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पटना हाईकोर्ट ने एएन कॉलेज के पीछे नगर विकास भवन के निर्माण के टेंडर को किया रद्द

पटना हाईकोर्ट में आज राजधानी के एएन कॉलेज के पीछे नगर विकास भवन के टेंडर के मामले पर सुनवाई हुई. इस मामले में सुनवाई करते हुए टेंडर को रद्द कर दिया (High Court Cancels Tender of Nagar Vikas Bhawan). पढे़ं पूरी खबर..

पटना हाईकोर्ट
Patna High Court
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Published : Jul 5, 2022, 10:44 PM IST

पटना: पटना हाईकोर्ट (Hearing In Patna High Court) ने पटना नगर निगम के एम्पॉवर्ड स्टैंडिंग कमिटी (Empowered Standing Committee) के बिना सहमति के एएन कॉलेज, पटना के पीछे नगर विकास भवन के टेंडर को रद्द कर दिया है. जस्टिस अश्विनी कुमार सिंह (Justice Ashwini Kumar Singh) की खंडपीठ ने राज्य के नगर विकास और आवास विभाग को नगर आयुक्त द्वारा नगर विकास भवन निर्माण हेतु अनुमति के लिए दिये पत्र निरस्त कर दिया है.

ये भी पढ़ें-पटना के राजीव नगर में 'ऑपरेशन बुलडोजर' पर हाईकोर्ट की रोक

पटना हाईकोर्ट ने नगर विकास भवन के टेंडर को किया रद्द: अधिवक्ता मयूरी ने बताया कि पटना नगर निगम के एम्पॉवर्ड स्टैंडिंग कमिटी के बिना सहमति के नगर आयुक्त ने नगर विकास भवन का निर्माण स्थानीय एएन कालेज के पीछे 1.5 एकड़ भूमि पर करने के लिए पत्र जारी किया गया. साथ ही भवन निर्माण विभाग ने निर्माण के टेंडर जारी कर दिया था, जिसे कोर्ट ने रद्द कर दिया. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बगैर एम्पॉवर्ड स्टैंडिंग कमिटी की अनुमति के नगर आयुक्त किसी संपत्ति को स्थानांतरित करने का पत्र नहीं जारी कर सकते हैं. वे निगम के कार्यपालक प्रधान होते हैं.

एम्पॉवर्ड स्टैंडिंग कमिटी के बिना सहमति के हुआ था टेंडर: कोर्ट ने अधिवक्ता मयूरी के इस तर्क को भी मना कि बिहार म्युनिसिपल एक्ट, 2007 में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है, जिसके तहत बाद में अनुमति ली जाए. नगर आयुक्त को ऐसी कोई कानूनी अधिकार नहीं है, जिसके तहत वे अधिकार का इस प्रकार उपयोग कर सके. इसलिए ये नगर आयुक्त का पत्र और भवन निर्माण के लिए जारी टेंडर को रद्द कर दिया गया.

ये भी पढ़ें-बिहार में जातीय जनगणना रोकने की अर्जी हाईकोर्ट से खारिज, लेकिन याचिकाकर्ता को मिली ये बड़ी सहूलियत

पटना: पटना हाईकोर्ट (Hearing In Patna High Court) ने पटना नगर निगम के एम्पॉवर्ड स्टैंडिंग कमिटी (Empowered Standing Committee) के बिना सहमति के एएन कॉलेज, पटना के पीछे नगर विकास भवन के टेंडर को रद्द कर दिया है. जस्टिस अश्विनी कुमार सिंह (Justice Ashwini Kumar Singh) की खंडपीठ ने राज्य के नगर विकास और आवास विभाग को नगर आयुक्त द्वारा नगर विकास भवन निर्माण हेतु अनुमति के लिए दिये पत्र निरस्त कर दिया है.

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पटना हाईकोर्ट ने नगर विकास भवन के टेंडर को किया रद्द: अधिवक्ता मयूरी ने बताया कि पटना नगर निगम के एम्पॉवर्ड स्टैंडिंग कमिटी के बिना सहमति के नगर आयुक्त ने नगर विकास भवन का निर्माण स्थानीय एएन कालेज के पीछे 1.5 एकड़ भूमि पर करने के लिए पत्र जारी किया गया. साथ ही भवन निर्माण विभाग ने निर्माण के टेंडर जारी कर दिया था, जिसे कोर्ट ने रद्द कर दिया. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बगैर एम्पॉवर्ड स्टैंडिंग कमिटी की अनुमति के नगर आयुक्त किसी संपत्ति को स्थानांतरित करने का पत्र नहीं जारी कर सकते हैं. वे निगम के कार्यपालक प्रधान होते हैं.

एम्पॉवर्ड स्टैंडिंग कमिटी के बिना सहमति के हुआ था टेंडर: कोर्ट ने अधिवक्ता मयूरी के इस तर्क को भी मना कि बिहार म्युनिसिपल एक्ट, 2007 में कोई ऐसा प्रावधान नहीं है, जिसके तहत बाद में अनुमति ली जाए. नगर आयुक्त को ऐसी कोई कानूनी अधिकार नहीं है, जिसके तहत वे अधिकार का इस प्रकार उपयोग कर सके. इसलिए ये नगर आयुक्त का पत्र और भवन निर्माण के लिए जारी टेंडर को रद्द कर दिया गया.

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