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पटना हाईकोर्ट की तल्ख टिप्पणी: कोई मकान मालिक किरायेदारों को बाहर नहीं कर सकता - किराएदार को जबरन बेदखल नहीं कर सकता

पटना हाईकोर्ट ने एक मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा है कि कोई भी मकान मालिक अपने असामाजिक तत्त्वों की सहायता से किराएदार को जबरन बेदखल नहीं कर सकता है. पढ़ें पूरी खबर...

पटना हाईकोर्ट
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Published : Oct 14, 2022, 3:54 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में यह स्पष्ट किया है कि किसी भी गैर-कानूनी तरीके से कोई मकान मालिक असामाजिक तत्त्वों की सहायता से अपने किराएदार को जबरन बेदखल नहीं कर सकता (No Land Lord Can evict Renters) है. इस पूरे मामले पर जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है. पटना स्थित फ्रेजर रोड में एक होटल को राहत देते हुए इन सारी बातों को कहा है.

यह भी पढें- उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किये जाने के मामले 17 नवंबर को पटना हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

कोई मकान मालिक किरायेदार को जबरन नहीं निकाल सकता: पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि मकान मालिक के साथ पुलिस की भी मिलीभगत होती है. उसके बावजूद हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी नहीं की जा सकती है. कोर्ट ने होटल मालिक की आपराधिक रिट याचिका को मंजूर करते हुए पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो और कोतवाली थाना प्रभारी को याचिकाकर्ता होटल कम्पनी को तुरंत होटल परिसर का दखल वापस दिलाने का निर्देश दिया है.

इस पूरे मामले पर कोर्ट को जानकारी दी गई कि बीते 24 फरवरी 2022 को आधी रात में मकान मालिक ने असामाजिक तत्वों की सहायता से होटल के ऑफिस को खाली करा दिया और ताला जड़ दिया. जिसके बाद पीड़ित किराएदार ने पुलिस को इस मामले की जानकारी दी. इसके बावजूद पुलिस ने शिकायत सुनने की बजाय मकान मालिक का ही साथ दिया.

उसके बाद जब यह मामला कोर्ट में गया. तब कोर्ट ने इस मामले को गंभीर घटना मानते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस की विफलता साफ दिखाई दे रही है. पुलिस को कानून के अनुसार पीड़ित व्यक्ति का साथ देना चाहिए था. लेकिन कानून को दरकिनार करते हुए पुलिस ने कानून को अपने हाथ में लेने वाले मकान मालिक का साथ दिया. हाईकोर्ट ने इस मामले में स्पष्ट कहा है कि ऐसी घटना का संज्ञान नहीं लिया जाएगा. तब कानून का अनादर करने वालों का हौसला और भी बढ़ जाएगा.

"किसी भी गैर-कानूनी तरीके से कोई मकान मालिक असामाजिक तत्त्वों की सहायता से अपने किराएदार को जबरन बेदखल नहीं कर सकता"- जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद

पटना: पटना हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में यह स्पष्ट किया है कि किसी भी गैर-कानूनी तरीके से कोई मकान मालिक असामाजिक तत्त्वों की सहायता से अपने किराएदार को जबरन बेदखल नहीं कर सकता (No Land Lord Can evict Renters) है. इस पूरे मामले पर जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की है. पटना स्थित फ्रेजर रोड में एक होटल को राहत देते हुए इन सारी बातों को कहा है.

यह भी पढें- उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किये जाने के मामले 17 नवंबर को पटना हाईकोर्ट में होगी सुनवाई

कोई मकान मालिक किरायेदार को जबरन नहीं निकाल सकता: पटना हाईकोर्ट ने कहा है कि यदि मकान मालिक के साथ पुलिस की भी मिलीभगत होती है. उसके बावजूद हाईकोर्ट के आदेश की अनदेखी नहीं की जा सकती है. कोर्ट ने होटल मालिक की आपराधिक रिट याचिका को मंजूर करते हुए पटना एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो और कोतवाली थाना प्रभारी को याचिकाकर्ता होटल कम्पनी को तुरंत होटल परिसर का दखल वापस दिलाने का निर्देश दिया है.

इस पूरे मामले पर कोर्ट को जानकारी दी गई कि बीते 24 फरवरी 2022 को आधी रात में मकान मालिक ने असामाजिक तत्वों की सहायता से होटल के ऑफिस को खाली करा दिया और ताला जड़ दिया. जिसके बाद पीड़ित किराएदार ने पुलिस को इस मामले की जानकारी दी. इसके बावजूद पुलिस ने शिकायत सुनने की बजाय मकान मालिक का ही साथ दिया.

उसके बाद जब यह मामला कोर्ट में गया. तब कोर्ट ने इस मामले को गंभीर घटना मानते हुए कहा कि इस मामले में पुलिस की विफलता साफ दिखाई दे रही है. पुलिस को कानून के अनुसार पीड़ित व्यक्ति का साथ देना चाहिए था. लेकिन कानून को दरकिनार करते हुए पुलिस ने कानून को अपने हाथ में लेने वाले मकान मालिक का साथ दिया. हाईकोर्ट ने इस मामले में स्पष्ट कहा है कि ऐसी घटना का संज्ञान नहीं लिया जाएगा. तब कानून का अनादर करने वालों का हौसला और भी बढ़ जाएगा.

"किसी भी गैर-कानूनी तरीके से कोई मकान मालिक असामाजिक तत्त्वों की सहायता से अपने किराएदार को जबरन बेदखल नहीं कर सकता"- जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद

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