नई दिल्ली/पटना: उत्तर प्रदेश सरकार ने राजस्थान के कोटा में फंसे 8 हजार छात्रों को वापस लाने के लिए 300 बसें कोटा भेजी है. यूपी सरकार के फैसले पर नीतीश कुमार ने तंज कसते हुए कहा था, कि यह लॉकडाउन के नियमों के खिलाफ है. वहीं, अब जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव ने नीतीश के बयान की आलोचना करते हुए कहा है कि जो काम बिहार सरकार करने में नाकाम रही, वो दूसरों के अच्छे कामों को स्वीकार कैसे कर सकती है.
क्या है मामला?
दरअसल, कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन में फंसे यूपी के 8 हजार छात्रों कोटा से वापस लाने के लिए सरकार ने 300 बसों के माध्यम से वापस लाने का निर्णय लिया है. जिस पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि यूपी सरकार का यह निर्णय लॉकडाउन के नियमों के खिलाफ है. केंद्र सरकार मामले में हस्तक्षेप करे. साथ ही नीतीश ने कहा कि बिहार के जो लोग दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं. हम उन्हें वहीं पर मदद पहुंचवा दे रहे हैं.
'नीतीश को लॉकडाउन का मतलब ही नहीं पता'
यूपी सरकार के निर्णय पर नीतीश कुमार ने कहा था कि सरकार ने जो निर्णय लिया है उससे दूसरे राज्यों पर दबाव बढ़ेगा कि अगर उत्तर प्रदेश सरकार कोटा से छात्रों को बुला रही है. तब हमारे बच्चों को भी बुलाया जाना चाहिए. साथ ही ऐसे में फिर बस और ट्रेन चलाने की मांग उठने लगेगी. वहीं, जन अधिकार पार्टी के सरंक्षक पप्पू यादव ने नीतीश कुमार के बयान पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि नीतीश को कोरोना और लॉकडाउन का मतलब ही नहीं पता है.
'बिहारियों पर जुर्म न करे सरकार'
पप्पू यादव ने कहा कि नीतीश को दूसरे के कामों की आलोचना की बजाय कोटा में फंसे बिहार के छात्रों को वापस लाना चाहिए. नीतीश कुमार के पास कोटा भेजने के लिये बस नहीं है, इसलिए वह UP सरकार के निर्णय का विरोध कर रहे हैं. नीतीश कुमार को लगता है कि अगर दूसरे राज्यों में फंसे बिहार के लोग वापस आ गए तो सूबे का सारा राशन और पैसा समाप्त हो जायेगा. मैं सीएम से कहना चाहता हूं कि दूसरे राज्यों में फंसे बिहारियों पर जुर्म मत कीजिये.
'कोरोना वारियर्स को देंगे सहायता राशि'
जाप संरक्षक ने सरकार को मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि मैं नीतीश कुमार को जितने बसों की जरुरत होगी देने के लिए तैयार हूं. उनसे आग्रह है कि उन बसों को कोटा भेजें और अपने राज्य के छात्रों को वापस लाकर उनकी जांच कराकर घर भेजें. साथ ही उन्होंने ने कहा कि इस संकट के दौर में जनता का सेवा करते डॉक्टर की मौत होने पर उनके परिजनों को 5 लाख और पुलिसकर्मी की मौत पर एक लाख रुपये की सहायता राशि देने का पार्टी ने निर्णय लिया है.