पटना: 17 फरवरी 2022 से लगभग 60 हजार आशा वर्करों के अनिश्चित हड़ताल पर जाने की घोषणा के मामले पर पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने सुनवाई की. शिवानी कौशिक व अन्य की याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की खंडपीठ ने सुनवाई की. ये आशा वर्कर आशा संयुक्त संघर्ष मंच, बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ/आशा संघर्ष समिति के जरिये राज्य सरकार के समक्ष अपनी मांगों को रख रही थी. कोर्ट के समक्ष इस मामले पर आवश्यक सुनवाई हेतु राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने अनुरोध किया था. जिसके बाद इस मामले को सुनवाई के लिए अधिसूचित किया गया.
ये भी पढ़ें- समस्तीपुर में महीनों से PDS लाइसेंस रद्द रखने पर हाईकोर्ट में सुनवाई, आपूर्ति विभाग के प्रधान सचिव तलब
कोर्ट ने वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा को इस संघ/समिति के पदाधिकारियों से बातचीत करने को कहा था, ताकि उनकी शिकायतों के बारे में पता किया जा सके. संघ के पदाधिकारियों के साथ विचार विमर्श के बाद वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कोर्ट को जानकारी दी कि इस संघ के पदाधिकारीगण हड़ताल पर जाने की घोषणा को तुरंत वापस ले लेंगे. कोर्ट ने आशा वर्कर द्वारा उठाये गए कदम की काफी प्रशंसा की. इतना ही नहीं कोर्ट ने कोविड-19 महामारी के दौरान इनके द्वारा किये गए कार्यों की सराहना की.
अपर महाधिवक्ता अंजनी कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार के स्टेट हेल्थ सोसाइटी के कार्यकारी निदेशक के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया जाएगा. इसके बाद संघ समिति के पदाधिकारियों को बातचीत के लिए बुलाया जाएगा. ये सब एक सप्ताह में कर लिया जाएगा. कोर्ट ने कार्यकारी निदेशक से हलफनामा पर कार्यवाही के नतीजे को देने को कहा है. इस मामले पर अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी.
ये भी पढ़ें- पटना हाईकोर्ट में वकीलों की सुविधाओं को लेकर सुनवाई, कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी से जताई कार्रवाई की उम्मीद
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP