पटना: बिहार में आगामी दिनों में दो विधानसभा क्षेत्र तारापुर (Tarapur) और कुशेश्वरस्थान (Kusheshwar Asthan) में उपचुनाव (By Election) होने वाले हैं. इसकी राजनीति अभी से ही बिहार में शुरू हो गई है. उपचुनाव से पहले भतीजे चिराग पासवान (Chirag Paswan) को लेकर पशुपति पारस (Pashupati Paras) के तेवर भी नरम पड़ गए हैं.
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दरअसल, दलित सेना के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र पासवान (Ramchandra Paswan) की दूसरी पुण्यतिथि के अवसर पर जहां बीजेपी (BJP) के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल (Sanjay Jaiswal) भी उपस्थित थे, वहां उन्होंने कहा कि ''दोनों बेटे चिराग और प्रिंस को मैं तहे दिल से आशीर्वाद देता हूं कि वह अपने पिता का नाम रोशन करें''. उनके बदलते सुर को लेकर कहीं ना कहीं बीजेपी का दबाव देखा जा रहा है.
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के दौरान ही चिराग पासवान ने एनडीए (NDA) से अलग हटकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था, जिसका खामियाजा कहीं ना कहीं जेडीयू (JDU) को भी भुगतना पड़ा था. बिहार की सबसे बड़ी पार्टी जेडीयू महज 43 सीटों पर सिमट कर रह गई.
लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party) में दो फाड़ होने के बाद महागठबंधन (Mahagathbandhan) लोजपा को अपने साथ लाने की कवायद में जुट गया है. लोजपा के सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने चिराग पासवान को आगामी उपचुनाव में महागठबंधन से एक सीट पर चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है.
वहीं, लोजपा के प्रवक्ता को भी लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) ने भी एक साथ चुनाव लड़ने का ऑफर चिराग पासवान के समक्ष रखने की बात कही है.
जेडीयू भी इस बात को मानती है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान लोजपा के द्वारा जेडीयू उम्मीदवार के अगेंस्ट में लोजपा द्वारा उतारे गए उम्मीदवार की वजह से जेडीयू 71 सीट से 43 सीट पर सिमट कर रह गई है. हालांकि, चिराग पासवान बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान कामयाब नहीं हो पाए, लेकिन उन्होंने जो निर्णय लिया था जेडीयू को हराने का उसमें कहीं ना कहीं वो कामयाब हुए थे.
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आगामी बिहार विधानसभा के 2 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में लोजपा अकेले चुनाव लड़ेगी या गठबंधन के साथ यह अभी तय नहीं हुआ है, लेकिन महागठबंधन की ओर से राजद (RJD) और कांग्रेस (Congress) की तरफ से लगातार चिराग पासवान को साथ लड़ने का ऑफर दिया जा रहा है.
हालांकि, बिहार विधानसभा के उपचुनाव में लोजपा चुनाव लड़ पाएगी कि नहीं यह कह पाना इसलिए मुश्किल है, क्योंकि लोजपा के चुनाव चिन्ह पर चिराग पासवान या पशुपति पारस में से किस का अधिकार होगा. यह चुनाव आयोग के निर्णय पर तय होगा. हालांकि, लोजपा के प्रवक्ता चंदन सिंह ने दावा किया है कि उपचुनाव के पहले ही चुनाव आयोग का चिराग पासवान के फेवर में फैसला मिल जाएगा.
लोजपा अगर महागठबंधन के साथ जाकर चुनाव लड़ती है, तो इसका खामियाजा कहीं ना कहीं बीजेपी और जेडीयू को भुगतना पड़ सकता है. बीजेपी और जेडीयू की तरफ से पूरी कोशिश की जा रही है कि महागठबंधन या आरजेडी के साथ लोजपा नहीं जा सकें. जिस वजह से इन दिनों चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस भी चिराग के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर दिखा रहे हैं. पशुपति पारस द्वारा चिराग पासवान को तानाशाह बोलने वाले चाचा पशुपति पारस इन दिनों चिराग को आगे बढ़ने का आशीर्वाद दे रहे हैं.
लोजपा के चिराग गुट के प्रवक्ता चंदन सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि ''राजनीतिक दल होने की वजह से हम जरूर उपचुनाव लड़ेंगे. परंतु, चुनाव अकेले लड़ेंगे या गठबंधन के साथ इसका निर्णय शीर्ष नेतृत्व को तय करना है. हालांकि, कई दलों की तरफ से उन्हें साथ में चुनाव लड़ने का ऑफर मिल रहा है.''
वहीं, तेजस्वी यादव द्वारा चिराग पासवान को दिए गए ऑफर को लेकर पशुपति पारस गुट के प्रवक्ता दिनेश पासवान ने कहा कि ''यह तो पहले से ही तय है कि चिराग पासवान ने तेजस्वी यादव यानी आरजेडी को जिताने के लिए बिहार विधानसभा चुनाव में कार्य किया है. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान नहीं, बल्कि तेजस्वी यादव के हनुमान हैं. चिराग पासवान ने राघोपुर और हसनपुर सीट से डमी कैंडिडेट उतारकर आरजेडी को जिताने का काम किया था.''
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