पटना: पूर्वी चम्पारण जिला में जलाशयों (Reservoirs in East Champaran) को अतिक्रमण मुक्त करने के दौरान एक नागरिक को पट्टे पर मिली रैयती जमीन को अंचल अधिकारी ने जलाशय कहते हुए उसे अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश दे डाला. पटना हाइकोर्ट ने जब यह पूछा कि किस कागजात के आधार पर रैयती जमीन को जलाशय कह रहे हैं, तो अंचल अधिकारी की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला.
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जिलाधिकारी को खुद जांच का दिया आदेश : कोर्ट ने इस मामले में चकिया अंचल के अंचलाधिकारी के मनमानेपन की जांच करने का आदेश पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी को दिया है. जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह ने रघुनाथ प्रसाद की रिट याचिका को निष्पादित करते हुए पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी को चकिया अंचल में इस तरह के अतिक्रमण मामले की खुद जांच पड़ताल करने का आदेश दिया. साथ ही निजी स्वार्थ से काम करने वाले अफसरों के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
नियुक्ति में अंकों के फेर बदल के मामले में सुनवाई : वहीं एक दूसरे मामले में पटना हाइकोर्ट ने आईजीआईएमएस में वर्ष 2018 में हुए सहायक प्रोफेसर (आर्थोपेडिक्स) की नियुक्ति में अंकों के फेरबदल के मामलें में अन्य चयनित उम्मीदवारों को पार्ट बनाने का आदेश दिया. जस्टिस पी बी बजनथ्री की खंडपीठ ने मौखिक रूप से कहा कि सभी 22 उम्मीदवारों का पुनर्मूल्यांकन करवाया जाएगा. लेकिन इसके लिए सभी पक्षों को सुनना जरुरी है.
मामले में अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी : कोर्ट ने डा कुमार चन्दन की एलपीए याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया. इससे पहले हाईकोर्ट ने 16 जनवरी को सहायक प्रोफेसर बहाली से संबंधित सारे रिकॉर्ड सुरक्षित रखने का आदेश आईजीआईएमएस के अधिवक्ता को दिया था. कोर्ट ने सहायक प्रोफेसर की बहाली की पूरी प्रक्रिया आईजीआईएमएस के निदेशक को समझाने के लिए भी कहा था. इस मामलें पर अगली सुनवाई 28 फरवरी, 2023 को की जाएगी.