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'खुद को पासवान बताने में पशुपति पारस को आती है शर्म, चुनाव प्रचार कर जनता को किया भ्रमित'

सभी दलित चिराग पासवान के साथ है. दो विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव में चिराग पासवान की ही जीत होगी. पशुपति पारस को तो अपने नाम के साथ पासवान जोड़ने में भी शर्म आती है. जनता को भ्रमित करने के लिए उन्हें चुनावी मैदान में उतारा गया. यह कहना है लोजपा (रामविलास) के प्रधान महासचिव संजय पासवान का.

Pashupati Paras VS  Chirag Paswan
Pashupati Paras VS Chirag Paswan
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Published : Oct 29, 2021, 5:46 PM IST

पटना: स्वर्गीय रामविलास पासवान के देहांत के बाद लोजपा में दो फाड़ हो गया है. लोजपा रामविलास पार्टी (Lok Janshakti Party (Ram Vilas), विधानसभा की तर्ज पर उपचुनाव में भी दोनों सीटों (Tarapur and Kusheshwarsthan By-elections) पर अकेले चुनाव लड़ रही है. बिहार विधानसभा के उपचुनाव के दोनों सीटों पर शनिवार को मतदान होना है. ऐसे में चिराग गुट का कहना है कि जनता को भ्रमित करने के लिए पशुपति पारस (Pashupati Paras) को मैदान में उतारा गया है. साथ ही लोजपा (रामविलास) के प्रधान महासचिव संजय पासवान का कहना है कि पशुपति पारस को तो अपने नाम में भी पासवान लगाने में शर्म आती है.

यह भी पढ़ें- जब पार्टी एक थी तब पशुपति पारस ने एक भी चुनावी सभा नहीं की अब CM के साथ घूम रहे हैं- LJP(R)

चिराग पासवान (Chirag Paswan) अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. वहीं रामविलास पासवान के भाई और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस एनडीए के पक्ष में दलित समाज से वोट मांग रहे हैं. संजय पासवान ने आरोप लगाते हुए कहा कि अपने मंत्री पद को बचाने के लिए नीतीश कुमार और अमित शाह के इशारे पर वोटरों को दिग्भ्रमित करने की कोशिश हो रही है. इसी के तहत पशुपति पारस को मैदान में उतारा गया. अगर जदयू की जीत नहीं होती है तो पारस को मंत्री पद से उतार फेंका जाएगा.

देखें वीडियो

यह भी पढ़ें- NDA का दावा- लालू के आने से उपचुनाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा, हमारी जीत तय

लोजपा के प्रधान महासचिव संजय पासवान ने रामविलास पासवान के भाई और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस व्यक्ति को अपने नाम में पासवान लगाने में शर्म आती है, वैसे व्यक्ति को पासवान जाति के लोग कैसे वोट डालेंगे.

"पशुपति कुमार पारस अपना सरनेम पासवान नहीं लिखते हैं. यहां तक की सांसद प्रिंस राज भी अपने नाम के पीछे पासवान लिखना मुनासिब नहीं समझते हैं. यह लोग अपने बच्चों के नाम में भी पासवान नहीं लगाते हैं. पारस ने रामविलास पासवान की पीठ में खंजर भोंकने से परहेज नहीं किया. उन्होंने पार्टी के साथ-साथ परिवार को भी तोड़ दिया है."- संजय पासवान, प्रधान महासचिव, लोजपा (रामविलास)

यह भी पढ़ें- ईटीवी भारत से बोले चिराग पासवान, 'उपचुनाव के बाद गिर जाएगी नीतीश कुमार की सरकार'

इन सबके बीच सवाल उठता है कि पासवान वोटर्स जो कि बिहार में 5% हैं, किसको अपना वोट देंगे. लोजपा रामविलास पार्टी के प्रधान महासचिव संजय पासवान ने अपनी पार्टी के जीत का दावा करते हुए कहा कि पासवान वोटर, चिराग पासवान को ही अपना समर्थन देंगे. उन्होंने वोटरों से भी अपील करते हुए कहा कि आप सभी चिराग पासवान को ही वोट डालें.

