पटनाः पटना हाईकोर्ट ने भागलपुर के सुल्तानगंज में गंगा नदी के ऊपर बन रहे पुल के ध्वस्त होने के मामले पर सुनवाई की. अधिवक्ता मणिभूषण सेंगर व ललन कुमार की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए निर्माण कंपनी एसपी सिंगला को हलफनामा दायर कर अंडरटेकिंग देने को कहा गया कि वह अपने खर्च से इस पुल के ध्वस्त भाग का निर्माण करेगी. मामले पर अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी. कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता एस डी संजय व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही और सरकारी अधिवक्ता अमीश कुमार ने पक्ष प्रस्तुत किया.
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राज्य सरकार की रिपोर्ट की कॉपी मांगीः विकास कुमार मेहता की ओर से कोर्ट के समक्ष पक्ष प्रस्तुत करते हुए वरीय अधिवक्ता एसडी संजय ने कहा कि राज्य सरकार की रिपोर्ट की कॉपी उन्हें दी जाये. उस रिपोर्ट की कॉपी का अध्ययन करने के बाद वे अपना पक्ष कोर्ट के समक्ष रखेंगे. इससे पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को घटना की पूरी जानकारी देते हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया था. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा दायर हलफनामा का जवाब देने के लिए याचिकाकर्ताओं को पुनः दो सप्ताह का समय दिया था. पिछली सुनवाई में कोर्ट में एसपी सिंगला कंपनी के एमडी एसपी सिंगला उपस्थित थे.
जनहित याचिका दायर की थीः इससे पूर्व जस्टिस पूर्णेन्दु सिंह की सिंगल बेंच ने ग्रीष्मावकाश के दौरान ललन कुमार की याचिका पर सुनवाई की थी. उन्होंने गंगा नदी पर बन रहे खगड़िया के अगुवानी-सुल्तानगंज के निर्माणाधीन चार लेन पुल के ध्वस्त होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए निर्माण करने वाली कंपनी के एमडी को 21जून 2023 को कोर्ट में उपस्थित होने का निर्देश दिया था. इस मामले में अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने एक जनहित याचिका दायर की थी.
कंपनी से क्षति वसूली की मांगः उन्होंने अपनी जनहित याचिका में कहा था कि भ्रष्टाचार, घटिया निर्माण सामग्री और निर्माण कंपनी के घटिया कार्य से ये पुल दुबारा टूटा है. ये पुल 1700 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा था. उन्होंने याचिका में कहा है कि इस मामले की जांच स्वतंत्र एजेंसी से कराये जाने या न्यायिक जांच करायी जाये. जो भी दोषी और जिम्मेदार है, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने अपनी जनहित याचिका में मांग की थी कि निर्माण कंपनी और अन्य जिम्मेदार लोगों से इस क्षति की वसूली की जाये.