ETV Bharat / state

Patna News: पटना के छात्र हर्ष ने बनाई एक मशीन, यह पता करेगा फल और सब्जी में कितना है केमिकल - ETV Bharat News

ई-रिक्शा चालक के बेटे ने एक ऐसी मशीन ईजाद की है, जो फल और सब्जियों में मौजूद केमिकल (device to measure chemical in fruit and vegitable ) के बारे में बताएगा. छात्र का नाम हर्ष राजपूत है. यह मशीन लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक साबित हो सकता है. पढ़ें पूरी खबर..

हर्ष राजपूत
हर्ष राजपूत
author img

By

Published : Feb 22, 2023, 9:46 PM IST

पटना के लड़के हर्ष राजपूत ने विकसित किया उपकरण

पटनाः बिहार की राजधानी पटना के ई- रिक्शा चालक के बेटे ने कमाल कर दिया है. 16 वर्षीय छात्र हर्ष राजपूत ने फल और सब्जी में रसायन मापने का एक यंत्र विकसित (patna boy harsh rajput developed device) किया है. कहा जाता है न, जब आगे बढ़ने की हिम्मत हो तो संसाधनों की कमी बाधक नहीं बनती है. ई रिक्शा चालक के पुत्र हर्ष राजपूत ने अपने दिमाग का लोहा मनवाते हुए इसरो में चयनित हो चुके हैं. उन्होंने कम संसाधनों के बीच पढ़ाई लिखाई के साथ एक डिवाइस तैयार किया है. इससे आपके सब्जी-फलों में कितना केमिकल है, उसे आप माप सकते हैं.

ये भी पढ़ेंः पटना के लाल ने किया कमाल, जॉर्ज टाउन विश्वविद्यालय से मिली 2.5 करोड़ की स्‍कॉलरशिप

फल सब्जी में केमिकल जांचने वाली मशीन ईजाद कीः 16 वर्षीय हर्ष राजपूत ने किलकारी में रहते हुए पेपर में पढ़ा कि आज के फल और सब्जियों में केमिकल पाया जाता है. उसके बाद इन्होंने फल और सब्जी में केमिकल है, इसकी जांच की जा सकती है और जांच के बाद यह खाने योग्य है कि नहीं इस पर इन्होंने रिसर्च करना शुरू किया. इस रिसर्च के दौरान हर्ष ने अपने ब्रेन का इस्तेमाल कर इस डिवाइस को तैयार किया. उन्होंने डिवाइस के जरिए फल सब्जियों में केमिकल है या नहीं माप सकते हैं और केमिकल वाले फल सब्जियों से दूरी बना सकते हैं. साथ ही अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं.

किस हद तक खाने योग्य है फल, यह भी पता चलेगाः डिवाइस में दो लाइट लगी हुई है. अगर रेड लाइट जलता है तो पता चलेगा कि आपकी फल सब्जी में केमिकल है या नहीं. अगर केमिकल है तो कितना है. वह भी लिखा हुआ ऊपर के स्क्रीन पर आएगा. उन्होंने कहा कि इस डिवाइस में दो लाइट के साथ-साथ एक हिस्सा ट्रांसमीटर और दूसरे हिस्से में सेंसर लगा हुआ है. जिस फल और सब्जी को उस मशीन में रखा जाता है, उस पर प्रकाश डाला जाता है. तब आईआर रेंज के वेवलेंथ को रिसीव करके बताता है कि कौन सा फल या सब्जी है और वह खाने योग्य है या नहीं.

इसरो में भी हुआ है हर्ष का चयन: बताते चले कि हर्ष ने 16 वर्ष की उम्र में कई तरह की खोज किए हैं. हर्ष राजपूत का इसरो में भी चयन किया गया है. कोरोना काल में हर्ष ने आधुनिक तरीके का मास्क भी तैयार किया था. अब उसने सब्जी और फल का केमिकल मापने का डिवाइस तैयार किया है. हर्ष राजपूत का यह डिवाइस आईआईटी मुंबई की ओर से आयोजित वीट ब्लॉक यंग इनवर्टर टेक फेस्ट साल 2022 दिसंबर में लगा था. इसमें हर्ष राजपूत द्वारा बनाए गए केमिकल मापने वाली मशीन को 1 ग्रेड प्राप्त हुआ है.

आईआईटी मुंबई प्रोटोटाइप बनाने में कर रही मददः इस मशीन को लेकर मुंबई आईआईटी के नीति आयोग की तरफ से सहयोग मिल रहा है और प्रोटोटाइप तैयार किया जा रहा है. बहुत जल्द इस पर रिसर्च कर इसको बाजार में उतारा जाएगा. ई-रिक्शा चालक के बेटा हर्ष का कहना है कि पटना के बाढ़ का रहने वाला हूं, लेकिन पिताजी बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए पटना में किराए के मकान में रहते हैं. पिताजी पहले रिक्शा चलाते थे. अब ई रिक्शा चलाकर सभी बच्चों की परवरिश कर रहे हैं. उनका कहना है कि संसाधनों की कमी के बीच में पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ जो सपना अपने मन और दिमाग में आ जाएगा. वह निश्चित तौर पर पूरा होता है. उन्होंने कहा कि मेरा सपना जो है मैं उसके तरफ आगे बढ़ रहा हूं.

