पटना: हाल के दिनों में पशुपति पारस (Pashupati Paras) और चिराग पासवान (Chirag Paswan) के बीच जिस तरह से कटुता बढ़ गई है, ऐसे में बड़ा सवाल यही है कि क्या भविष्य में कभी परिवार एकजुट हो पाएगा? इस बारे में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए पारस ने कहा कि समय बलवान होता है. अगर भतीजा गलती मान ले और प्रायश्चित कर लें तो माफ कर करता हूं.
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ईटीवी भारत के रीजनल एडिटर सचिन शर्मा से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस ने कहा कि ये प्रश्न जितना आसान है, उतना ही जटिल भी है. यदि लोग (चिराग पासवान) अपनी गलती को भविष्य में स्वीकार करें, प्रायश्चित करें और उन गलतियों को लेकर मंथन करें तो जरूर सोचूंगा.
पारस ने कहा कि मैं बार-बार कहता हूं, मैंने पहले भी कहा था कि चिराग मेरा बेटा है, भतीजा है और परिवार का अंग है. लेकिन वो रास्ते से भटक गया है. वो अपनी गलती को स्वीकार करें. अगर वो परिवार और पार्टी के लिए कुछ करना चाहता हैं तो सौरभ पांडेय जैसे व्यक्ति से अलग हों.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देखिए आदमी बलवान नहीं होता है, समय बलवान होता है. समय की पुकार है कि वो अपने आप में मंथन करें कि चाचा के साथ दुर्व्यवहार क्यों किया. हम तीनों भाईयों में जो प्यार मोहब्बत थी, शायद हिन्दुस्तान में किसी परिवार में नहीं होगी. बड़े भैया के जाने के बाद मुश्किल से 15 दिन के बाद मेरा परिवार टूट गया.
एलजेपी नेता ने कहा कि यदि चिराग पासवान उन बातों का प्रायश्चित करें और गहराई से मंथन करें तो निश्चित तौर पर जब समय आएगा तो उस पर विचार किया जाएगा.
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आपको बताएं कि पशुपति पारस ने फिर दोहराया कि 1977 में जब हमारे बड़े भाई (रामविलास पासवान) हाजीपुर से चुनाव लड़े, गिनीज बुक में उनका नाम आया, उस समय से मैं साया की तरह उनके साथ हूं. उससे भी पहले से 1969 से जब वो अलौली से पहली बार विधायक बने थे, उस समय से मैं उनके साथ हूं और टोटल काम मैं ही उनका करता था. उन्होंने कहा कि बेटा होने के नाते चिराग भले ही रामविलास पासवान की संपत्ति के वारिस हो सकते हैं, लेकिन राजनीतिक उत्तराधिकारी तो मैं ही हूं. अब एलजेपी पर भी मेरा ही अधिकार है.