पटना: पटना हाईकोर्ट ने बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह सहित बीस प्रोफेसरों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द (FIR Cancelled In Patna Highcourt) कर दिया. जस्टिस संदीप कुमार ने आपराधिक रिट याचिका पर सुनवाई करने के बाद दायर मामले को रद्द कर दिया.
2019 में इंटर परीक्षा का मुल्यांकन नहीं करने पर जबाब: कार्यकर्ताओं के वकील नवीन प्रसाद सिंह ने कोर्ट को बताया कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने वर्ष 2019 के इंटर परीक्षा की कॉपी जांचने के लिए मगध विश्वविद्यालय के शिक्षकों का लिस्ट तैयार कर भेजा था. जबकि यहां खुद विश्वविद्यालय की स्नातक परीक्षा होने के कारण शिक्षक भी इंटरमीडिएट की कॉपी जांचने नहीं गये.
डीईओ ने दर्ज करायी प्राथमिकी : विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों ने इंटरमीडिएट परीक्षा की कॉपी नहीं जांचने का कारण एएन कॉलेज के प्रिंसिपल ने उच्च माध्यमिक के परीक्षा नियंत्रक सह संयुक्त सचिव को लिखित पत्र भेज दिया. इसके बावजूद भी इंटर कॉपी जांचने नहीं आने वाले शिक्षकों के खिलाफ जिला शिक्षा पदाधिकारी पटना ने बहादुरपुर थाना में जाकर कुल 72 शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर दिया.
कॉपी जांच में शामिल होने पर डीइओ ने की प्राथमिकी: डीईओ के चिठ्ठी पर बहादुरपुर थाना प्रभारी ने प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई शुरू की. कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि उसी समय मैंने कहा था कि जिस समय इंटर की कॉपी जांचने के लिए हमलोगों को चिट्ठी मिली उस समय हमलोग अपने परीक्षाओं के कारण व्यस्त थे. उस समय विश्वविद्यालय स्नातक सहित स्नातकोत्तर एवं अन्य कई विषयों का परीक्षा कार्यक्रम भी जारी कर दिया था. यही नहीं कॉलेज के प्रिंसिपल ने शिक्षा विभाग के संयुक सचिव को पत्र भेजकर प्रोफेसर के वहां नहीं पहुंच पाने की वजह भी बता दी थी. इसके बावजूद भी विभागीय प्राथमिकी दर्ज करा दी गई.