पटना: गैरकानूनी तरीके से हटाए गए मोतिहारी के लोक अभियोजक (Public Prosecutor Motihari) जय प्रकाश मिश्र (JP Mishra) को अदालती आदेश के बाद भी उनके पद पर बहाल नहीं किये जाने पर पटना हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है. हाईकोर्ट ने बिहार विधि विभाग के संयुक्त सचिव उमेश कुमार शर्मा को नोटिस जारी करते हुए तीन सप्ताह में स्पष्टीकरण मांगा है. कोर्ट ने उनसे यह बताने को कहा है कि अदालती आदेश की अवहेलना के मामले में क्यों नहीं उन्हें जिम्मेवार माना जाए?
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जस्टिस पी बी वजनथ्री ने गैरकानूनी तरीके से हटाए गए मोतिहारी के लोक अभियोजक (पीपी) जय प्रकाश मिश्र द्वारा अदालती आदेश की अवमानना को लेकर दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. कोर्ट ने सरकारी वकील को स्पष्ट रूप से कहा कि अवमानना का यह मामला दोषी पदाधिकारी के विरुद्ध दायर किया गया है. इसलिये इस मामले को लेकर जिम्मेदार व्यक्ति को खुद अदालत में अपना जबाब देना होगा कि उसने अदालती आदेश का पालन निर्धारित अवधि में क्यों नहीx किया?
यह मामला कोर्ट और दोषी व्यक्ति के बीच का है इसलिये कोर्ट में दोषी व्यक्ति को खुद अपना जबाब देना होगा. इसके पहले कोर्ट ने याचिकाकर्ता द्वारा दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए विधि विभाग के संयुक्त सचिव को 21 दिसंबर 2021 को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया था कि याचिकाकर्ता के बर्खास्तगी आदेश को एक सप्ताह में वापस लेते हुए तत्काल प्रभाव से इनकी नियुकि मोतिहारी के लोक अभियोजक के पद पर करने का पत्र वे जारी कर दें.
गौरतलब है कि अदालती आदेश में दिए गए निर्धारित अवधि के बीत जाने के बाद भी जब याचिकाकर्ता की नियुक्ति नहीं की गई तो अदालती आदेश की अवमानना का यह मामला दायर किया गया था.
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