पटना: पटनासिटी के आलमगंज स्थित शक्तिपीठ बड़ी पटनदेवी मंदिर का सौंदर्यीकरण जीणोद्धार का कार्य कार्तिक पूर्णिमा के दिन से आरंभ हो गया है. जिसको लेकर मंदिर के गर्भगृह में विराजी भगवती को निर्माण कार्य पूर्ण होने तक मंदिर में दूसरे स्थान पर स्थापित कर दर्शन व पूजन का अनुष्ठान करा दिया गया है. जहां मंदिर के महंत विजय शंकर गिरी ने बताया कि निर्माण कार्य पूरा होने के बाद भगवती को फिर से गर्भगृह में ही विराजमान कर दिया जाएगा.
मंदिर के सौंदर्यीकरण में 5 से 6 करोड़ होंगे खर्च
महंत जी ने बताया कि मंदिर के जीणोद्धार कार्य मकराना पत्थर से कराया जाएगा जिसकी खर्च लागत लगभग 5 से 6 करोड़ तक आएगी. इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व जनसहयोग के लिए योजना बनाई जा रही है. महंत विजय शंकर गिरी का कहना है कि मकराना पत्थर का इस्तेमाल कर छह गुम्बद का निर्माण कराने के साथ 51 फुट ऊंचे मंदिर का निर्माण किया जाएगा.
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गुलजारबाग स्टेशन का नाम बदलकर पटनेश्वरी धाम रखने की मांग
पटना की महापौर सीता साहू का कहना है कि लगभग 2 करोड़ रुपये की लागत से मंदिर आने वाले सड़क, लाइट व आसपास के क्षेत्र के सौंदर्यीकरण कराने की भी योजना है. बताया जाता है कि जिस मकराना के संगमरमर से मंदिर के निर्माण की योजना है उस पत्थर का रंग नहीं बदलता है. वहीं पटना की महापौर सीता साहू ने शक्तिपीठ बड़ी पटनदेवी मंदिर के नजदीक स्थित गुलजारबाग स्टेशन का नाम बदलकर पटनेश्वरी धाम रखने के लिए बिहार सरकार से गुजारिश की है.
आदिकाल से शक्तिपीठ में पूजा होती आ रही है
शक्तिपीठ बड़ी पटनदेवी के महंत विजय शंकर गिरि ने बताया कि सैकड़ों वर्ष प्राचीन मंदिर में सती का दक्षिण जंघा कटकर गिरा था. यहां भगवती का रूप सर्वानंदकारी तथा भैरव व्योमकेश हैं. यहां महाकाली, महासरस्वती, महालक्ष्मी की प्रतिमाएं एक साथ पूजनीय हैं.