पटनाः बिहार के अरवल में जिंदा जलाने (mother and daughter burnt alive) के मामले में इलाजरत लड़की की मौत हो गई. उसके मां की मौत घटना के दिन ही हो गई थी. घटना को लेकर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व केन्द्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने शोक व्यक्त किया. पशुपति पारस ने आक्रोश जताते हुए कहा कि इस घटना को अंजाम देनेवाले अपराधियों को सत्ताधारी गठबंधन का संरक्षण प्राप्त है. इसलिए अब तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है.
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क्या है मामलाः घटना 28 नवंबर की है. जिले के परासी गांव में दबंगों ने मां बेटी पर पेट्रॉल छिड़क कर आग लगा दी थी. जिसमें महिला का मौत हो गई थी. वहीं झुलसे बेटी की इलाज पटना में चल रहा था. जहां सोमवार को उसकी भी मौत हो गई. बता दें कि छेड़खानी का विरोध करने पर मां और बेटी को जिंदा जला दिया था. दबंगों ने दोनों को घर में बंद कर घर को आग के हवाले कर दिया था. जिसमें दोनों मां और बेटी बुरी तरह से झुलस गयी थी.
सरकार की लापरवाही से मौतः पारस ने कहा कि बच्ची की मौत इलाज के अभाव में हो गई. वर्तमान सरकार का कोई भी प्रतिनिधि घटना के बाद से उस बच्ची का सुधी लेने के लिए नहीं गए. सरकार इतनी बड़ी हृदय विदारक घटना के बाद पूरी तरह से उदासीन और लापरवाह रही. स्वास्थ्य विभाग एवं वर्तमान सरकार चाहती तो मासूम बड़े अस्पताल में इलाज करवा सकती थी, जिससे बच्ची की जान बच जाती लेकिन ऐसा नहीं किया गया.
"चकिया गांव में मां बेटी को जिंदा जलाये जाने की घटना दरिंदगी की परकाष्ठा है, नामजद अभियुक्त सत्ताधारी गठबंधन के समर्थक हैं. वहां के थाना प्रभारी की मिलीभगत से इतनी बड़ी घटना को अंजाम दिया गया है. सभी दोषियों को तेजी से स्पीडी ट्रायल चलाकर फांसी की सजा दी जाए." -पशुपति कुमार पारस, केन्द्रीय मंत्री