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पटना: अस्पताल के बाहर एंबुलेंस कर्मियों का 'राज', वसूल रहे मनमानी रकम - बिहार में कोरोना

बिहार के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में एंबुलेंस कर्मियों का राज चल रहा है. 10 किलोमीटर के रास्ते के लिए सरकारी अस्पताल के बाहर खड़े एम्बुलेंस चालक 5 हजार रुपए मांग रहे हैं. ईटीवी भारत ने ये जानने का प्रयास किया कि आखिरकार एंबुलेंस कर्मी किस तरह से मरीजों और उनके परिजनों को लूटने का काम कर रहे हैं.

पटना
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Published : May 27, 2021, 10:59 PM IST

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण के आंकड़े में कमी आने के बाद ईटीवी भारत ने ये जानने का प्रयास किया कि आखिरकार अब सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के बाहर खड़े एंबुलेंस कर्मी किस तरह से मरीजों और उनके परिजनों को लूटने का काम कर रहे हैं. हमने पटना के पीएमसीएच अस्पताल के बाहर खड़े निजी एंबुलेंस कर्मियों से जब पटना के पीएमसीएच से एक मरीज को सगुना मोड़ स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए कहा तो उस एंबुलेंस चालक ने 3500 रुपये की डिमांड कर दी.

ये भी पढ़ें- PMCH और IGIMS के भरोसे बिहार के मरीज, केवल फाइलों में हैं गांव के स्वास्थ्य केंद्र

एंबुलेंस कर्मियों की मनमानी
जब एंबुलेंस कर्मी से पूछा कि अगर मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करवाने के दौरान अगर ऑक्सीजन की जरूरत पड़े, तो क्या इसका इंतजाम हो जाएगा. इस पर एंबुलेंस चालक ने तुरंत जवाब देते हुए कहा कि सभी प्रकार के इंतजाम हो जाएंगे और उसके पैसे अलग से लगेंगे.

एंबुलेंस चालक कर रहे वसूली
कोरोना महामारी से एक ओर कई लोग अपनों को खो चुके हैं. वहीं कुछ ऐसे लोग हैं जो इस आपदा में अवसर तलाशने में बिल्कुल भी संकोच नहीं कर रहे हैं. जिंदगी की कीमत लग रही है. हर एक मिनट और किलोमीटर से रुपये की वसूली की जा रही है.

ये भी पढ़ें- कोरोना काल में अस्पतालों पर राजनीति, खंडहरनुमा तस्वीरों से सरकार को घेर रहे लालू

जहां कुछ महीने पहले एंबुलेंस की लाइन लगी रहती थी. उस पीएमसीएच कैम्पस में आज की तारीख में एक भी एंबुलेंस नहीं दिख रहा था. लेकिन, वहां चार-पांच आदमी बैठे थे. जैसे ही ईटीवी भारत संवाददाता ने एंबुलेंस की बात की तो 5-6 एम्बुलेंस चालक वहां पहुंच गये. इस दौरान एक ने सरकारी दर बताते हुए 1500 रुपये साथ में सिलेंडर बताया, तो वहीं पीएमसीएच परिसर के अंदर मौजूद अन्य एंबुलेंस कर्मी अपने ही जान पहचान के एंबुलेंस कर्मी की बातों से भड़क गये और बोलने लगे सिलेंडर नहीं मिलेगा.

प्राइवेट अस्पताल के बाहर लुटेरे
बता दें कि बिहार सरकार के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने इस संक्रमण काल के दौरान नॉन एसी एंबुलेंस का किराया 50 किलोमीटर तक 1500 रुपये तय किया था, तो वहीं एसी एंबुलेंस के 50 किलोमीटर तक का किराया 2500 रुपये तय किया गया था. बावजूद इसके राजधानी पटना के सरकारी और निजी अस्पतालों के बाहर खड़े ये एंबुलेंस कर्मी लोगों से मनमाना किराया वसूलते नजर आ रहे हैं.

