पटना : बिहार के पटना जिले के विक्रम ब्लाक में प्रस्तावित ट्रामा सेंटर को सरकारी मंजूरी मिलने के 5 वर्ष बाद भी शुरू नहीं किए जाने के मामले पर पटना हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने इस मामलें पर सख्त रुख अपनाते हुए स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव और पटना के डीएम को 14 फरवरी 2023 को कोर्ट में उपस्थित होकर स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है. एसीजे चक्रधारी शरण सिंह और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ ने रजनीश कुमार तिवारी की जनहित याचिका पर सुनवाई की.
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2016 से लक्ष्य हासिल नहीं कर पाया प्रोजेक्ट: सुनवाई के दौरान कोर्ट ने हैरानी जतायी कि 2016 से लंबित या मामला अभी तक अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर सका. याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया की सरकार द्वारा प्रस्तावित सुपर स्पेशलिटी ट्रामा सेंटर सह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना के लिए अक्टूबर 2016 से ही यह प्रस्तावित है. केंद्र का निर्माण लंबित है. पिछली सुनवाई 9 जनवरी को हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिया था कि जमीन चिन्हित होने के 3 दिनों के अंदर ट्रामा सेंटर को स्थापित करने की कार्रवाई शुरू कर देनी होगी.
14 फरवरी को अगली तारीख : आज सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता एसडी यादव ने कोर्ट को बताया कि जमीन चिन्हित कर लिया गया है. कोर्ट ने राज्य सरकार से स्पष्ट कहा था कि 3 दिन के अंदर सेंटर शुरू किया जाए, इस पर सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला है. इस मामलेे पर अगली सुनवाई 14 फरवरी 2023 को की जाएगी.