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Patna High Court: 'गायघाट ऑफ्टर केयर होम की व्यस्था अपंग'.. एडवोकेट जनरल को हाईकोर्ट ने किया तलब - Secretariat ASP Kamya Mishra

गायघाट आफ्टर केयर होम मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार के द्वारा दिए गए हलफनामें पर असंतोष जताया. हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए एडवोकेट जनरल को भी अगली सुनवाई में मौजूद रहने का निर्देश दिया है.

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Published : Apr 25, 2023, 2:34 PM IST

पटना: बिहार की पटना हाईकोर्ट में 'गायघाट स्थित आफ्टर केअर होम' की घटना के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार द्वारा दिए गए हलफनामा पर कोर्ट ने गहरा असंतोष जाहिर किया. जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ द्वारा इस मामले पर सुनवाई रही है. कोर्ट ने अगली सुनवाई में एडवोकेट जनरल को स्वयं कोर्ट में पक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

ये भी पढ़ें- गायघाट आफ्टर केयर होम मामले की सुनवाई, जांच की प्रगति पर HC ने जताया असंतोष

राज्यसरकार के हलफनामे से कोर्ट नाखुश: आज जो राज्य सरकार की ओर से जो हलफनामा दायर किया गया, उस पर पटना हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए जानना चाहा कि अबतक जांच में क्या हुआ? राज्य सरकार के हलफनामा में ये कहा गया कि कोर्ट द्वारा इस सम्बन्ध में पुनः जांच का कोई आदेश नहीं दिया गया है. जैसे ही कुछ नए सबूत या तथ्य प्राप्त होंगे, तो कार्रवाई की जाएगी. कोर्ट ने कहा कि ये सही ढंग से कार्रवाई नहीं हो रही है. इसके लिए एडवोकेट जनरल खुद स्थितियों से अगली सुनवाई में कोर्ट को अवगत कराए.

'ऑफ्टर केयर की दशा दयनीय': अधिवक्ता अलका वर्मा ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि राज्य में आफ्टर केअर होम और उनमें रहने वाली लड़कियों की दयनीय अवस्था है. उनका हर तरह से शोषण किया जाता है. लेकिन राज्य सरकार द्वारा न तो मामले की ढंग से जांच की जा रही है और न प्रभावी कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच तो जरूरी है, लेकिन जो इन आफ्टर केअर होम की व्यवस्था भी अपंग हो चुकी. इसमें वहां रहने वाली महिलाओं की सुविधाओं का कोई ख्याल नहीं रखा जाता है. इससे उनकी स्थिति लगातार खराब हो रही है.

चल रही जांच: पूर्व की सुनवाई में कोर्ट में एसएसपी, पटना और एसआईटी जांच टीम का नेतृत्व करने वाली सचिवालय एएसपी काम्या मिश्रा भी कोर्ट में उपस्थित हो कर तथ्यों की जानकारी दी थी. इससे पहले अधिवक्ता मीनू कुमारी ने बताया था कि कोर्ट अब तक एसआईटी द्वारा किये गए जांच और कार्रवाई के सम्बन्ध में सम्बंधित अधिकारी से जानकारी प्राप्त करना चाहता था. उन्होंने जानकारी दी थी कि आफ्टर केअर होम में रहने वाली महिलाओं की स्थिति काफी खराब है.

अगले हफ्ते होगी सुनवाई: पटना हाई कोर्ट ने इस याचिका को पटना हाई कोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया था. कमेटी में जस्टिस आशुतोष कुमार चेयरमैन थे, जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य के रूप में थे. इस मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद की जाएगी.

पटना: बिहार की पटना हाईकोर्ट में 'गायघाट स्थित आफ्टर केअर होम' की घटना के मामले पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार द्वारा दिए गए हलफनामा पर कोर्ट ने गहरा असंतोष जाहिर किया. जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ द्वारा इस मामले पर सुनवाई रही है. कोर्ट ने अगली सुनवाई में एडवोकेट जनरल को स्वयं कोर्ट में पक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.

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राज्यसरकार के हलफनामे से कोर्ट नाखुश: आज जो राज्य सरकार की ओर से जो हलफनामा दायर किया गया, उस पर पटना हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए जानना चाहा कि अबतक जांच में क्या हुआ? राज्य सरकार के हलफनामा में ये कहा गया कि कोर्ट द्वारा इस सम्बन्ध में पुनः जांच का कोई आदेश नहीं दिया गया है. जैसे ही कुछ नए सबूत या तथ्य प्राप्त होंगे, तो कार्रवाई की जाएगी. कोर्ट ने कहा कि ये सही ढंग से कार्रवाई नहीं हो रही है. इसके लिए एडवोकेट जनरल खुद स्थितियों से अगली सुनवाई में कोर्ट को अवगत कराए.

'ऑफ्टर केयर की दशा दयनीय': अधिवक्ता अलका वर्मा ने कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि राज्य में आफ्टर केअर होम और उनमें रहने वाली लड़कियों की दयनीय अवस्था है. उनका हर तरह से शोषण किया जाता है. लेकिन राज्य सरकार द्वारा न तो मामले की ढंग से जांच की जा रही है और न प्रभावी कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कोर्ट को बताया कि मामले की जांच तो जरूरी है, लेकिन जो इन आफ्टर केअर होम की व्यवस्था भी अपंग हो चुकी. इसमें वहां रहने वाली महिलाओं की सुविधाओं का कोई ख्याल नहीं रखा जाता है. इससे उनकी स्थिति लगातार खराब हो रही है.

चल रही जांच: पूर्व की सुनवाई में कोर्ट में एसएसपी, पटना और एसआईटी जांच टीम का नेतृत्व करने वाली सचिवालय एएसपी काम्या मिश्रा भी कोर्ट में उपस्थित हो कर तथ्यों की जानकारी दी थी. इससे पहले अधिवक्ता मीनू कुमारी ने बताया था कि कोर्ट अब तक एसआईटी द्वारा किये गए जांच और कार्रवाई के सम्बन्ध में सम्बंधित अधिकारी से जानकारी प्राप्त करना चाहता था. उन्होंने जानकारी दी थी कि आफ्टर केअर होम में रहने वाली महिलाओं की स्थिति काफी खराब है.

अगले हफ्ते होगी सुनवाई: पटना हाई कोर्ट ने इस याचिका को पटना हाई कोर्ट जुवेनाइल जस्टिस मॉनिटरिंग कमेटी की अनुशंसा पर रजिस्टर्ड किया था. कमेटी में जस्टिस आशुतोष कुमार चेयरमैन थे, जबकि जस्टिस अंजनी कुमार शरण और जस्टिस नवनीत कुमार पांडेय इसके सदस्य के रूप में थे. इस मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद की जाएगी.

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