पटना: बिहार की राजधानी पटना में जन अधिकार पार्टी के सुप्रीमो पप्पू यादव ने शुक्रवार को पार्टी दफ्तर में प्रेस वार्ता कर आरटीआई की रिपोर्ट का हवाला देते हुए वन विभाग के तीन अधिकारियों पर 10 करोड़ से ज्यादा के गबन का आरोप लगाया. उन्होंने आरटीआई रिपोर्ट दिखाते हुए सरकार से कार्रवाई करने की मांग की.उन्होंने कहा कि गया वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिषेक कुमार, गया वन संरक्षक चंद्रशेखर और गया के एडिशनल चीफ इंटेरोगेटिव ऑफिसर, फॉरेस्ट पीके गुप्ता की मिलीभगत से घोटाला हुआ है और जांच में रिपोर्ट प्रतिवेदन भी आ गया है.
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गबन के बावजूद पदोन्नति देने का लगाया आरोप: पप्पू यादव ने कहा कि 12 दिसंबर 2019 को ₹21,70,43,717 का टेंडर जारी हुआ. इसमें पानी टैंक का निर्माण करना था. जांच रिपोर्ट में ₹10 करोड़ के गबन का मामला सामने आया था. पप्पू यादव ने कहा कि इतने बड़े घोटाले के बावजूद तीनों अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि सभी अधिकारियों की पदोन्नति कर दी गई. अभिषेक कुमार को तिरहुत प्रमंडल का डीएफओ बना दिया गया. हाल ही में अभिषेक कुमार को बर्खास्त करने के बजाय उन्हें हॉर्टिकल्चर का निदेशक बना दिया गया. वहीं एक और आरोपी एस चंद्रशेखर को प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में मेंबर सेक्रेटरी के पद पर तैनात कर दिया गया और पीके गुप्ता वाइल्डलाइफ का सीसीए बना दिए गया.
"गया वन प्रमंडल पदाधिकारी अभिषेक कुमार, गया वन संरक्षक चंद्रशेखर और गया के एडिशनल चीफ इंटेरोगेटिव ऑफिसर, फॉरेस्ट पीके गुप्ता की मिलीभगत से घोटाला हुआ है और जांच में रिपोर्ट प्रतिवेदन भी आ गया है. जांच रिपोर्ट में ₹10 करोड़ के गबन का मामला सामने आया था. पप्पू यादव ने कहा कि इतने बड़े घोटाले के बावजूद तीनों अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि सभी अधिकारियों की पदोन्नति कर दी गई" - पप्पू यादव, जाप सुप्रीमो
पप्पू यादव ने की कार्रवाई की मांग: पप्पू यादव ने कहा कि वह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस पूरे मामले को लेकर साक्ष्य के आधार पर पत्र लिखेंगे और तीनों दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करेंगे. साथ ही साथ मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र की कॉपी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को भी भेजेंगे. इतने बड़े घोटाले के बावजूद यह तीनों अधिकारी बड़े पदों पर तैनात हैं जबकि इन सभी पर आर्थिक अपराध के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जरूरत है और इसकी वह मांग करते हैं.
मोदी सरकार के नौ साल पर हमला: पप्पू यादव ने कहा कि केंद्र की सरकार के 9 साल पूरे हो गए हैं लेकिन इनकी उपलब्धि बेरोजगारी, नफरत और राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को गाली देना ही रहा है. उन्होंने नए संसद भवन के उद्घाटन पर हो रहे विवाद पर कहा कि राष्ट्रपति देश में संविधान के मुताबिक सर्वोच्च पद है इसलिए वह सर्वोच्च न्यायालय से इसमें हस्तक्षेप करने का आग्रह करेंगे. राष्ट्रपति के हाथों नए संसद भवन का उद्घाटन ना होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद करेंगे और यह मोदी सरकार का आदिवासी विरोधी चेहरा है.