पटना : बिहार के पूर्णिया में महागठबंधन की रैली से पहले दलों के अंदर मनमुटाव के संकेत उभरने लगे हैं. जन अधिकार पार्टी के संरक्षक पप्पू यादव ने आरोप लगाते हुए कहा है कि महागठबंधन में सिर्फ दो दलों का बोलबाला है. ऐसे में उन्हें निमंत्रण तक नहीं भेजा गया है. उन्होंने महागठबंधन की रैली से पहले सलाह देते हुए कहा कि बिना कांग्रेस को साथ लिए मनोरथ सिद्ध नहीं हो सकता.
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'बिना कांग्रेस के विपक्षी एकजुटता नहीं': जाप सुप्रीमो पप्पू यादव ने कहा कि पूर्णिया उनकी जन्मभूमि और कर्मभूमि रहा है. पप्पू यादव ने सवाल उठाते हुए कहा कि महागठबंधन को यह लोग सही से मानते हैं, तो फिर कांग्रेस को क्यों नहीं अहमियत दी जा रही है. आप देखिए कांग्रेस का राष्ट्रीय सम्मेलन है और इसी बीच में 25 फरवरी को पूर्णिया में महागठबंधन के नेताओं ने रैली करने का निर्णय कर दिया है. इसका मतलब है कि कांग्रेस को कमतर आंका जा रहा है. महागठबंधन में कहीं से किसी भी मुद्दे पर उनसे पूछताछ नहीं की जा रही है जो कि बहुत गलत बात है.
''राजद को नसीहत देना चाहते हैं कि वह ऐसा घमंड नहीं करें. कहीं भी बिहार में कोई घटना होती है, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव वहां नहीं जाते हैं. पटना के नजदीक में घटना हुई महागठबंधन के कोई बड़े नेता वहां नहीं पहुंचे. अगर महागठबंधन को ठीक से चलाना है तो भारतीय जनता पार्टी की जो पॉलिसी है, उस पर ध्यान देना होगा. भारतीय जनता पार्टी देखिए छोटे-छोटे दलों को एक साथ ला रही है. कहीं ना कहीं अगर कहिए तो महागठबंधन से तो अच्छा भारतीय जनता पार्टी है. जो छोटे दलों को भी ख्याल रख रही है. उसको साथ ला रही है और अपने गठबंधन को मजबूत कर रही है.'' - पप्पू यादव, जाप संरक्षक
'नीतीश बुलाएंगे तो पूर्णिया की रैली में जाएंगे' : जब पप्पू यादव से पूछा गया कि पूर्णिया की रैली में बुलाया तो नहीं गया है, क्या आप जाइएगा? तो उन्होंने कहा कि हम बिन बुलाए मेहमान हैं. लेकिन फिर भी अगर नीतीश जी हमें कहेंगे वहां आने के लिए तो हम जरूर जाएंगे. लेकिन फिलहाल जो बिहार में महागठबंधन का है, उसे पूरी तरह से पप्पू यादव नजर आ रहे हैं. साथ ही उनका कहना है कि बिना कांग्रेस का कभी भी विपक्षी एकजुटता पूरे देश में नहीं हो सकती. इसीलिए ऐसे मामलों में कांग्रेस की अगुवाई जरूरी है.