पटना: राजधानी पटना का क्षेत्रफल दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है. वैसे तो उत्तर में गंगा नदी है इसलिए उत्तर की तरफ राजधानी का विस्तार होना असंभव है लेकिन दक्षिण और पश्चिम ओर राजधानी का आकार बढ़ता ही चला जा रहा है. उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा की तरह इसे विकसित किया जा रहा है.
बेली रोड को पहले से चौड़ा किया गया है. कई जगहों पर बड़े-बड़े फ्लाईओवर बनाये गए हैं. पुरानी नहर पर भी रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण कराया गया है. पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन को भी ऐसे क्षेत्र में बनाया गया है जिससे राजधानी का विस्तार तेजी से हुआ है.
प्रगति के पथ पर राजधानी
आपको बता दें कि पहले राजधानी पटना का आकार जगदेव पथ तक ही सीमित था. कुछ साल पहले जेडी विमेन्स कॉलेज से गोला रोड तक लगभग 2 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर का निर्माण किया गया. बढ़ती आबादी के साथ धीरे-धीरे खेत खलिहान वाले क्षेत्र भी ऊंची इमारतों में तब्दील हो गएं. कई बड़े शॉपिंग मॉल बन गए. बड़ी-बड़ी इमारतें भी बन गई. अब तो जमीन का दाम भी आसमान छूने लगा है.
चारों ओर बन रही इमारतें
स्जथानीय लोगों का कहना है कि जमीन का रेट बढ़ने के साथ ही बिल्डरों की चांदी हो गई है. सस्ते दामों पर खरीदे गए जमीन पर ये अपार्टमेंट्स बना रहे हैं. और महंगे दाम पर बेच रहे हैं. राजधानी के किसी भी पॉश इलाके में फ्लैट्स की कीमत कम नहीं है. किसी-किसी इलाके में फ्लैट 35 - 40 लाख में मिल जाती है नहीं तो यहां 60 लाख से कम में फ्लैट भी नहीं मिलती.
ग्रेटर नोएडा के तौर पर राजधानी का हो रहा विस्तार
वैसे तो पटना नगर निगम ने ग्रेटर पटना में बिहटा तक का क्षेत्र शामिल किया है. पटना का विस्तार बिहटा से आगे तक हो चला है. अच्छी सड़क और बिजली-पानी की व्यवस्था के कारण यहां नई कॉलोनी बसी है. लेकिन जिसतरह राजा बाजार से लेकर शगुना मोड़ तक नई कॉलोनी बनी है, ऊंची ऊंची इमारतें बनाई गई है, ग्रेटर नोएडा की तरह इसका विस्तार जारी है. निश्चित तौर पर राजधानीवासियों के लिए यह सुकून देने वाली खबर है.