पटना: भाई-बहनों के प्यार के पावन त्योहार राखी को लेकर सभी तरफ काफी उत्साह देखने को मिल रहा है. इसी बीच पटना के मंदिरी क्षेत्र में झुग्गी-झोपड़ियों की बच्चियां सेना के जवानों और पुलिसकर्मियों के लिए राखी बनाने में जुटी हुई है. सभी धर्म और समुदाय से आने वाली बच्चियां काफी उत्साह से राखी बनाने में जुटी हुई है और उनका कहना है कि सेना सरहद पर हमारे देश की रक्षा करते हैं और पुलिसकर्मी हमें चैन से सोने का मौका देते हैं इसलिए वह उनके लिए राखी तैयार कर रही हैं.
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ट्रेनर सीखा रही राखी बनाने का हुनर: दरअसल पटना के मंदिरी क्षेत्र में स्थित हथुआ राज ज्ञानोदय संस्कृत महाविद्यालय के प्रांगण में शाम के समय ये पहुंचते हैं. जहां समाजसेवी संस्था बी फॉर नेशन की ओर से स्थानीय झुग्गी झोपड़ियों के बच्चों को निशुल्क पठन-पाठन का कार्य कराने के साथ उन्हें कौशल प्रशिक्षण भी दिया जाता है. इसी संस्था की ट्रेनर बच्चों को राखी बनाने का हुनर सीखा रही हैं. लगभग 25 की संख्या में बच्चियां हैं जो काफी उत्साह से राखी बनाने में जुटी हुई है.
कम लागत में बन रही खूबसूरत राखी: झुग्गी झोपड़ियों के बच्चियों को राखी बनाने की ट्रेनिंग दे रही ट्रेनर वंदना झा ने बताया कि इन राखियों में बहुत सारा प्यार, निष्ठा और देशभक्ति का जज्बा छुपा है. बच्चियों में सीखने का गजब का हुनर है और काफी कम समय में हीं बहुत कुछ सीख कर अब तक यह बच्चियों ने काफी राखी तैयार कर ली है.
"ये सभी बच्चें आर्थिक अभाव वाले हैं इसलिए ये छोटी-छोटी वस्तुओं से कम लागत में राखियां तैयार कर रही हैं. रेशम का धागा, मोती, सीप, चूड़ियां, रिबन, शीशे और अन्य सजावटी सामान से यह राखियां तैयार की जा रही है."-वंदना झा, ट्रेनर
राखी बनाने को लेकर बच्चियों में उत्साह: राखी बना रही बच्ची मुस्कान खातून ने बताया कि उन्हें राखी बनाना सीख कर बहुत अच्छा लग रहा है. अब तक वह एक दिन में तीन राखी तैयार कर चुकी हैं. वह यह राखी सेना के जवानों और पुलिसकर्मियों के लिए तैयार कर रही हैं. 10 वर्षीय बच्ची साक्षी राज ने कहा कि वह पहले अपने भाई के लिए राखी तैयार कर रही हैं. उसके बाद सेना के जवानों के लिए और उसके बाद पुलिसकर्मियों के लिए भी. राखी अधिक बना लेने पर आसपास अपने दोस्तों को बाटेंगे और अपने भाइयों को वह यही राखी बांधें.
"राखी पुलिस कर्मियों के लिए तैयार की जा रही रही हैं. राखी के दिन पुलिस अंकल के पास जाकर के उनके हाथों में राखी बांधेंगी. राखी पुलिस को इसलिए बांधूंगी क्योंकि उन्हीं की वजह से हम सुरक्षित महसूस करते हैं. पुलिस अपराधियों को पकड़ने का काम करती है और घर में जब चोरी हो जाती है तो चोर को पुलिस पकड़ कर लाती है."-काम्या
पढ़ाई के बाद बच्चे करते हैं अपने मता-पिता की मदद: बी फॉर नेशन संस्था के संस्थापक इंजीनियर रोहित कुमार ने कहा कि यह सभी बच्चे वह बच्चे हैं जिनकी परवरिश अभाव में हो रही है. सभी बच्चों के माता-पिता कहीं ना कहीं मजदूरी का काम करते हैं और पढ़ाई के बाद यह बच्चे भी अपने माता-पिता के काम में हाथ बंटाते हैं. इन बच्चों में सीखने का एक गजब का हुनर है और बहुत जल्दी कोई भी हुनर सीख जाते हैं.
"यह बच्चे राखी बनाने का हुनर सीखने के लिए बहुत पहले से बेचैन थे और जब राखी बनाना इनको सिखाया गया तब से काफी राखी बना चुके हैं. बच्चे जो राखी बना रहे हैं उसे जल्द ही समय रहते सेना के जवानों के लिए स्पीड पोस्ट से भेजा जाएगा. वहीं जो पुलिसकर्मियों के लिए राखी तैयार हो रही है वह राखी के दिन यह बच्चे स्थानीय बुद्धा कॉलोनी थाना और कोतवाली थाने में जाकर, अपने हाथों से पुलिसकर्मियों को राखी बांधेंगी."-इंजीनियर रोहित कुमार, संस्थापक, बी फॉर नेशन संस्था