ईटीवी भारत का ऑपरेशन एंबुलेंस

ये भी पढ़ें- Black Fungus: दांत में दर्द और मसूड़ों में सूजन भी है ब्लैक फंगस के लक्षण, ऐसे करें बचने के उपाय

एंबुलेंस चालकों के अलग-अलग गुट
जब पटना के अशोक राजपथ इलाके में मौजूद अन्य कई निजी अस्पतालों के बाहर खड़े एंबुलेंस कर्मियों से जब ईटीवी संवाददाता ने अपने मरीज को पटना के पीएमसीएच के राजेंद्र सर्जिकल वार्ड से हाजीपुर के एक अस्पताल ले जाने का किराया एंबुलेंस चालक से पूछा तो किसी ने 3500 रुपये बताए, तो किसी ने 5000 . इसके बाद भी मरीज को एंबुलेंस में ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है, तो उसके लिए 1 हजार की अलग से डिमांड की गई. पीएमसीएच में एंबुलेंस चालकों के अलग-अलग गुट है. ये बात खुद एक एंबुलेंस चालक ने बतायी.

पटना: बिहार में कोरोना संक्रमण के आंकड़े में कमी आने के बाद ईटीवी भारत ने ये जानने का प्रयास किया कि आखिरकार अब सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के बाहर खड़े एंबुलेंस कर्मी किस तरह से मरीजों और उनके परिजनों को लूटने का काम कर रहे हैं. हमने पटना के पीएमसीएच अस्पताल के बाहर खड़े निजी एंबुलेंस कर्मियों से जब पटना के पीएमसीएच से एक मरीज को सगुना मोड़ स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराने के लिए कहा तो उस एंबुलेंस चालक ने 3500 रुपये की डिमांड कर दी.

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एंबुलेंस कर्मियों की मनमानी
जब एंबुलेंस कर्मी से पूछा कि अगर मरीज को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करवाने के दौरान अगर ऑक्सीजन की जरूरत पड़े, तो क्या इसका इंतजाम हो जाएगा. इस पर एंबुलेंस चालक ने तुरंत जवाब देते हुए कहा कि सभी प्रकार के इंतजाम हो जाएंगे और उसके पैसे अलग से लगेंगे.

एंबुलेंस चालक कर रहे वसूली
कोरोना महामारी से एक ओर कई लोग अपनों को खो चुके हैं. वहीं कुछ ऐसे लोग हैं जो इस आपदा में अवसर तलाशने में बिल्कुल भी संकोच नहीं कर रहे हैं. जिंदगी की कीमत लग रही है. हर एक मिनट और किलोमीटर से रुपये की वसूली की जा रही है.

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जहां कुछ महीने पहले एंबुलेंस की लाइन लगी रहती थी. उस पीएमसीएच कैम्पस में आज की तारीख में एक भी एंबुलेंस नहीं दिख रहा था. लेकिन, वहां चार-पांच आदमी बैठे थे. जैसे ही ईटीवी भारत संवाददाता ने एंबुलेंस की बात की तो 5-6 एम्बुलेंस चालक वहां पहुंच गये. इस दौरान एक ने सरकारी दर बताते हुए 1500 रुपये साथ में सिलेंडर बताया, तो वहीं पीएमसीएच परिसर के अंदर मौजूद अन्य एंबुलेंस कर्मी अपने ही जान पहचान के एंबुलेंस कर्मी की बातों से भड़क गये और बोलने लगे सिलेंडर नहीं मिलेगा.

प्राइवेट अस्पताल के बाहर लुटेरे
बता दें कि बिहार सरकार के ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने इस संक्रमण काल के दौरान नॉन एसी एंबुलेंस का किराया 50 किलोमीटर तक 1500 रुपये तय किया था, तो वहीं एसी एंबुलेंस के 50 किलोमीटर तक का किराया 2500 रुपये तय किया गया था. बावजूद इसके राजधानी पटना के सरकारी और निजी अस्पतालों के बाहर खड़े ये एंबुलेंस कर्मी लोगों से मनमाना किराया वसूलते नजर आ रहे हैं.

ईटीवी भारत का ऑपरेशन एंबुलेंस

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एंबुलेंस चालकों के अलग-अलग गुट
जब पटना के अशोक राजपथ इलाके में मौजूद अन्य कई निजी अस्पतालों के बाहर खड़े एंबुलेंस कर्मियों से जब ईटीवी संवाददाता ने अपने मरीज को पटना के पीएमसीएच के राजेंद्र सर्जिकल वार्ड से हाजीपुर के एक अस्पताल ले जाने का किराया एंबुलेंस चालक से पूछा तो किसी ने 3500 रुपये बताए, तो किसी ने 5000 . इसके बाद भी मरीज को एंबुलेंस में ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है, तो उसके लिए 1 हजार की अलग से डिमांड की गई. पीएमसीएच में एंबुलेंस चालकों के अलग-अलग गुट है. ये बात खुद एक एंबुलेंस चालक ने बतायी.

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