पटना: पटना हाईकोर्ट (Patna High Court) ने पटना नगर निगम (Patna Municipal Corporation) के कर्मियों को हड़ताल खत्म करने का निर्देश दिया है. मंगलवार को इस संबंध में दायर याचिकाओं पर चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने सुनवाई की.
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हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आठ सप्ताह के भीतर निगम कर्मियों की मांगों पर विचार कर फैसला लेने का निर्देश दिया है. पटना नगर निगम के कर्मचारियों के हड़ताल से उत्पन्न गंभीर स्थिति को देखते हुए एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कोर्ट से इस मामले में शीघ्र सुनवाई करने का अनुरोध किया था.
उन्होंने कोर्ट को बताया था कि पूरे पटना शहर में निगम कर्मियों के हड़ताल से प्रभाव पड़ा है. एक सप्ताह से चल रहे हड़ताल के कारण राजधानी की नारकीय हालत हो गई है. अभी कोरोना महामारी का संकट टला नहीं है. सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि निगम कर्मियों के हड़ताल के कारण पूरा पटना कूड़ा के ढेर में तब्दील हो गया है.
राजधानी के सभी क्षेत्रों में गंदगी फैली हुई है, जिससे बीमारियों के बढ़ने का खतरा गंभीर हो गया है. एडवोकेट जनरल ने कोर्ट के समक्ष कहा कि अभी कोरोना का समय चल रहा है. ऐसे समय में निगम कर्मियों के हड़ताल से पूरे पटना की सफाई व्यवस्था प्रभावित हुई है. शहर के हर इलाके में गंदगी फैली हुई है.
दरअसल, पटना नगर निगम के सफाईकर्मी अपने 12 सूत्री मांगों को लेकर आठ दिन से हड़ताल पर हैं. सफाईकर्मियों की हड़ताल के चलते कचरे का उठाव नहीं हो रहा है, इसके चलते शहर कचरे के ढेर में बदल गया है. गली-मोहल्ले हों या बेली रोड और अशोक राजपथ जैसी प्रमुख सड़कें, सभी जगह गंदगी का अंबार है. सड़कों पर गंदगी इतनी अधिक हो गई है कि एक लेन कचरे से ढंक गया है.
कचरे से सड़कें काफी संकीर्ण हो गई हैं. इसके चलते जाम लग रहा है. कचरे से उठ रहे दुर्गंध के कारण आसपास के लोगों का रहना मुश्किल हो रहा है. सड़क पर चलने वाले राहगीरों को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें कि इससे पहले 9 से 12 अगस्त तक पटना नगर निगम के चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों ने हड़ताल किया था. हड़ताल का आह्वान बिहार लोकल बॉडीज कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा और बिहार राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने किया है. सफाईकर्मी आउटसोर्सिंग पर रोक, दैनिक कर्मियों का स्थायीकरण, ग्रुप डी की सेवा को एक बार फिर से बहाल करने, समान काम के लिए समान वेतन और तब तक 18 हजार व 21 हजार रुपये का मानदेय लागू करने की मांग कर रहे हैं.
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