पटना: राजधानी में चल रहे मेट्रो प्रोजेक्ट की रफ्तार धीमी होती दिख रही है. बारिश और कोरोना के कारण काम बाधित हो गया है. जिस कारण पटनावासियों के 2024 तक मेट्रो में चढ़ने का सपना अधूरा रह सकता है, लेकिन नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा का दावा है कि काम तय समय पर पूरा हो जाएगा.
नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा की मानें तो कोरोना संक्रमण की वजह से जारी लॉकडाउन और अब बरसात के कारण काम में बाधा पहुंच रही है. हालांकि, नगर विकास विभाग प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण के लिए टीम भी गठित कर चुका है. लेकिन बिहार मे बढ़ते संक्रमण के चलते दोबारा से लॉकडाउन लागू कर दिया गया जिसके कारण भूमि अधिग्रहण करना मे बाधा उत्पन्न हो रही है.
कैसे पूरा होगा पटना मेट्रो का सपना?
सीएम नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक पटना मेट्रो परियोजना में लगातार बाधा आ रही है. केन्द्र सरकार ने पटना मेट्रो के लिए नए चेयरमैन के तौर पर कामरान रिजवी की नियुक्ति की ताकि काम मे तेजी लाई जा सके. लेकिन संक्रमण और बरसात के कारण काम में जबरदस्त असर होता नजर आ रहा है. लॉकडाउन लागू होने से पहले मार्च महीने मे पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए मिट्टी की सैंपल के लिए खुदाई की प्रक्रिया पूरी हो गई थी. लेकिन लॉकडाउन के वजह से रिपोर्ट आने मे देरी हो रही है. कोई भी अधिकारी फिलहाल इस पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
बनाए जाने हैं दो कॉरिडोर
बता दें कि पटना मेट्रो का काम दिल्ली मेट्रो कारपोरेशन और पटना मेट्रो कारपोरेशन के जरिए पूरा किया जा रहा है. इसमें दो कॉरिडोर हैं. इसके निर्माण के लिए सभी जगहों से मिट्टी का सैंपल ले लिया गया है. अब केवल रिपोर्ट आने का इंतजार हो रहा है.
ये हैं दो कॉरिडोर
- बी-दीघा, दीघा घाट, आईआईटी, नया पाटलिपुत्र कॉलोनी और शिवपुरी
- डाक बांग्ला चौराहा, गांधी मैदान, कारगिल चौक, पीएमसीएच ,पटना यूनिवर्सिटी, प्रेमचंद रंगशाला, दिनकर चौक, राजेंद्र नगर, नालंदा मेडिकल कॉलेज, कुम्हरार पार्क, महात्मा गांधी सेतु, जीरो माइल और आईएसबीटी