पटना: राज्य के विभिन्न जलीय क्षेत्रों में हुए अवैध अतिक्रमण के मामले पर पटना हाइकोर्ट ने सुनवाई की. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने रामपुनीत चौधरी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इस सम्बन्ध में पारित आदेशों का पालन किये जाने का निर्देश राज्य सरकार को दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले को निष्पादित कर दिया.
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जलीय क्षेत्रों में हुए अवैध अतिक्रमण मामले पर पटना हाइकोर्ट में सुनवाई: पूर्व की सुनवाई में कोर्ट के समक्ष पटना, सारण और मगध प्रमंडल के अंचल अधिकारियों ने जलीय क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. कोर्ट ने इन अधिकारियों द्वारा जलीय क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशंसा की थी. कोर्ट ने कई अंचल अधिकारियों द्वारा किये गए कार्यों की विशेष रूप सराहा था.
सटीक और सही कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश: लेकिन कोर्ट ने ये भी चेतावनी दी थी कि कोर्ट के समक्ष बिलकुल सटीक और सही कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करें. यदि रिपोर्ट में विरोधाभास पाया जाएगा, तो ऐसे अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी. कोर्ट ने ये भी कहा था कि वस्तु स्थिति का जायजा लेने के लिए कोर्ट अधिवक्ताओं की टीम भेजा जा सकता है.
जल का संरक्षण और सुरक्षा करना बहुत आवश्यक: कोर्ट ने इन अधिकारियों को जल संकट के बारे में बताते हुए कहा था कि जलीय क्षेत्रों के अतिक्रमण से ये संकट और भी गहरा हो जाएगा. जल का संरक्षण और सुरक्षा करना बहुत आवश्यक है.
पेयजल और कृषि भूमि पर संकट गहराया: बता दें कि पटना समेत राज्य के विभिन्न जिलों में पहले बड़ी संख्या में जलीय क्षेत्र थे, जिसका उपयोग कृषि कार्य, पेयजल और अन्य कार्यों के लिए होता था. अब अधिकांश जलीय क्षेत्रों पर अवैध कब्जा हो गया है. इस मामले को लेकर कोर्ट काफी गंभीर है.