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बिहार के NH और SH पर पर्याप्त संख्या में नहीं है पेट्रोल पंप? याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना HC ने मांगा जवाब - Patna Court News

पटना हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने नेशनल हाइवे पर सुविधा के मामले पर सुनवाई (Hearing On Convenience Matter On National Highway) की. कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार सहित अन्य सम्बंधित पक्षों को अगली सुनवाई में इस मामले में विस्तृत जानकारी देने का आदेश दिया है.

Patna High Court
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Published : Apr 15, 2022, 6:05 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने राज्य के नेशनल और स्टेट हाईवे पर पर्याप्त संख्या में पेट्रोल पंप नहीं होने के मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार सहित पेट्रोलियम कंपनियों को अगली सुनवाई में जवाब देने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने नेशनल हाइवे पर सुविधा के मामले पर सुनवाई की.

यह भी पढ़ें - पटना हाईकोर्ट ने दिया संविदा पर नियुक्त अमीनों को न्यूनतम वेतनमान देने का आदेश

जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश: कोर्ट ने राज्य के नेशनल और स्टेट हाईवे पर जनसंख्या और वाहनों की संख्या की तुलना में पेट्रोल पंप की संख्या पर सख्त रुख अपनाया. कोर्ट ने इस पर गंभीर रुख अपनाते हुए जानना चाहा कि राज्य नेशनल हाइवे पर कितने पेट्रोल पंप खोलने की अनुमति दी गई है. साथ ही अब तक कितने पंप चालू हैं और राज्य में कितने पेट्रोल पंप की आवश्यकता है. पेट्रोल पंप को लेकर इस बारे में कोई सर्वे की गई है या नहीं. इन सभी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने का कोर्ट ने आदेश दिया है.

कोर्ट ने इस बात को भी गम्भीरता से लिया कि 2018 से पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए लगभग एक हजार आवेदन कार्रवाई नहीं होने के कारण जिला प्रशासन के समक्ष पड़ा हुआ हैं. इन मामलों मे जिला के डीएम की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने के कारण मामला अधर में पड़ा हुआ हैं.

कितने पेट्रोल पंप खोले की जरूरत: कोर्ट ने पिछली सुनवाई में जानना चाहा था कि अबतक नेशनल और स्टेट हाईवे में कितने पेट्रोल पंप चालू हैं. साथ ही राज्य के विस्तार, जनसंख्या और वाहनों की संख्या के मद्देनजर और कितने पेट्रोल पंप खोले जाने की जरूरत है. इस बारे में हाल में सर्वे किया गया हैं या नहीं. उसके क्या परिणाम रहे.

कोर्ट ने इस बात पर भी टिप्पणी की कि राज्य के इन पेट्रोल पंप पर आम लोगों के लिए बुनियादी सुविधाओं की भी भारी कमी हैं. पेय जल, मेडिकल किट, शौचालय आदि बुनियादी सुविधाओं की काफी अभाव हैं. इन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर अगली सुनवाई में जानकारी उपलब्ध कराने का कोर्ट ने आदेश दिया है.

सरकार ने अब तक क्यों नहीं किया विचार: कोर्ट ने कहा कि प्रदेश के राष्ट्रीय राज मार्ग और स्टेट हाईवे पर पेट्रोल पंप सहित अन्य नागरिक सुविधाओं की काफी कमी है. इस कमी को दूर करने के लिए सरकारों ने अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं किया है.

यह भी पढ़ें - बरामद शराब को नष्ट करने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने सरकार पूछा- 'जनता को कैसे बचाएंगे ?'

कोर्ट ने तेल कंपनियों से मांगा जवाब: कोर्ट ने कहा कि इन मार्गो से गुजरने वाले लोगों को होने वाली परेशानियों से सरकारे चिंतित नहीं है. कोर्ट ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन भारत पेट्रोलियम सहित हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन को पार्टी बनाते पूरी जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. इस मामले पर फिर 18 अप्रैल 2022 को सुनवाई होगी.

यह भी पढ़ें - पटना हाईकोर्ट में ARO सिस्टम खत्म, अब कोई भी वकील दायर कर सकता है अपना मुकदमा

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पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने राज्य के नेशनल और स्टेट हाईवे पर पर्याप्त संख्या में पेट्रोल पंप नहीं होने के मामले पर सुनवाई की. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकार सहित पेट्रोलियम कंपनियों को अगली सुनवाई में जवाब देने का निर्देश दिया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने नेशनल हाइवे पर सुविधा के मामले पर सुनवाई की.

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जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश: कोर्ट ने राज्य के नेशनल और स्टेट हाईवे पर जनसंख्या और वाहनों की संख्या की तुलना में पेट्रोल पंप की संख्या पर सख्त रुख अपनाया. कोर्ट ने इस पर गंभीर रुख अपनाते हुए जानना चाहा कि राज्य नेशनल हाइवे पर कितने पेट्रोल पंप खोलने की अनुमति दी गई है. साथ ही अब तक कितने पंप चालू हैं और राज्य में कितने पेट्रोल पंप की आवश्यकता है. पेट्रोल पंप को लेकर इस बारे में कोई सर्वे की गई है या नहीं. इन सभी महत्वपूर्ण जानकारी उपलब्ध कराने का कोर्ट ने आदेश दिया है.

कोर्ट ने इस बात को भी गम्भीरता से लिया कि 2018 से पेट्रोल पंप स्थापित करने के लिए लगभग एक हजार आवेदन कार्रवाई नहीं होने के कारण जिला प्रशासन के समक्ष पड़ा हुआ हैं. इन मामलों मे जिला के डीएम की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिलने के कारण मामला अधर में पड़ा हुआ हैं.

कितने पेट्रोल पंप खोले की जरूरत: कोर्ट ने पिछली सुनवाई में जानना चाहा था कि अबतक नेशनल और स्टेट हाईवे में कितने पेट्रोल पंप चालू हैं. साथ ही राज्य के विस्तार, जनसंख्या और वाहनों की संख्या के मद्देनजर और कितने पेट्रोल पंप खोले जाने की जरूरत है. इस बारे में हाल में सर्वे किया गया हैं या नहीं. उसके क्या परिणाम रहे.

कोर्ट ने इस बात पर भी टिप्पणी की कि राज्य के इन पेट्रोल पंप पर आम लोगों के लिए बुनियादी सुविधाओं की भी भारी कमी हैं. पेय जल, मेडिकल किट, शौचालय आदि बुनियादी सुविधाओं की काफी अभाव हैं. इन सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर अगली सुनवाई में जानकारी उपलब्ध कराने का कोर्ट ने आदेश दिया है.

सरकार ने अब तक क्यों नहीं किया विचार: कोर्ट ने कहा कि प्रदेश के राष्ट्रीय राज मार्ग और स्टेट हाईवे पर पेट्रोल पंप सहित अन्य नागरिक सुविधाओं की काफी कमी है. इस कमी को दूर करने के लिए सरकारों ने अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं किया है.

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कोर्ट ने तेल कंपनियों से मांगा जवाब: कोर्ट ने कहा कि इन मार्गो से गुजरने वाले लोगों को होने वाली परेशानियों से सरकारे चिंतित नहीं है. कोर्ट ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन भारत पेट्रोलियम सहित हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन को पार्टी बनाते पूरी जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश दिया है. इस मामले पर फिर 18 अप्रैल 2022 को सुनवाई होगी.

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