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HC ने बिना नोटिस के जवाबी हलफनामा दायर करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के दिए निर्देश

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Published : Feb 10, 2022, 10:57 PM IST

पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने बिना नोटिस या आदेश के सरकारी प्रतिवादियों द्वारा जवाबी हलफनामा दायर करने के मामलों को लेकर मुख्य सचिव और बिहार सरकार को इन अधिकारियों पर उचित कार्रवाई कर सूचना देने को कहा है. पढ़िए पूरी खबर..

पटना हाईकोर्ट में सुनवाई
पटना हाईकोर्ट में सुनवाई

पटना: पटना हाईकोर्ट ने बगैर नोटिस या आदेश के ही सरकारी प्रतिवादियों द्वारा जवाबी हलफनामा (Counter Affidavit Filed In Patna High Court) दायर करने के मामले में इन अधिकारियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव और बिहार सरकार को सूचित करने को कहा है. मीना कुमारी की याचिका पर जस्टिस पी बी बजन्थरी (Justice P B Bajanthri) ने कोविड-19 की वजह से ऑनलाइन सुनवाई की थी.

ये भी पढ़ें- प्राथमिक स्कूलों में हेडमास्टर की भर्ती मामले पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई 21 अप्रैल तक टली

बता दें कि, कोर्ट का कहना था कि इस तरह का मामला कई मुकदमों में देखा जा रहा है कि, सरकारी प्रतिवादियों द्वारा बगैर नोटिस के ही जवाबी हलफनामा दाखिल कर दिया जा रहा है. विभाग के अधिकारी बगैर कोर्ट के नोटिस के ही आखिर कैसे इस प्रकार की याचिका के दायर होने के संबंध में जानकारी प्राप्त करते हैं. दूसरी ओर कोर्ट का यह भी कहना है कि कुछ मामलों में जवाब दायर करने हेतु कोर्ट के विशेष आदेश के बावजूद आधिकारिक प्रतिवादी समय पर जवाब दायर नहीं करते हैं.

वहीं, कोर्ट का कहना है कि इस तरह का मामला ये प्रकट करता है कि पक्षकारों और आधिकारिक प्रतिवादियों के बीच जरूर कोई न कोई सांठगांठ होगी. इस परिस्थिति में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने याचिका को वापस लेने की अनुमति कोर्ट से की जिस पर कोर्ट ने नए सिरे से याचिका दायर करने हेतु छूट देने के साथ ही याचिका को खारिज कर दिया है.

ये भी पढ़ें- नगर निगम वित्तीय स्वायत्तता मामले पर पटना HC सख्त, बिहार सरकार को 3 सप्ताह में हलफनामा दायर करने का आदेश

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पटना: पटना हाईकोर्ट ने बगैर नोटिस या आदेश के ही सरकारी प्रतिवादियों द्वारा जवाबी हलफनामा (Counter Affidavit Filed In Patna High Court) दायर करने के मामले में इन अधिकारियों के विरुद्ध उचित कार्रवाई के लिए मुख्य सचिव और बिहार सरकार को सूचित करने को कहा है. मीना कुमारी की याचिका पर जस्टिस पी बी बजन्थरी (Justice P B Bajanthri) ने कोविड-19 की वजह से ऑनलाइन सुनवाई की थी.

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बता दें कि, कोर्ट का कहना था कि इस तरह का मामला कई मुकदमों में देखा जा रहा है कि, सरकारी प्रतिवादियों द्वारा बगैर नोटिस के ही जवाबी हलफनामा दाखिल कर दिया जा रहा है. विभाग के अधिकारी बगैर कोर्ट के नोटिस के ही आखिर कैसे इस प्रकार की याचिका के दायर होने के संबंध में जानकारी प्राप्त करते हैं. दूसरी ओर कोर्ट का यह भी कहना है कि कुछ मामलों में जवाब दायर करने हेतु कोर्ट के विशेष आदेश के बावजूद आधिकारिक प्रतिवादी समय पर जवाब दायर नहीं करते हैं.

वहीं, कोर्ट का कहना है कि इस तरह का मामला ये प्रकट करता है कि पक्षकारों और आधिकारिक प्रतिवादियों के बीच जरूर कोई न कोई सांठगांठ होगी. इस परिस्थिति में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने याचिका को वापस लेने की अनुमति कोर्ट से की जिस पर कोर्ट ने नए सिरे से याचिका दायर करने हेतु छूट देने के साथ ही याचिका को खारिज कर दिया है.

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