पटना: पटना जंक्शन के कुलियों के आर्थिक हालात कुछ ठीक नहीं है. यहां इनकी मजबूरी सुनने वाला कोई नहीं है. महंगाई का दौर और ट्रॉली बैग के बढ़ते प्रचलन ने इनके धंधे को मंदा कर दिया है. कुलियों की दिन भर की कमाई 100 से 150 रुपये तक सीमित होकर रह गई है. कुलियों ने एक बार फिर से रेलवे के ग्रुप डी में बहाली की मांग उठाई है.
'हमारी शिकायत सुनने वाला कोई नहीं'
पटना जंक्शन के कुलियों को काम के अभाव ने कमाई पर ग्रहण लगा दिया है. जंक्शन के कुली मौजूदा हालात से खुश नहीं हैं. ईटीवी से बातचीत में कुलियों ने अपना दुःख-दर्द साझा किया. उन्होंने बताया कि पटना में उनका कोई एसोसिएशन नहीं है, जो उनकी समस्या सुन सके. रिटायरिंग रूम के पंखे खराब हैं. साफ-सफाई भी ठीक ढंग से नहीं होती है. न पानी की व्यवस्था है न शौचालय. पिछले तीन महीने से पानी के लिए तरस रहे हैं. सरकार की तरफ से कोई भी सुविधा नहीं दी जाती है.
विरासत में मिला है कुली बैच
कुलियों के मुताबिक रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद बैच दिया जाता है. लेकिन कई कुलियों की यह बैच विरासत में मिलता है. पटना जंक्शन पर कई कुलियों ने अपने बच्चों को कुली का बैच सौंप दिया है. वहीं कुलियों ने सरकार से पहले की तरह ही ग्रुप डी में बहाल करने की मांग की है.
कुलियों की ग्रुप डी में हो बहाली
कुलियों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि कुलियों को ग्रुप डी की नौकरी दी गई थी. उसी प्रकार केंद्र सरकार को पहल करनी चाहिए. रेलवे में बाकि बचे कुलियों को ग्रुप डी की नौकरी दे. पिछली बार जब कुलियों की ग्रुप डी में बहाली हुई थी, तब कई कुली छूट गए थे. साथ ही सरकार कुलियों के स्वास्थ्य बीमा संबंधी कुछ करें. गौरतलब है कि 2008 में निवर्तमान रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने कुलियों को ग्रुप डी में बहाली करवायी थी.