पटना: भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद के स्मारकों की दुर्दशा के मामले में दायर जनहित याचिका पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court ) में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने विकास कुमार की इस जनहित याचिका पर सुनवाई की. इसमें बिहार विद्यापीठ के अतिक्रमण हटाने के संबंध में पटना जिलाधिकारी ने बताया कि इस मामले में सभी सम्बंधित पक्षों को नोटिस जारी कर दिया गया है. कोर्ट को बताया गया कि इस संबंध में कार्रवाई चल रही है.
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साथ ही बांस घाट स्थित डॉ राजेंद्र प्रसाद की समाधि के विकास और सौंदर्यीकरण के बारे में पटना डीएम ने बताया कि इसके लिए राज्य सरकार को प्रस्ताव भेज दिया गया है. एडवोकेट जनरल ने राज्य सरकार को दिए गए प्रस्ताव को लेकर कोर्ट को जानकारी देने के लिए एक सप्ताह का समय लिया.
वहीं रेलवे की ओर से कोर्ट को बताया गया कि जीरादेई के पास रेलवे पुल बनाने के लिए स्थल निरीक्षण किया जा चुका है. अब वरीय अधिकारियों से अनुमति प्राप्त होने की प्रतीक्षा की जा रही है.
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पटना के डीएम को निर्देश दिया था कि बिहार विद्यापीठ में हुए अतिक्रमण का विस्तृत ब्यौरा पेश करें. इसमें अतिक्रमणकारियों के नाम, इस संबंध में विभिन्न अदालतों में सुनवाई के लिए लंबित मामलों और उनके नाम, जो इन भूमि पर अपना दावा करते हैं.
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पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पटना के बांस घाट स्थित डा राजेंद्र प्रसाद की समाधि स्थल और बिहार विद्यापीठ के हालात का जायजा लेने के लिए याचिकाकर्ता अधिवक्ता विकास कुमार को पटना के जिलाधिकारी के साथ भेजा था.
उन्होंने कोर्ट को वहां की वस्तुस्थिति से अवगत कराया. कोर्ट ने पटना के जिलाधिकारी को डॉ राजेंद्र प्रसाद के बांस घाट स्थित समाधि स्थल के सौंदर्यीकरण व विकास के लिए योजना प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
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जीरादेई सड़क से स्मारक स्थल तक जाने के लिए रेलवे लाइन के नीचे से भूमिगत रास्ता बनाने हेतु डीआरएम वाराणसी को पार्टी बनाते हुए रेलवे को जीरादेई में स्थल निरीक्षण कर एक्शन प्लान बनाने निर्देश दिया था. इस मामले पर अब अगली सुनवाई 22 फरवरी 2022 को होगी.
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