नई दिल्ली/पटना: जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने ईटीवी से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि देश में लॉकडाउन घोषित होने के बाद से मैं दिल्ली में फंसे हुए बिहार के मजदूरों की हर संभव मदद कर रहा हूं. दिल्ली में रह रहे बिहार के मजदूरों को प्रत्येक दिन राशन और जरूरतमंद मजदूरों को आर्थिक सहायता करने के साथ ही यहां फंसे मजदूरों को बिहार भेजने के लिए हम लोग अब तक कई बसों का इंतजाम भी कर चुके हैं.
पप्पू यादव ने कहा कि देशभर के सभी मजदूर जी जान से काम करते हैं. मेरी मांग है कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इन लोगों को 21 तोपों की सलामी मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने आठ करोड़ प्रवासी मजदूरों को 2 महीने तक मुफ्त अनाज देने की घोषणा तो की थी, लेकिन मजदूरों को कोई अनाज नहीं मिलेगा. मजदूरों को सिर्फ चक्कर लगाने में 2 महीने का समय निकल जाएगा.
'मजदूरों के हित में कुछ बड़ा करे सरकार'
जाप संरक्षक ने कहा कि बिहार सरकार मजदूरों को बेवकूफ बना रही है. बिहार सरकार प्रदेश में पहले से रह रहे मजदूरों को काम देने में असफल रही है और प्रदेश में पलायन कर रहे मजदूरों को हुनर के हिसाब से रोजगार देने का वादा कर रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि मजदूरों के हित के लिए कुछ बड़ा ऐलान करे, जिससे उनको कोई समस्या नहीं हो.
'मजदूरों को 15 हजार रुपये मुहैया कराए सरकार'
पप्पू यादव ने आगे कहा कि बिहार सरकार के पास मजदूरों की मदद के लिए पैसा ही नहीं है. इसलिए प्रवासी मजदूरों को सरकार केवल झूठे सपने दिखा रही है. लॉकडाउन लागू करके मजदूरों को तबाह करने की कोशिश की गई है. मेरी सरकार से ये मांग है कि मजदूरों के बैंक खाते में 15-15 हजार रुपये डाले जाएं. मौके पर उन्होंने दावा करते हुए कहा कि 5 लाख मजदूरों को मैंने राशन और पैसा मुहैया कराया है.
'विदेश से आने वाले लोगों के साथ आया कोरोना'
पूर्व सांसद ने कहा कि देश के हालात इतने खराब हैं कि प्रवासी मजदूर दिल्ली से बिहार भूखे-प्यासे पैदल चलकर बिहार जाने को मजबूर हैं. साथ ही उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत में विदेश से आने वाले लोगों के साथ देश में कोरोना आया और भुगतना मजदूरों को पड़ रहा है. बता दें कि पप्पू यादव प्रवासी मजदूरों की दयनीय स्थिति को लेकर दिल्ली में भूख हड़ताल पर भी बैठे थे.