पटना : पटना हाई कोर्ट ने एक विधवा को उसके पति की सेवानिवृत्ति लाभ की राशि का भुगतान 15 साल देर से करने पर लखीसराय के डीएम को चार हफ्ते में बतौर मुआवजा 5 लाख रुपए देने का निर्देश दिया है. जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह की एकल पीठ विधवा जयमन्ती देवी की रिट याचिका को निष्पादित करते हुए यह आदेश दिया है. दरअसल, चौकीदार के पद पर कार्यरत भाशो मांझी की मृत्यु 2008 में हो गई थी. लेकिन उसकी सेवानिवृत्ति लाभ के साथ ही पारिवारिक पेंशन का भुगतान नहीं किया जा रहा था.
विधवा को मिला न्याय : हर जगह दौड़ लगाने के बाद भी जब उसकी पत्नी की कोई सुनवाई नहीं हुई, तो उसने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कोर्ट ने इस मामले में लखीसराय के डीएम, बीडीओ और सीओ के रवैए पर अपनी नाराजगी जताई और विधवा के साथ न्याय किया.
एनएच निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने का निर्देश : वहीं, पटना हाइकोर्ट ने पटना गया डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के मामलें पर सुनवाई की. चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए गया और जहानाबाद जिले के डीएम को निर्देश दिया कि सड़क निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने का निर्देश दिया.
एजेंसी को प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश : इधर, एक दूसरे मामले में एनएचएआई ने हलफनामा दायर कर धनराशि व्यय किये जाने का ब्यौरा डेडिकेटेड फ्रेट कोरिडर (डीएफसी) के अधिकारियों को दे दिया है. पिछली सुनवाईयों में कोर्ट ने एनएच सड़क निर्माण करने वाली कंपनी को हलफनामा दायर कर बताने को कहा था, कि इस एनएच खंड का कार्य कब तक पूरा होगा. कोर्ट ने इस एनएच का निर्माण कर रही कंपनी को फेज 1, फेज 2 और फेज 3 में किये जा रहे कार्यों का प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था.
नए सिरे से टेंडर की दी गई थी सूचना : पूर्व की सुनवाई में भी कोर्ट ने निर्माण कम्पनियों को बताने को कहा था कि इसका निर्माण कार्य कब तक पूरा हो जाएगा. उस समय कोर्ट को ये आश्वासन दिया गया था कि 30 जून, 2023 तक इस कार्य को पूरा कर लिया जायेगा. लेकिन अभी भी निर्माण कार्य चल ही रहा है. पिछली सुनवाई में कोर्ट को बताया गया कि पटना के पास नाथूपुरा और सरिस्ताबाद के बीच सड़क निर्माण के लिए नये सिरे से टेंडर 11जुलाई, 2023 को जारी किया जायेगा.
तय समय सीमा में काम पूरा होना मुश्किल : पहले की सुनवाई में कोर्ट को पटना गया डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्य कर रही कम्पनियों ने बताया था कि 31 मार्च 2023 तक फेज एक का अधिकांश कार्य पूरा कर लिया जाएगा. साथ ही इस राजमार्ग के निर्माण कार्य को लगभग 30 जून, 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मनीष कुमार ने कोर्ट को बताया कि जिस गति से काम किया जा रहा है, ऐसे में तय समय सीमा में निर्माण कार्य पूरा होना कठिन है.
छठ के बाद होगी अगली सुनवाई : याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि तय समय सीमा में कार्य पूरा करने के लिए संसाधनों और कार्य करने वाले लोगों की संख्या बढ़ाने की जरूरत है. इस मामलें पर अगली सुनवाई छठ अवकाश के बाद फिर सुनवाई की जाएगी.
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