पटना: बिहार की राजधानी पटना में सड़कों और नालों की दयनीय हालत को देखते हुए याचिकाकर्ता संजय कुमार ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दाखिल किया था. जहां बताया गया था कि सड़क व नालों के निर्माण के लिए आवश्यक धनराशि की तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर दी गई है. लेकिन अभी तक इस धनराशि के लिए वित्तीय स्वीकृति मिलना शेष हैं.
सड़क निर्माण का अपडेट देने को कहा: वहीं, पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को सड़क का निर्माण कार्य पूरा हुआ है या नहीं, यह जानकारी देने को कही थी. कोर्ट ने ये भी बताने को कहा था कि अगर सड़क निर्माण का कार्य पूरा नहीं हुआ, तो क्यों नहीं हुआ.
2021 में ही मिल गई थी धनराशि: इस संबंध में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्रा ने बताया कि इस सड़क व नालों के निर्माण के लिए 2021 में ही धनराशि जारी कर दी गई थी. ये योजना तकनीकी समिति के प्रस्ताव पारित करने के लिए 8 जून, 2021 को भेजा गया था. फिर नगर निगम की ओर से बताया गया कि अगस्त, 2023 को पुनः तकनीक समिति को भेजा गया है. अधिवक्ता संजीव कुमार मिश्रा ने बताया कि आम लोगों को बस स्टैंड में बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण भयंकर कष्टों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन ये योजना लाल फीताशाही का शिकार हो गई है.
"बस स्टैंड काफी बड़ा है, जहां राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से बसें आती जाती है. इस दौरान बड़ी तादाद में यात्रीगण इस बस स्टैंड में आते है. इसके बाबजूद बस स्टैंड की हालत काफी दयनीय है. यहां बुनियादी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं है. सड़कों की हालत खराब होने के कारण यात्रियों को बस स्टैंड आने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैं. बरसात के मौसम में बस स्टैंड में जलजमाव की भी भीषण समस्या होती है. इस कारण यात्रियों को काफी मुश्किलें होती है. जल निकासी की सही व्यवस्था नहीं होने के कारण काफी समय तक जलजमाव की समस्या बरकरार रहती है." - संजीव कुमार मिश्रा, अधिवक्ता.
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