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काम नहीं मिलने से तंगी की हालत में पहुंच गए हैं कुली, ग्रुप D में नौकरी की फिर उठाई मांग

कुलियों के मुताबिक रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद बैच दिया जाता है. लेकिन कई कुलियों की यह बैच विरासत में मिलता है. पटना जंक्शन पर कई कुलियों ने अपने बच्चों को कुली का बैच सौंप दिया है.

ग्रुप D की नौकरी की मांग
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Published : Aug 8, 2019, 12:41 PM IST

पटना: पटना जंक्शन के कुलियों के आर्थिक हालात कुछ ठीक नहीं है. यहां इनकी मजबूरी सुनने वाला कोई नहीं है. महंगाई का दौर और ट्रॉली बैग के बढ़ते प्रचलन ने इनके धंधे को मंदा कर दिया है. कुलियों की दिन भर की कमाई 100 से 150 रुपये तक सीमित होकर रह गई है. कुलियों ने एक बार फिर से रेलवे के ग्रुप डी में बहाली की मांग उठाई है.

'हमारी शिकायत सुनने वाला कोई नहीं'
पटना जंक्शन के कुलियों को काम के अभाव ने कमाई पर ग्रहण लगा दिया है. जंक्शन के कुली मौजूदा हालात से खुश नहीं हैं. ईटीवी से बातचीत में कुलियों ने अपना दुःख-दर्द साझा किया. उन्होंने बताया कि पटना में उनका कोई एसोसिएशन नहीं है, जो उनकी समस्या सुन सके. रिटायरिंग रूम के पंखे खराब हैं. साफ-सफाई भी ठीक ढंग से नहीं होती है. न पानी की व्यवस्था है न शौचालय. पिछले तीन महीने से पानी के लिए तरस रहे हैं. सरकार की तरफ से कोई भी सुविधा नहीं दी जाती है.

patna junction porters
अपनी मांग रखते कुली

विरासत में मिला है कुली बैच
कुलियों के मुताबिक रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद बैच दिया जाता है. लेकिन कई कुलियों की यह बैच विरासत में मिलता है. पटना जंक्शन पर कई कुलियों ने अपने बच्चों को कुली का बैच सौंप दिया है. वहीं कुलियों ने सरकार से पहले की तरह ही ग्रुप डी में बहाल करने की मांग की है.

तंगी के हालात से गुजर रहे पटना जंक्शन के कुली

कुलियों की ग्रुप डी में हो बहाली
कुलियों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि कुलियों को ग्रुप डी की नौकरी दी गई थी. उसी प्रकार केंद्र सरकार को पहल करनी चाहिए. रेलवे में बाकि बचे कुलियों को ग्रुप डी की नौकरी दे. पिछली बार जब कुलियों की ग्रुप डी में बहाली हुई थी, तब कई कुली छूट गए थे. साथ ही सरकार कुलियों के स्वास्थ्य बीमा संबंधी कुछ करें. गौरतलब है कि 2008 में निवर्तमान रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने कुलियों को ग्रुप डी में बहाली करवायी थी.

पटना: पटना जंक्शन के कुलियों के आर्थिक हालात कुछ ठीक नहीं है. यहां इनकी मजबूरी सुनने वाला कोई नहीं है. महंगाई का दौर और ट्रॉली बैग के बढ़ते प्रचलन ने इनके धंधे को मंदा कर दिया है. कुलियों की दिन भर की कमाई 100 से 150 रुपये तक सीमित होकर रह गई है. कुलियों ने एक बार फिर से रेलवे के ग्रुप डी में बहाली की मांग उठाई है.

'हमारी शिकायत सुनने वाला कोई नहीं'
पटना जंक्शन के कुलियों को काम के अभाव ने कमाई पर ग्रहण लगा दिया है. जंक्शन के कुली मौजूदा हालात से खुश नहीं हैं. ईटीवी से बातचीत में कुलियों ने अपना दुःख-दर्द साझा किया. उन्होंने बताया कि पटना में उनका कोई एसोसिएशन नहीं है, जो उनकी समस्या सुन सके. रिटायरिंग रूम के पंखे खराब हैं. साफ-सफाई भी ठीक ढंग से नहीं होती है. न पानी की व्यवस्था है न शौचालय. पिछले तीन महीने से पानी के लिए तरस रहे हैं. सरकार की तरफ से कोई भी सुविधा नहीं दी जाती है.

patna junction porters
अपनी मांग रखते कुली

विरासत में मिला है कुली बैच
कुलियों के मुताबिक रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद बैच दिया जाता है. लेकिन कई कुलियों की यह बैच विरासत में मिलता है. पटना जंक्शन पर कई कुलियों ने अपने बच्चों को कुली का बैच सौंप दिया है. वहीं कुलियों ने सरकार से पहले की तरह ही ग्रुप डी में बहाल करने की मांग की है.

तंगी के हालात से गुजर रहे पटना जंक्शन के कुली

कुलियों की ग्रुप डी में हो बहाली
कुलियों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि कुलियों को ग्रुप डी की नौकरी दी गई थी. उसी प्रकार केंद्र सरकार को पहल करनी चाहिए. रेलवे में बाकि बचे कुलियों को ग्रुप डी की नौकरी दे. पिछली बार जब कुलियों की ग्रुप डी में बहाली हुई थी, तब कई कुली छूट गए थे. साथ ही सरकार कुलियों के स्वास्थ्य बीमा संबंधी कुछ करें. गौरतलब है कि 2008 में निवर्तमान रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने कुलियों को ग्रुप डी में बहाली करवायी थी.

Intro:डे प्लान स्टोरी

पटना स्टेशन पर कुलियों की आर्थिक हालात अच्छे नहीं हैं. कुलियों की मजबूरी सुनने वाला कोई नहीं है.. ट्रॉली बैग का बढ़ता प्रचलन और जब से स्टेशन पर एक्सलेटर लगा है… लोग अपने ट्रॉली लेकर खुद जाना पसंद कर रहे हैं.. कुलियों को काम का अभाव है और उनकी बुकिंग करने वाला नहीं मिल रहा है.. दिन भर में कुलियों की मुश्किल से दो बुकिंग हो पा रही है और कोई कोई ही कुली दिन भर में 100 से डेढ़ सौ रुपए कमा पा रहे हैं.


Body:कुलियों ने बताया कि पटना में उनका कोई एसोसिएशन ही नहीं है जो उनकी समस्या भी सुन सके. उन्होंने कहा कि स्टेशन पर जो कुलियों का रिटायरिंग रूम है वहां पंखे खराब है. साफ सफाई भी बहुत ही खराब है और हर वक्त पानी बहता रहता है. कुलियों ने बताया कि उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है जिसके बाद उन्हें बैच मिलता है और कई कुलियों की कुली की परंपरा विरासत से चली आ रही है. कई कुलियों ने अपने बच्चों को कुली का बैच सौंपा है जो अभी वर्तमान में पटना जंक्शन पर कुली हैं. कुलियों की सरकार से मांग है कि उन्हें ग्रुप डी में बहाल किया जाए.


Conclusion:कुलियों ने सरकार से मांग की कि 2008 में लालू यादव ने जिस तरह कुलियों को ग्रुप डी की नौकरी दी थी उसी प्रकार यह केंद्र सरकार भी पहल करें और कुलियों को ग्रुप डी की नौकरी दें. पिछली बार जब कुलियों की ग्रुप डी में बहाली हुई थी तब कई खुली छूट गए थे. उन्होंने कहा कि सरकार कुलियों के स्वास्थ्य बीमा संबंधी कुछ करें.
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