बता दें कि बिहार विधानसभा की 2 सीटों- तारापुर और कुशेश्वरस्थान पर हो रहे उपचुनाव पर सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ एनडीए (NDA) बिहार के शीर्ष नेताओं ने भी चुनाव प्रचार किया था. दोनों जगहों पर चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस भी जनता से वोट की अपील करते नजर आए थे. इस पर चिराग गुट हमलावर है.

पटना: स्वर्गीय रामविलास पासवान के देहांत के बाद लोजपा में दो फाड़ हो गया है. लोजपा रामविलास पार्टी (Lok Janshakti Party (Ram Vilas), विधानसभा की तर्ज पर उपचुनाव में भी दोनों सीटों (Tarapur and Kusheshwarsthan By-elections) पर अकेले चुनाव लड़ रही है. बिहार विधानसभा के उपचुनाव के दोनों सीटों पर शनिवार को मतदान होना है. ऐसे में चिराग गुट का कहना है कि जनता को भ्रमित करने के लिए पशुपति पारस (Pashupati Paras) को मैदान में उतारा गया है. साथ ही लोजपा (रामविलास) के प्रधान महासचिव संजय पासवान का कहना है कि पशुपति पारस को तो अपने नाम में भी पासवान लगाने में शर्म आती है.

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चिराग पासवान (Chirag Paswan) अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं. वहीं रामविलास पासवान के भाई और केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस एनडीए के पक्ष में दलित समाज से वोट मांग रहे हैं. संजय पासवान ने आरोप लगाते हुए कहा कि अपने मंत्री पद को बचाने के लिए नीतीश कुमार और अमित शाह के इशारे पर वोटरों को दिग्भ्रमित करने की कोशिश हो रही है. इसी के तहत पशुपति पारस को मैदान में उतारा गया. अगर जदयू की जीत नहीं होती है तो पारस को मंत्री पद से उतार फेंका जाएगा.

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लोजपा के प्रधान महासचिव संजय पासवान ने रामविलास पासवान के भाई और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस व्यक्ति को अपने नाम में पासवान लगाने में शर्म आती है, वैसे व्यक्ति को पासवान जाति के लोग कैसे वोट डालेंगे.

"पशुपति कुमार पारस अपना सरनेम पासवान नहीं लिखते हैं. यहां तक की सांसद प्रिंस राज भी अपने नाम के पीछे पासवान लिखना मुनासिब नहीं समझते हैं. यह लोग अपने बच्चों के नाम में भी पासवान नहीं लगाते हैं. पारस ने रामविलास पासवान की पीठ में खंजर भोंकने से परहेज नहीं किया. उन्होंने पार्टी के साथ-साथ परिवार को भी तोड़ दिया है."- संजय पासवान, प्रधान महासचिव, लोजपा (रामविलास)

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इन सबके बीच सवाल उठता है कि पासवान वोटर्स जो कि बिहार में 5% हैं, किसको अपना वोट देंगे. लोजपा रामविलास पार्टी के प्रधान महासचिव संजय पासवान ने अपनी पार्टी के जीत का दावा करते हुए कहा कि पासवान वोटर, चिराग पासवान को ही अपना समर्थन देंगे. उन्होंने वोटरों से भी अपील करते हुए कहा कि आप सभी चिराग पासवान को ही वोट डालें.

बता दें कि बिहार विधानसभा की 2 सीटों- तारापुर और कुशेश्वरस्थान पर हो रहे उपचुनाव पर सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ एनडीए (NDA) बिहार के शीर्ष नेताओं ने भी चुनाव प्रचार किया था. दोनों जगहों पर चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस भी जनता से वोट की अपील करते नजर आए थे. इस पर चिराग गुट हमलावर है.

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