पटना: हाईकोर्ट ने गोपालगंज के तत्कालीन एसपी रविरंजन को राहत दिया है. उनके खिलाफ निचली अदालत में चल रहे आपराधिक मामले में फिलहाल रोक लगा दी है. जस्टिस आशुतोष कुमार ने मामले पर सुनवाई करते हुए परिवाद दायर करने वाले को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. वहीं, पटना हाईकोर्ट ने गोपालगंज के डिप्टी कलेक्टर लैंड रिफॉर्म (डीसीएलआर) के मनमाने आदेश पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. जस्टिस अश्विनी कुमार सिंह ने एसडीएम (गोपालगंज) पर दस हजार रुपए का आर्थिक दंड लगाया है.
एसपी रविरंजन पर घर में घुसने का आरोप
बजरंग दल के नेता विनय राय ने 2016 में निचली अदालत में एक परिवाद दायर कर तत्कालीन एसपी रविरंजन पर आरोप लगाया था. जब वे दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन कर अपने घर पर सो रहे थे, तो एसपी ने जबरन घर में घुसकर मारपीट की. उन्होंने अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और गिरफ्तार कर लिया.
गोपालगंज के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने 16 अगस्त, 2018 को इस परिवाद पर एसपी रविरंजन के खिलाफ संज्ञान लिया. उन्होंने एसपी रविरंजन के खिलाप आपराधिक मामला चलाने का आदेश दिया था. इसी आदेश की वैधता को चुनौती देते हुए रविरंजन ने पटना हाई कोर्ट में अर्जी दायर की ,जिस पर हाईकोर्ट ने फिलहाल राहत दी.
30 राजस्व कर्मचारियों का वेतन रोका था
दूसरा मामला दिसंबर ,2019 में डिप्टी कलेक्टर ने सुओ मोटो कार्रवाई करते हुए तीन ब्लॉक के 30 राजस्व कर्मचारियों का न केवल वेतन रोक दिया था, बल्कि सभी पर आर्थिक दंड भी लगाया था. कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए डिप्टी कलेक्टर पर ही दस हजार रुपये का आर्थिक दंड लगा दिया. डिप्टी कलेक्टर को जुर्माने की राशि पटना हाईकोर्ट के लीगल एंड कमिटी में जमा करना होगा. कोर्ट ने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर पारित डीसीएलआर के आदेश को भी रद्द कर दिया. ये याचिकाएं कृष्ण रंजन कुमार सिंह और अन्य लोगों द्वारा दायर की गई, जिसमें डीसीएलआर द्वारा पारित आदेश को चुनौती दी गई थी.