पटनाः शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन बिहार विधानसभा परिसर में विपक्ष ने राज्य में बढ़ रही अफसरशाही (Bureaucracy Increasing In Bihar) के खिलाफ जमकर प्रदर्शन (Opposition Uproar In Assembly) किया. कांग्रेस और भाकपा माले के सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए बेलगाम अफसरशाही को रोकने के लिए सरकार से मांग की. भाकपा माले के विधायक महबूब आलम ने कहा कि जिस तरह की घटना मंत्री के साथ विधानसभा परिषद में गुरुवार को हुई वो निश्चित तौर पर गलत है.
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'मंत्री ने सदन में सब कुछ बताया है. बावजूद इसके अधिकारियों पर अभी तक कार्यवाही नहीं की गई है. सरकार से सदन में हम इस बात पर जवाब मांगेंगे. क्या कारण था कि रात के अंधेरे में अधिकारी मंत्री से मिलने जाते हैं और मामले की लीपापोती कर रहे हैं'- महबूब आलम, विधायक, भाकपा माले
महबूब आलम ने कहा कि जिस तरह से सदन में मंत्री ने सारी बात रखी थी. उसी तरह सदन में ही स्पष्ट शब्दों में बताना होगा कि आखिर इन मामले पर क्या कार्रवाई हुई है. उन्होंने कहा कि मंत्री के साथ जो कुछ हुआ और इस मामले में जो अधिकारी दोषी हैं, उस पर कार्रवाई होनी चाहिए.
वहीं, कांग्रेस के विधायक शकील अहमद खान ने भी सवाल उठाया कि क्यों अधिकारी मंत्री के घर पर रात के अंधेरे में जाते हैं और मामले की लीपापोती करना चाहते हैं. इस तरह का दबाव नहीं चलेगा और सदन में सरकार को जवाब देना होगा. आखिर मंत्री के दुर्व्यवहार मामले पर किन-किन अधिकारियों पर कार्रवाई हुई है
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बता दें कि गुरुवार को विधानसभा परिसर में बिहार के श्रम संसाधान मंत्री जीवेश मिश्रा की गाड़ी को रोक दिया गया था. गाड़ी रोकने से जीवेश मिश्रा डीएम और एसएसपी पर भड़क गए थे. लेकिन आज सत्र के दौरान उनके सुर बदल गए. उन्होंने कहा कि मैंने डीएम और एसएसपी को माफ कर दिया है. दरअसल कल रात को ही पटना के डीएम डा. चंद्रशेखर जीवेश मिश्रा से मिलने उनके आवास पर गए थे और उनको मनाने की कोशिश की थी. बहरहाल मंत्री जी तो मान गए हैं. लेकिन विपक्ष के लोग राज्य में बढ़ रही अफसशाही को लेकर सरकार से जवाब मांग रहे हैं.
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