पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अन्ने मार्ग स्थित नेक संवाद में खरीफ विपणन मौसम 2020-21 में धान अधिप्राप्ति संबंधित उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की. बैठक में सहकारिता विभाग की सचिव वंदना प्रेयसी ने धान अधिप्राप्ति की अद्यतन स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया. बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि सभी जिलाधिकारी क्षेत्र भ्रमण करें और किसानों से मिलकर वास्तविक स्थिति की जानकारी लें, ताकि जो भी इच्छुक बचे हुए किसान हैं. उनकी अधिक से अधिक धान की खरीदारी हो सके. मुख्यमंत्री ने धान अधिप्राप्ति की तिथि बढ़ाकर 21 फरवरी करने का निर्देश दिया है.
'किसानों का शीध्र हो भुगतान'
धान अधिप्राप्ति की बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के डीएम से भी रिपोर्ट ली. उन्हें सख्त निर्देश दिया कि क्षेत्र में धान की उपलब्धता का आकलन करें और बचे हुए किसानों का भी आकलन करें. किसानों और पैक्स के बीच बेहतर कोआर्डिनेशन के लिए पदाधिकारी सजग रहें. पैक्स और चावल मिलों की भंडारण क्षमता का आकलन कर उसका विस्तार करें. जिन क्षेत्रों में धान अधिप्राप्ति कम हुई है, उसका भी कारण पता करें और अधिक से अधिक इच्छुक किसानों से धान अधिप्राप्ति हो यह सुनिश्चित करें. धान अधिप्राप्ति के उपरांत किसानों का भुगतान यथाशीघ्र करने का भी निर्देश दिया.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से औरंगाबाद, गया, भोजपुर, बक्सर, नालंदा, पटना, कैमूर, रोहतास, बांका, सुपौल, नवादा, अरवल, जहानाबाद, पूर्वी चंपारण और लखीसराय जिले के डीएम ने अपने जिले में धान अधिप्राप्ति की अद्यतन स्थिति की जानकारी मुख्यमंत्री को दी. बैठक में खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव और मुख्य सचिव के साथ संबंधित विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे.
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किसानों की मांग पर बढ़ाई गई अधिप्राप्ति की तिथि
मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों से किसानों की तरफ से मांग आ रही थी कि धान अधिप्राप्ति की समय सीमा बढ़ा दी जाए. इसे देखते हुए धान अधिप्राप्ति की समय सीमा को 21 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है ताकि कोई भी इच्छुक किसान धान अधिप्राप्ति से वंचित न रह सके.