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VIDEO: पारंपरिक गीतों के साथ धान रोपनी शुरू, भगवान इंद्र से अच्छी बारिश की महिलाएं करती हैं प्रार्थना

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Published : Jun 28, 2022, 2:24 PM IST

पटना जिले में मानसून दस्तक (Monsoon In Patna) देते ही खेतों में धान रोपनी का काम शुरू हो गया है. झमाझम बारिश के साथ खेतों में रोपनी का काम शुरू किया गया है. पूरे जिले में लगभग पंद्रह हजार हेक्टेयर में फसल की रोपनी की जाती है. पढ़ें पूरी खबर...

पटना में धान रोपनी शुरू
पटना में धान रोपनी शुरू

पटना: बिहार में मानसून की दस्तक देते ही पटना के मसौढ़ी में खेतों में धान रोपनी का काम शुरू (Paddy sowing in Patna) कर दिया गया है. यहां महिलाएं अपने पारंपरिक गीतों के साथ धान की रोपाई कर रही हैं. महिलाए धान रोपने के समय भगवान इंद्र को खुश करने के लिए गीत भी गुनगुनाती हैं ताकि भगवान इंद्र खुश हो और अच्छी बारिश हो सके. बारिश से धान की उपज अच्छी होती है.




ये भी पढ़ें- चारा तो बस एक नाम है.. बिहार में घोटालों की है फेहरिस्त.. जिसे करने वाले आज भी आराम से घूम रहे

धान रोपने का काम शुरू: जिले के धनरुआ थाना क्षेत्र में खेत में काम करने वाली महिलायें गीत के जरिये भगवान इंद्र को खुश करते हुए अपने खेतों में धान रोपने का काम करती हैं. धनरूआ प्रखंड में कुल 19 हजार हेक्टेयर धान की उपज होती है, वहीं मसौढी प्रखंड में धान की बंपर उपज होती है. वहीं इस क्षेत्र में कुल 15 हजार हेक्टेयर में धान की फसल लगाई जाती है. पिछले साल भी धान की अच्छी उपज हुई थी लेकिन बाढ़ आ जाने के कारण काफी क्षति हुई थी. इस बार अनुमान है कि धान की बंपर उपज होगी. वहीं किसानों का कहना है कि अगर समय पर बारिश हुई और बाढ़ का प्रकोप नहीं हुआ तो धान की अच्छी उपज होगी.

ये भी पढ़ें- बिहार में करोड़ों का धान घोटाला: 11 साल बाद एक्शन मोड में सरकार, आरोपियों पर कार्रवाई की तैयारी

पारंपरिक गीत से शुरुआत: बता दें, महिलाओं के द्वारा इस समय खेतों में काम करते समय भगवान इंद्र को खुश करने के लिए गीत गाती हैं. इसके पीछे कई तरह की पौराणिक मान्यताएं हैं, खेतों में पारंपरिक गीत के साथ जब महिलाएं गीत गाती हैं तो बादल धुमड़ने लगते हैं, काले काले बादल आने लगते हैं. जिसके बाद बारिश होने लगती है. अनादि काल से पारंपरिक गीतों के साथ भगवान इंद्र को खुश करने का रिवाज चला आ रहा है. वहीं धान रोपनी से पहले खेतों की पूजा की जाती है. उसके बाद ही धान की रोपनी का काम शुरू होता है.

पटना: बिहार में मानसून की दस्तक देते ही पटना के मसौढ़ी में खेतों में धान रोपनी का काम शुरू (Paddy sowing in Patna) कर दिया गया है. यहां महिलाएं अपने पारंपरिक गीतों के साथ धान की रोपाई कर रही हैं. महिलाए धान रोपने के समय भगवान इंद्र को खुश करने के लिए गीत भी गुनगुनाती हैं ताकि भगवान इंद्र खुश हो और अच्छी बारिश हो सके. बारिश से धान की उपज अच्छी होती है.




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धान रोपने का काम शुरू: जिले के धनरुआ थाना क्षेत्र में खेत में काम करने वाली महिलायें गीत के जरिये भगवान इंद्र को खुश करते हुए अपने खेतों में धान रोपने का काम करती हैं. धनरूआ प्रखंड में कुल 19 हजार हेक्टेयर धान की उपज होती है, वहीं मसौढी प्रखंड में धान की बंपर उपज होती है. वहीं इस क्षेत्र में कुल 15 हजार हेक्टेयर में धान की फसल लगाई जाती है. पिछले साल भी धान की अच्छी उपज हुई थी लेकिन बाढ़ आ जाने के कारण काफी क्षति हुई थी. इस बार अनुमान है कि धान की बंपर उपज होगी. वहीं किसानों का कहना है कि अगर समय पर बारिश हुई और बाढ़ का प्रकोप नहीं हुआ तो धान की अच्छी उपज होगी.

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पारंपरिक गीत से शुरुआत: बता दें, महिलाओं के द्वारा इस समय खेतों में काम करते समय भगवान इंद्र को खुश करने के लिए गीत गाती हैं. इसके पीछे कई तरह की पौराणिक मान्यताएं हैं, खेतों में पारंपरिक गीत के साथ जब महिलाएं गीत गाती हैं तो बादल धुमड़ने लगते हैं, काले काले बादल आने लगते हैं. जिसके बाद बारिश होने लगती है. अनादि काल से पारंपरिक गीतों के साथ भगवान इंद्र को खुश करने का रिवाज चला आ रहा है. वहीं धान रोपनी से पहले खेतों की पूजा की जाती है. उसके बाद ही धान की रोपनी का काम शुरू होता है.

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