा. कमेटी के अनुमोदन के बाद नगर विकास और आवास विभाग को निगम प्रशासन नाम भेजेगा.
जलापूर्ति योजना के लिए 9 करोड़ रुपये स्वीकृत
पटना नगर निगम क्षेत्र में शहरवासियों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए निगम प्रशासन ने 9 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है. इससे वार्ड संख्या 6 में 11 एचडीपीई पाइप बिछाई जाएगी.
ई-बिल सॉफ्टवेयर मैनेजमेंट सिस्टम में कार्यरत मानव बल की सेवा अवधि का विस्तार
ई-बिल सॉफ्टवेयर मैनेजमेंट सिस्टम में कार्यरत मानव बल की सेवा 1 वर्ष तक विस्तारित की गई है. पटना नगर निगम द्वारा मुख्यालय में प्रमंडल स्तर पर क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं की जानकारी इ-बिल मैनेजमेंट सिस्टम पर अपडेट की जाती है. निगम में एजेंसी के माध्यम से प्राइवेट मैनेजर, डाटाबेस स्पेशलिस्ट और 16 डाटा एंट्री ऑपरेटर की सेवाएं ली जा रही हैं.
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