पटनाः पटना हाईकोर्ट में पटना एवं राज्य के अन्य क्षेत्रों में खुले आम नियमों का उल्लंघन कर मांस-मछली बेचने पर पाबंदी लगाने संबंधी जनहित याचिका पर दो सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी. आज शुक्रवार 12 जनवरी को चीफ जस्टिस के वी चन्द्रन की खंडपीठ जनहित याचिका पर सुनवाई की. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पटना नगर निगम को रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था. पटना नगर निगम ने कोर्ट को बताया था कि हैदराबाद की एक कंपनी ने पटना में स्लॉटर हाउस बनाने का प्रस्ताव दिया है.
स्लॉटर हाउस बनाने का है प्रस्तावः कोर्ट को ये भी बताया गया था कि 33 साल के लीज पर 7 एकड़ जमीन पर स्लॉटर हाउस बनाया जायेगा. इस पर 10 से 12 करोड़ रुपये का खर्च होंगे. कोर्ट ने इस बारे में पटना नगर निगम को स्लॉटर हाउस की विस्तृत जानकारी देने के लिए पिछली सुनवाई में समय दिया था. पटना नगर निगम की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि आधुनिक बूचड़खाने के निर्माण और विकास के लिए स्थान को चिह्नित कर लिया गया है. साथ ही निविदा की कार्यवाही की जा रही है. पूरा ब्योरा प्रस्तुत करने के लिए पटना नगर निगम ने तीन सप्ताह का मोहलत मांगा था, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया था.
अवैध बूचड़खाने को बंद कराने की मांगः जनहित याचिका अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्र ने दायर की है. सुनवाई में अधिवक्ता अंकिता कुमारी ने कोर्ट को बताया था कि पटना समेत राज्य विभिन्न क्षेत्रों में अस्वास्थ्यकर और नियमों के विरुद्ध मांस-मछली काटे और बेचे जाते हैं. उन्होंने कहा कि इससे जहां आम आदमी के स्वास्थ्य पर पर बुरा असर पड़ता है, वहीं खुले में इस तरह से खुले में जानवरों के काटे जाने से छोटे बच्चों के मन पर बुरा प्रभाव पड़ता है. याचिकाकर्ता की अधिवक्ता अंकिता कुमारी ने कोर्ट से यह भी आग्रह किया कि खुले और अवैध रूप से चलने वाले बूचड़खानों को नगर निगम द्वारा तत्काल बंद कराया जाना चाहिए.
दो सप्ताह बाद होगी सुनवाईः अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि पटना के राजा बाजार, पाटलिपुत्रा, राजीव नगर, बोरिंग केनाल रोड, कुर्जी, दीघा, गोला रोड, कंकड़बाग आदि क्षेत्रों में नियमों का उल्लंघन कर खुले में मांस मछ्ली की बिक्री होती है. उनका कहना था कि शुद्ध और स्वस्थ मांस मछ्ली उपलब्ध कराने के लिए सरकार को आधुनिक सुविधाओं सुविधाओं के साथ बूचड़खाने बनाए जाने चाहिए, ताकि मांस मछली बेचने वालोंं को भी सुविधा मिले. इस मामले में अगली सुनवाई 2 सप्ताह के बाद की जाएगी.
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