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कोरोना का असर: दानापुर व्यवहार न्यायालय को 29 मई तक किया गया बंद

दानापुर व्यवहार न्यायालय को 29 मई तक बंद करने का आदेश दिया गया है. वहीं, महासचिव अधिवक्ता ने मांग की है कि ऑनलाइन न्यायिक प्रक्रिया को चालू किया जाए.

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Published : May 23, 2021, 8:19 PM IST

पटना: देश और बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पटना उच्च न्यायालय के पत्रांक संख्या 22664-22700 के निर्देशानुसार दानापुर व्यवहार न्यायालय को बंद करने का आदेश जारी किया है. इसके साथ ही अनुमंडल न्यायालयों में भी कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पुनः न्यायालयों में वकीलों के आने-जाने पर 29 मई तक रोक लगाने का आदेश दिया है.

यह भी पढ़ें- मिट्टी, सड़ी वस्तुओं से भी हो सकता है ब्लैक फंगस का संक्रमण : डॉ अनिल

अधिवक्ता की आर्थिक स्थिति खराब
महासचिव अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने पटना उच्च न्यायालय से मांग की है कि अधिवक्ता के आर्थिक स्थिति को देखते हुए ऑनलाइन न्यायिक प्रक्रिया को चालू किया जाए. ताकि आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके. अधिवक्ता की आर्थिक स्थिति बेहद ही खराब हो चुकी है.

न्यायालयों को बंद करने का आदेश
बता दें कि पूर्व में उच्च न्यायालय ने 5 मई से 15 मई और 16 मई से 22 मई तक पूरे बिहार के न्यायालयों को बंद करने का आदेश दिया था. वहीं केवल विभिन्न मामलों में पकड़े गए अभियुक्तों को रिमांड करने का कार्य किया जाएगा. कोई भी न्यायिक पदाधिकारी व्यवहार न्यायालय नहीं आएंगे. वे अपने निवास के कार्यालय से ही वर्चुअल कार्य करेंगे.

पटना: देश और बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पटना उच्च न्यायालय के पत्रांक संख्या 22664-22700 के निर्देशानुसार दानापुर व्यवहार न्यायालय को बंद करने का आदेश जारी किया है. इसके साथ ही अनुमंडल न्यायालयों में भी कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पुनः न्यायालयों में वकीलों के आने-जाने पर 29 मई तक रोक लगाने का आदेश दिया है.

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अधिवक्ता की आर्थिक स्थिति खराब
महासचिव अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने पटना उच्च न्यायालय से मांग की है कि अधिवक्ता के आर्थिक स्थिति को देखते हुए ऑनलाइन न्यायिक प्रक्रिया को चालू किया जाए. ताकि आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके. अधिवक्ता की आर्थिक स्थिति बेहद ही खराब हो चुकी है.

न्यायालयों को बंद करने का आदेश
बता दें कि पूर्व में उच्च न्यायालय ने 5 मई से 15 मई और 16 मई से 22 मई तक पूरे बिहार के न्यायालयों को बंद करने का आदेश दिया था. वहीं केवल विभिन्न मामलों में पकड़े गए अभियुक्तों को रिमांड करने का कार्य किया जाएगा. कोई भी न्यायिक पदाधिकारी व्यवहार न्यायालय नहीं आएंगे. वे अपने निवास के कार्यालय से ही वर्चुअल कार्य करेंगे.

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