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'सरकार की नीतियों से घाटे में चल रहा पटना नगर निगम' - होल्डिंग माफिया

नगर निगम के सशक्त समिति के सदस्य ने आरोप लगाया है कि सरकार के असहयोग के कारण निगम घाटे में चल रही है. शहर के साफ-सफाई के साथ गलियों में स्ट्रीट लाइट आदि लगाने अभी भी सक्षम नहीं है. वहीं, जन प्रतिनिधियों ने सरकार पर बेवजह हस्तक्षेप का आरोप लगाया है.

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पटना नगर निगम
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Published : Jan 14, 2020, 11:49 PM IST

पटना: बिहार सरकार के कारण पटना नगर निगम लंबे समय से घाटे में चल रहा है. शहर का विकास साफ-सफाई से लेकर सौन्दर्यीकरण के लिए निगम पैसे का मुहताज है. निगम को हर काम के लिए सरकार के आगे हाथ फैलाना पड़ता है. नगर निगम के बैठक के दौरान सशक्त समिति के सदस्य डॉ. आशीष सिन्हा ने सरकार पर असहयोग करने का आरोप लगाया है.

2011 के जनगणना के अनुसार 17 लाख आवादी वाला यह शहर 17 किलोमीटर लंबा और 8 किलोमीटर चौड़ा है. लेकिन निगम स्वंतत्र संस्था होने के बाद भी अपना खर्च नहीं निकाल पा रहा है. निगम में आय के स्त्रोत को लेकर अधिकारी और जनप्रतिनिधि लगातार जूझ रहे हैं. वहीं, जनप्रतिनिधि सरकार पर निगम में लगातार हस्तक्षेप का आरोप लगा रहे हैं. निगम के अस्थाई सदस्यों का कहना है कि उनके प्रपोजल को सरकार रिजेक्ट कर देती है. ऐसे हालात में निगम अपना आय कैसे बढ़ाएं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

निगम के मत्थे सिर्फ विफलता
जनप्रतिनिधियों के मुताबिक सरकार की तरफ से राशि लेटलतीफ नियम और शर्तों के साथ कटौती करके मिलता है. लेकिन विफलता के समय निगम के माथे सारी विफलता मढ़ दी जाती है. हालांकि पटना नगर निगम आय बढ़ाने के लिए कई तरह की योजना लेकर आई है. जिसमें मल्टीप्लेक्स, मार्केट कॉम्पलेक्स, होटल और होर्डिंग से होने वाली आय से निगम को आर्थिक मदद पहुंचा सकता था लेकिन हर प्रोजेक्ट को बिहार सरकार रिजेक्ट करते गई.

होल्डिंग माफिया से परेशान नगर निगम
शहर में लगने वाले होर्डिंग का हाल भी बुरा है. नगर निगम एक भी वोटिंग का परमिशन नहीं दिया है. लेकिन पूरे शहर में होल्डिंग दिखाई देते हैं. आखिर इसका पैसा कहां जा रहा है यह निगम को भी पता नहीं है. सशक्त समिति के सदस्य डॉ. आशीष सिन्हा का कहना है कि इस पर निगम जब भी कार्रवाई करती है तो होल्डिंग माफिया कोर्ट से स्टे लेकर काम रुकवा देते हैं ऐसी स्थिति में है निगम अपनी अपनी आर्थिक स्थिति कैसे सुधार पाएगी.

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पटना नगर निगम की बैठक में अपनी बात रखते डॉ. आशीष सिन्हा

कई सालों से नहीं बढ़ा टैक्स
पिछले कई सालों से निगम की तरफ से होल्डिंग टैक्स, नल के जल का टैक्स के अलावा अलावा किसी भी तरह का टैक्स नहीं बढ़ाया गया है. बिहार सरकार के हस्तक्षेप की वजह से निगम अपने मुताबिक शहर के अंदर साफ-सफाई और गलियों में स्ट्रीट लाइट आदि लगाने अभी भी सक्षम नहीं है.

पटना: बिहार सरकार के कारण पटना नगर निगम लंबे समय से घाटे में चल रहा है. शहर का विकास साफ-सफाई से लेकर सौन्दर्यीकरण के लिए निगम पैसे का मुहताज है. निगम को हर काम के लिए सरकार के आगे हाथ फैलाना पड़ता है. नगर निगम के बैठक के दौरान सशक्त समिति के सदस्य डॉ. आशीष सिन्हा ने सरकार पर असहयोग करने का आरोप लगाया है.

2011 के जनगणना के अनुसार 17 लाख आवादी वाला यह शहर 17 किलोमीटर लंबा और 8 किलोमीटर चौड़ा है. लेकिन निगम स्वंतत्र संस्था होने के बाद भी अपना खर्च नहीं निकाल पा रहा है. निगम में आय के स्त्रोत को लेकर अधिकारी और जनप्रतिनिधि लगातार जूझ रहे हैं. वहीं, जनप्रतिनिधि सरकार पर निगम में लगातार हस्तक्षेप का आरोप लगा रहे हैं. निगम के अस्थाई सदस्यों का कहना है कि उनके प्रपोजल को सरकार रिजेक्ट कर देती है. ऐसे हालात में निगम अपना आय कैसे बढ़ाएं.

ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट

निगम के मत्थे सिर्फ विफलता
जनप्रतिनिधियों के मुताबिक सरकार की तरफ से राशि लेटलतीफ नियम और शर्तों के साथ कटौती करके मिलता है. लेकिन विफलता के समय निगम के माथे सारी विफलता मढ़ दी जाती है. हालांकि पटना नगर निगम आय बढ़ाने के लिए कई तरह की योजना लेकर आई है. जिसमें मल्टीप्लेक्स, मार्केट कॉम्पलेक्स, होटल और होर्डिंग से होने वाली आय से निगम को आर्थिक मदद पहुंचा सकता था लेकिन हर प्रोजेक्ट को बिहार सरकार रिजेक्ट करते गई.

होल्डिंग माफिया से परेशान नगर निगम
शहर में लगने वाले होर्डिंग का हाल भी बुरा है. नगर निगम एक भी वोटिंग का परमिशन नहीं दिया है. लेकिन पूरे शहर में होल्डिंग दिखाई देते हैं. आखिर इसका पैसा कहां जा रहा है यह निगम को भी पता नहीं है. सशक्त समिति के सदस्य डॉ. आशीष सिन्हा का कहना है कि इस पर निगम जब भी कार्रवाई करती है तो होल्डिंग माफिया कोर्ट से स्टे लेकर काम रुकवा देते हैं ऐसी स्थिति में है निगम अपनी अपनी आर्थिक स्थिति कैसे सुधार पाएगी.

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पटना नगर निगम की बैठक में अपनी बात रखते डॉ. आशीष सिन्हा

कई सालों से नहीं बढ़ा टैक्स
पिछले कई सालों से निगम की तरफ से होल्डिंग टैक्स, नल के जल का टैक्स के अलावा अलावा किसी भी तरह का टैक्स नहीं बढ़ाया गया है. बिहार सरकार के हस्तक्षेप की वजह से निगम अपने मुताबिक शहर के अंदर साफ-सफाई और गलियों में स्ट्रीट लाइट आदि लगाने अभी भी सक्षम नहीं है.

Intro: बिहार सरकार के नीतियों के कारण आज पटना नगर निगम अपना खर्च भी निकालने में अक्षम है जिसके कारण शहर के साफ सफाई के साथ-साथ संदेश करण पर भी असर पड़ता है


Body:पटना-- पटना नगर निगम लंबे समय से सरकार के रवैया के कारण घाटे में चल रहा है शहर का विकास साफ-सफाई सुंदरीकरण इस सबके लिए सरकार के पैसे को मुहताज है ,हर काम करने के लिए सरकार के तरफ हाथ फैलाना पड़ता है 2011 के जनगणना के अनुसार 17 लाख आवादी बाला यह शहर जहा 17 km लंबा तो 8 km चौड़ा है आज निगम स्वंतत्र संस्था होते हुए भी अपनी खर्च नही निकाल पाता है निगम में आय कैसे हो इसको लेकर निगम के अधिकारी के साथ जनप्रतिनिधि लगातार जूझ रहे हैं और बिहार सरकार पर हद से ज्यादा हस्तक्षेप का आरोप लगा रहे हैं निगम के अस्थाई सदस्यों का कहना है कि हम लोग को ही पर पूजा बनाते हैं तो सरकार उसे रिजेक्ट कर देती है तो इस हालात में हम अपनी आय कैसे बढ़ाएं सरकार द्वारा जो भी राशि मिलती है वह भी समय पर नहीं मिलता और जो मिलता है वह नियम और शर्तों के साथ कटौती करके मिलता है लेकिन जब विफलता का समय आता है तो उन निगम के माथे सारी विफलता मढ़ दी जाती है हम आपको बता दें कि पटना नगर निगम अपनी आय बढ़ाने के लिए कई तरह की योजना लेकर आई जैसे मल्टीप्लेक्स मार्केट कंपलेक्स होटल और होर्डिंग से होने वाली आय को यह निगम को काफी हद तक आर्थिक मदद पहुंचा सकता था लेकिन हर प्रोजेक्ट को बिहार सरकार डिलीट करते गई शहर में लगने वाले हार्डिंग का तो और भी बुरा हाल है नगर निगम एक भी वोटिंग का परमिशन नहीं दिया है लेकिन आपको पूरे शहर में होल्डिंग दिखाई देंगे आखिर इसका पैसा कहां जा रहा है यह निगम को पता नहीं हैइसपर निगम जब भी कार्रवाई करता है तो होल्डिंग माफिया कोर्ट से स्टे लेकर काम को रुकवा देते हैं ऐसी स्थिति में है निगम कहां से अपनी आर्थिक स्थिति सुधार पाएगी

बाइट--डॉ आशीष सिन्हा ,जन प्रतिनिधि, pmc


Conclusion:पिछले कई सालों से निगम होल्डिंग टैक्स जल और नल का टैक्स के अलावा किसी भी तरह का टैक्स को नहीं बढ़ा पाया है कारन बिहार सरकार द्वारा हस्तक्षेप ऐसी स्थिति में निगम अपने अनुसार शहर को साफ सफाई और गलियों में स्ट्रीट लाइट आदि लगाने अभी सक्षम नहीं है
अरविन्द राठौर etv भारत
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