ETV Bharat / state

आदिवासी अधिकार फोरम की याचिका पर HC में सुनवाई, मुख्य सचिव को रिपोर्ट के साथ पेश होने का आदेश - पटना लेटेस्ट न्यूज

पटना हाईकोर्ट ने बिहार आदिवासी अधिकार फोरम की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने मदद में आई धनराशि के वापस किए जाने पर नाराजगी जताई है.

पटना हाईकोर्ट
पटना हाईकोर्ट
author img

By

Published : Nov 5, 2020, 1:45 PM IST

पटना: राज्य में आदिवासी समाज के कल्याण और विकास की मदद के किए आई धनराशि के वापस लौट जाने पर पटना हाईकोर्ट ने गहरी नाराजगी जाहिर की है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने बिहार आदिवासी अधिकार फोरम की जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले पर राज्य के मुख्य सचिव को अगली सुनवाई में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.

दरअसल, कोर्ट को बताया गया कि राज्य में 20 एकलव्य स्कूलों की स्वीकृति दी गई थी, लेकिन अभी एक भी स्कूल कार्यरत नहीं है. बिहार राज्य अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष पद भी 2018 से रिक्त हैं. इस जनहित याचिका में कहा गया है कि इस क्षेत्र में आदिवासियों की लगभग ढाई लाख की आबादी के बीच एकमात्र यहीं युगल शाह आदिवासी बालिका राजकीय हॉयर सेकंडरी स्कूल है.

याचिकाकर्ता की मांग
बता दें कि 29 जुलाई साल 2013 को राज्य सरकार ने युगल शाह आदिवासी बालिका राजकीय हॉयर सेकंडरी स्कूल को अपने क्षेत्राधिकार में लिया. याचिकाकर्ता के वकील विकास पंकज ने बताया कि 2017 में इस स्कूल के हॉस्टल बनाने के लिए साढ़े 3 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई थी, लेकिन अब तक हॉस्टल नहीं बना है. मामले पर अगली सुनवाई आगामी 23 नवंबर को होगी.

पटना: राज्य में आदिवासी समाज के कल्याण और विकास की मदद के किए आई धनराशि के वापस लौट जाने पर पटना हाईकोर्ट ने गहरी नाराजगी जाहिर की है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने बिहार आदिवासी अधिकार फोरम की जनहित याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले पर राज्य के मुख्य सचिव को अगली सुनवाई में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है.

दरअसल, कोर्ट को बताया गया कि राज्य में 20 एकलव्य स्कूलों की स्वीकृति दी गई थी, लेकिन अभी एक भी स्कूल कार्यरत नहीं है. बिहार राज्य अनुसूचित जाति आयोग का अध्यक्ष पद भी 2018 से रिक्त हैं. इस जनहित याचिका में कहा गया है कि इस क्षेत्र में आदिवासियों की लगभग ढाई लाख की आबादी के बीच एकमात्र यहीं युगल शाह आदिवासी बालिका राजकीय हॉयर सेकंडरी स्कूल है.

याचिकाकर्ता की मांग
बता दें कि 29 जुलाई साल 2013 को राज्य सरकार ने युगल शाह आदिवासी बालिका राजकीय हॉयर सेकंडरी स्कूल को अपने क्षेत्राधिकार में लिया. याचिकाकर्ता के वकील विकास पंकज ने बताया कि 2017 में इस स्कूल के हॉस्टल बनाने के लिए साढ़े 3 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई थी, लेकिन अब तक हॉस्टल नहीं बना है. मामले पर अगली सुनवाई आगामी 23 नवंबर को होगी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.