"पटना के बाढ़ का रहने वाला हूं, लेकिन पिताजी बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए पटना में किराए के मकान में रहते हैं. पिताजी पहले रिक्शा चलाते थे. अब ई रिक्शा चलाकर सभी बच्चों की परवरिश कर रहे हैं. इस डिवाइस को बनाने में काफी रिसर्च की जरूरत पड़ी. हमलोगों ने इंफ्रारेड और अन्य किरणों की मदद से इस डिवाइस को तैयार किया. इससे फल और सब्जियों में केमिकल का कंपोजिशन क्या है इसका पता चल पता है" - हर्ष राजपूत

पटना के लड़के हर्ष राजपूत ने विकसित किया उपकरण

पटनाः बिहार की राजधानी पटना के ई- रिक्शा चालक के बेटे ने कमाल कर दिया है. 16 वर्षीय छात्र हर्ष राजपूत ने फल और सब्जी में रसायन मापने का एक यंत्र विकसित (patna boy harsh rajput developed device) किया है. कहा जाता है न, जब आगे बढ़ने की हिम्मत हो तो संसाधनों की कमी बाधक नहीं बनती है. ई रिक्शा चालक के पुत्र हर्ष राजपूत ने अपने दिमाग का लोहा मनवाते हुए इसरो में चयनित हो चुके हैं. उन्होंने कम संसाधनों के बीच पढ़ाई लिखाई के साथ एक डिवाइस तैयार किया है. इससे आपके सब्जी-फलों में कितना केमिकल है, उसे आप माप सकते हैं.

ये भी पढ़ेंः पटना के लाल ने किया कमाल, जॉर्ज टाउन विश्वविद्यालय से मिली 2.5 करोड़ की स्‍कॉलरशिप

फल सब्जी में केमिकल जांचने वाली मशीन ईजाद कीः 16 वर्षीय हर्ष राजपूत ने किलकारी में रहते हुए पेपर में पढ़ा कि आज के फल और सब्जियों में केमिकल पाया जाता है. उसके बाद इन्होंने फल और सब्जी में केमिकल है, इसकी जांच की जा सकती है और जांच के बाद यह खाने योग्य है कि नहीं इस पर इन्होंने रिसर्च करना शुरू किया. इस रिसर्च के दौरान हर्ष ने अपने ब्रेन का इस्तेमाल कर इस डिवाइस को तैयार किया. उन्होंने डिवाइस के जरिए फल सब्जियों में केमिकल है या नहीं माप सकते हैं और केमिकल वाले फल सब्जियों से दूरी बना सकते हैं. साथ ही अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं.

किस हद तक खाने योग्य है फल, यह भी पता चलेगाः डिवाइस में दो लाइट लगी हुई है. अगर रेड लाइट जलता है तो पता चलेगा कि आपकी फल सब्जी में केमिकल है या नहीं. अगर केमिकल है तो कितना है. वह भी लिखा हुआ ऊपर के स्क्रीन पर आएगा. उन्होंने कहा कि इस डिवाइस में दो लाइट के साथ-साथ एक हिस्सा ट्रांसमीटर और दूसरे हिस्से में सेंसर लगा हुआ है. जिस फल और सब्जी को उस मशीन में रखा जाता है, उस पर प्रकाश डाला जाता है. तब आईआर रेंज के वेवलेंथ को रिसीव करके बताता है कि कौन सा फल या सब्जी है और वह खाने योग्य है या नहीं.

इसरो में भी हुआ है हर्ष का चयन: बताते चले कि हर्ष ने 16 वर्ष की उम्र में कई तरह की खोज किए हैं. हर्ष राजपूत का इसरो में भी चयन किया गया है. कोरोना काल में हर्ष ने आधुनिक तरीके का मास्क भी तैयार किया था. अब उसने सब्जी और फल का केमिकल मापने का डिवाइस तैयार किया है. हर्ष राजपूत का यह डिवाइस आईआईटी मुंबई की ओर से आयोजित वीट ब्लॉक यंग इनवर्टर टेक फेस्ट साल 2022 दिसंबर में लगा था. इसमें हर्ष राजपूत द्वारा बनाए गए केमिकल मापने वाली मशीन को 1 ग्रेड प्राप्त हुआ है.

आईआईटी मुंबई प्रोटोटाइप बनाने में कर रही मददः इस मशीन को लेकर मुंबई आईआईटी के नीति आयोग की तरफ से सहयोग मिल रहा है और प्रोटोटाइप तैयार किया जा रहा है. बहुत जल्द इस पर रिसर्च कर इसको बाजार में उतारा जाएगा. ई-रिक्शा चालक के बेटा हर्ष का कहना है कि पटना के बाढ़ का रहने वाला हूं, लेकिन पिताजी बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए पटना में किराए के मकान में रहते हैं. पिताजी पहले रिक्शा चलाते थे. अब ई रिक्शा चलाकर सभी बच्चों की परवरिश कर रहे हैं. उनका कहना है कि संसाधनों की कमी के बीच में पढ़ाई लिखाई के साथ-साथ जो सपना अपने मन और दिमाग में आ जाएगा. वह निश्चित तौर पर पूरा होता है. उन्होंने कहा कि मेरा सपना जो है मैं उसके तरफ आगे बढ़ रहा हूं.

"पटना के बाढ़ का रहने वाला हूं, लेकिन पिताजी बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए पटना में किराए के मकान में रहते हैं. पिताजी पहले रिक्शा चलाते थे. अब ई रिक्शा चलाकर सभी बच्चों की परवरिश कर रहे हैं. इस डिवाइस को बनाने में काफी रिसर्च की जरूरत पड़ी. हमलोगों ने इंफ्रारेड और अन्य किरणों की मदद से इस डिवाइस को तैयार किया. इससे फल और सब्जियों में केमिकल का कंपोजिशन क्या है इसका पता चल पता है" - हर्ष राजपूत

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.