पटना: चीफ जस्टिस संजय करोल (Chief Justice Sanjay Karol) की डिवीजन बेंच ने पटना स्थित बुद्धा कॉलोनी क्षेत्र के दुज़रा में सरकारी जमीन पर स्थित तालाब के रूप में चिन्हित स्थान को विकसित करने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. याचिककर्ता की ओर से अधिवक्ता सुमित कुमार सिंह ने कोर्ट (Patna High Court) को बताया कि इस मामले में अतिक्रमणकारियों द्वारा याचिकाकर्ता को फोन पर लगातार धमकियां मिल रही है.
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कोर्ट ने मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए वहां उपस्थित राज्य सरकार के अधिवक्ता को कहा कि याचिकाकर्ता को सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर राज्य के राज्य के पुलिस महानिदेशक को कहें. इसके साथ ही खंडपीठ ने एक सप्ताह में राज्य सरकार को हलफनामा दायर कर जवाब देने का निर्देश दिया है. पटना के जिलाधिकारी और पटना नगर निगम को हलफनामा दायर कर जवाब देने का निर्देश दिया है.
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इसके पूर्व कोर्ट ने पटना के जिलाधिकारी को तीन सदस्यीय एक कमेटी का गठन करने को कहा है, ताकि कमेटी पूरे हालात का पता कर सके. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने बताया कि 5 एकड़ 17 कट्ठा में सरकारी भूमि पर स्थित उक्त तालाब पर अतिक्रमण कर लिया गया है. जमीन का अधिग्रहण राजेन्द्र स्मारक के नाम पर तालाब के निर्माण के लिए किया गया है, लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा इस पर अतिक्रमण कर लिया गया है.
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि इस जनहित याचिका में चहारदीवारी बनाने का भी आग्रह किया है, क्योंकि स्थानीय लोगों द्वारा तालाब क्षेत्र में लगातार अतिक्रमण किया जा रहा है. याचिकाकर्ता द्वारा 6 सितंबर, 2021 को पटना के जिलाधिकारी को स्पीड पोस्ट के माध्यम से उक्त मामले को लेकर पत्र भी लिखा गया है, जिसके जरिये तालाब से अतिक्रमण हटाने और चहारदीवारी का निर्माण करने की बात कही गई है.
याचिकाकर्ता ने तालाब के स्थल पर जाकर कुछ फोटो लेने का काम भी किया है, जिसे याचिका के साथ कोर्ट की सहायता के लिए संलग्न किया गया है. इस मामले पर एक सप्ताह बाद सुनवाई की जाएगी.
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