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Patna High Court: राज्य अनुसूचित जाति आयोग और महिला आयोग के क्रियाशील नहीं होने पर कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

बिहार में राज्य अनुसूचित जाति आयोग और महिला आयोग के क्रियाशील नहीं होने के मामले में पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से जबाव तलब किया है. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ इस मामले पर सुनवाई कर रही है. 23 जून को इस मामले पर अगली सुनवाई होगी.

पटना हाईकोर्ट
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Published : Apr 25, 2023, 10:15 PM IST

पटना: पटना हाइकोर्ट (Patna High Court) ने बिहार में राज्य अनुसूचित जाति आयोग और महिला आयोग के क्रियाशील नहीं होने के मामले में राज्य सरकार से जबाव तलब किया है. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन (Chief Justice KV Chandran) की खंडपीठ ने राजीव कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- Patna High Court : 75 हजार शिक्षकों के फोल्डर लापता, फर्जी नियुक्ति केस पर सरकार को 3 महीने की मोहलत

राज्य अनुसूचित जाति आयोग और महिला आयोग नहीं है क्रियाशील: याचिकाकर्ता राजीव कुमार के वकील विकास कुमार पंकज ने कोर्ट को बताया कि राज्य अनुसूचित जाति आयोग, जिसमें मई 2016 से कई पद रिक्त पड़े हैं. राज्य महादलित आयोग, जिसमें 2017 से कई पद रिक्त पड़े हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग है, जो 2018 से सभी पद रिक्त हैं. वह भी प्रभावी ढंग से कार्य नहीं कर रहा है. इसका खामियाजा आमलोगों को भुगतना पड़ रहा है.

सरकार के वकील ने मांगा समय: याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि राज्य महिला आयोग की स्थिति भी कोई अलग नहीं है. वहां भी नवम्बर 2020 से सभी पद रिक्त पड़े हैं. इस कारण महिलाओं की समस्यायों का समाधान नहीं हो पा रहा है. राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता ने जवाब देने के 3 सप्ताह का वक्त मांगा है. कोर्ट ने इस अनुरोध को मंजूर करते हुए अगली सुनवाई के लिए 23 जून, 2023 की तिथि निर्धारित की है.

23 जून को होगी अगली सुनवाई: गौरतलब है कि राज्य महिला आयोग में काफी समय से कई पद खाली हैं. जिसको लेकर महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसी को लेकर राजीव कुमार की ओर से याचिका दायर की गई है. इस मामले पर अगली सुनवाई अब 23 जून को होगी.

पटना: पटना हाइकोर्ट (Patna High Court) ने बिहार में राज्य अनुसूचित जाति आयोग और महिला आयोग के क्रियाशील नहीं होने के मामले में राज्य सरकार से जबाव तलब किया है. चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन (Chief Justice KV Chandran) की खंडपीठ ने राजीव कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिया है.

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राज्य अनुसूचित जाति आयोग और महिला आयोग नहीं है क्रियाशील: याचिकाकर्ता राजीव कुमार के वकील विकास कुमार पंकज ने कोर्ट को बताया कि राज्य अनुसूचित जाति आयोग, जिसमें मई 2016 से कई पद रिक्त पड़े हैं. राज्य महादलित आयोग, जिसमें 2017 से कई पद रिक्त पड़े हैं. उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग है, जो 2018 से सभी पद रिक्त हैं. वह भी प्रभावी ढंग से कार्य नहीं कर रहा है. इसका खामियाजा आमलोगों को भुगतना पड़ रहा है.

सरकार के वकील ने मांगा समय: याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि राज्य महिला आयोग की स्थिति भी कोई अलग नहीं है. वहां भी नवम्बर 2020 से सभी पद रिक्त पड़े हैं. इस कारण महिलाओं की समस्यायों का समाधान नहीं हो पा रहा है. राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता ने जवाब देने के 3 सप्ताह का वक्त मांगा है. कोर्ट ने इस अनुरोध को मंजूर करते हुए अगली सुनवाई के लिए 23 जून, 2023 की तिथि निर्धारित की है.

23 जून को होगी अगली सुनवाई: गौरतलब है कि राज्य महिला आयोग में काफी समय से कई पद खाली हैं. जिसको लेकर महिलाओं को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इसी को लेकर राजीव कुमार की ओर से याचिका दायर की गई है. इस मामले पर अगली सुनवाई अब 23 जून को होगी.

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