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पंचायत चुनाव में किन्नरों को आरक्षण पर पटना HC में हुई सुनवाई, सरकार ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र - Hearing on reservation for transgenders in Panchayat elections

राज्य के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में किन्नरों को पर्याप्त आरक्षण मुहैया कराने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को पटना हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. पढ़ें पूरी खबर...

पंचायत चुनाव में किन्नरों को आरक्षण को लेकर दायर जनहित याचिका पर पटना HC में हुई सुनवाई
पंचायत चुनाव में किन्नरों को आरक्षण को लेकर दायर जनहित याचिका पर पटना HC में हुई सुनवाई
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Published : Nov 1, 2021, 10:06 PM IST

पटना: बिहार के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) में किन्नरों को (Reservation To Transgenders ) भी पर्याप्त आरक्षण मुहैया कराने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस पी बी बजन्थरी के खंडपीठ के समक्ष वीरा यादव द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.

इसे भी पढ़ें : हाईकोर्ट ने थैलेसीमिया के इलाज पर सरकार की कार्रवाई को बताया संतोषजनक, जनहित याचिका निष्पादित

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीपक कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में स्पष्टीकरण को लेकर राज्य सरकार के अधिकारियों ने चुनाव आयोग को लिखा है. याचिका के जरिये मुखिया, सरपंच, ग्राम पंचायत के सदस्य, ग्राम कचहरी के पंच सदस्यों, पंचायत समिति के सदस्यों व जिला परिषद के सदस्यों के पद पर निर्वाचन में आरक्षण की मांग की गई. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव बिहार पंचायत राज एक्ट, 2006, बिहार पंचायत इलेक्शन रूल्स, 2006 की धारा 9 व जन प्रतिनिधि एक्ट, 1951 के अंतर्गत संचालित की जा रही है.

याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि इस याचिका के लंबित रहने तक वर्तमान प्रावधानों के तहत उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप नहीं दिया जाए. उक्त मामले में पंचायत राज विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को 5 फरवरी, 2021 को एक पत्र भी लिखा गया था. याचिका में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि राज्य सरकार के गृह विभाग ने अपने संकल्प संख्या 386 के जरिये कांस्टेबल/सब इंस्पेक्टर के प्रत्येक 500 पदों पर 2011 की जनगणना के मुताबिक एक पद पर ट्रांसजेंडर समुदाय को आरक्षण दिया जाएगा. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 26 फरवरी, 2021 को त्रिस्तरीय पंचायत को लेकर अधिसूचना जारी की गई थी. इस मामले पर कोर्ट में आगे भी सुनवाई जारी रहेगी.

इसे भी पढ़ें : पटना हाईकोर्ट ने खारिज की वकील संतोष मिश्रा की जमानत याचिका, 10.5 लाख रुपये गबन का है मामला

पटना: बिहार के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) में किन्नरों को (Reservation To Transgenders ) भी पर्याप्त आरक्षण मुहैया कराने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस संजय करोल व जस्टिस पी बी बजन्थरी के खंडपीठ के समक्ष वीरा यादव द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई.

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याचिकाकर्ता के अधिवक्ता दीपक कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में स्पष्टीकरण को लेकर राज्य सरकार के अधिकारियों ने चुनाव आयोग को लिखा है. याचिका के जरिये मुखिया, सरपंच, ग्राम पंचायत के सदस्य, ग्राम कचहरी के पंच सदस्यों, पंचायत समिति के सदस्यों व जिला परिषद के सदस्यों के पद पर निर्वाचन में आरक्षण की मांग की गई. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव बिहार पंचायत राज एक्ट, 2006, बिहार पंचायत इलेक्शन रूल्स, 2006 की धारा 9 व जन प्रतिनिधि एक्ट, 1951 के अंतर्गत संचालित की जा रही है.

याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि इस याचिका के लंबित रहने तक वर्तमान प्रावधानों के तहत उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप नहीं दिया जाए. उक्त मामले में पंचायत राज विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी को 5 फरवरी, 2021 को एक पत्र भी लिखा गया था. याचिका में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि राज्य सरकार के गृह विभाग ने अपने संकल्प संख्या 386 के जरिये कांस्टेबल/सब इंस्पेक्टर के प्रत्येक 500 पदों पर 2011 की जनगणना के मुताबिक एक पद पर ट्रांसजेंडर समुदाय को आरक्षण दिया जाएगा. राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा 26 फरवरी, 2021 को त्रिस्तरीय पंचायत को लेकर अधिसूचना जारी की गई थी. इस मामले पर कोर्ट में आगे भी सुनवाई जारी रहेगी.

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